में जो भी हूँ , जैसा भी हूँ
इसी हालत में प्यार करो,,
मुझे बदलने की
तुम कहते हो गर ,
यक़ीनन तुम्हे मुझ से नहीं
मुझे बदलदेने की
ज़िद से प्यार है , अख्तर
इसी हालत में प्यार करो,,
मुझे बदलने की
तुम कहते हो गर ,
यक़ीनन तुम्हे मुझ से नहीं
मुझे बदलदेने की
ज़िद से प्यार है , अख्तर
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)