बहुत मुहर्त निकलवाया ,,इन्तिज़ार किया ,,एक एक सेकंड देखा ,फिर राज्यसभा के
लिए , खुद को इधर से उधर कर ,,पेश किया ,इन्तिज़ार था ,तय समय में राज्यसभा
सदस्य कहलवाने का , लेकिन एक अदालत ऊपर वाली होती है , फीलहाल तो ऐसा संकट
है ,के सभी के हाथ दुआओं के लिए उठे है ,इन हालातों में तुम्हारे दम पर
,इधर उधर होने से ,,मुख्यमंत्री की कुर्सी का सपना तो ,इस संकट में भी संकट
की प्राथमिकता को तक में रखकर पूरा किया ,लेकिन राज्यसभा अभी नहीं ,थोड़ा
खिसक गया है जनाब ,,अख्तर
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