कोरोना वाइरस के खिलाफ जंग की शुरुआत के बाद ,,,हिन्दुस्तान में यह पहला
जुमा ,यानी शुक्रवार है ,,इस जंग में अपने मज़हबी रिवायतों के साथ ,एक जंगजू
सिपाही की तरह ,हमारे आलिमों द्वारा ,,इस्लामिक रिवायत ,हदीसों के हवाले
से ,,हमे घरों पर ही नमाज़ क़ायम करने की सलाह दी है ,, हम भारतीय है
,भारतवासी है ,हमारे इस्लाम के जंगजू सिपाही है ,हमसे हमारे पडोसी को भी
तकलीफ न पहुंचे ,यह हमारे लिए इस्लामिक हिदायत है ,, हम अपनों के लिए
,पड़ोसियों के लिए खासकर अल्लाह के बताये हुए नेकी ,इंसाफ के रास्ते
पर चलने के लिए अपना सब कुछ क़ुर्बान करने का हौसला रखते है ,यह हौसला
,मस्जिदों में जमात की क़ुर्बानी कर ,घरों में नमाज़ क़ायम करना ,एक नेकी है
,अल्लाह की हिदायतों को मानने का एक रास्ता है ,,एक धर्मयुद्ध है ,,एक
अज़ाब ,,महाअज़ाब के खिलाफ ,सत्यमेव जयते की लड़ाई है ,धर्मयुद्द है ,जेहाद है
, मंदिरों में मठों में नहीं तो क्या , घरों में तो हमारे भाई खुद के लिए ,
हमारे लिये , भगवान से दुआएं खेर कर रहे है , प्रार्थना कर रहे है ,
कोरोना के खिलाफ एक जंगजू सिपाही के रूप में जो एडवाइजरी , जो हिदायतें है
उसकी पालना करना ,हमारी अख़लाक़ी ,इंसाफ़ी ,इंसानी ,ज़िम्मेदारी है ,,अल्लाह
और अल्लाह के ज़रिये क़ायम हुकूमत की सलाह को मानना हमारी अपनी ज़िम्मेदारी है
,,इंशा अललाह इसे हम निभा भी रहे ,है ,,घरों में नमाज़ के साथ ,अल्लाह से
दुआ कीजिये ,गिड़गिड़ाइये ,,अपनी गलतियों की तोबा कीजिये ,अपने गुनाहों की
माफ़ी मांगिये ,,पड़ोसियों के लिए वोह भूखे न सोएं इसकी ज़िम्मेदारी भी
निभाइये ,,आपकी वजह से वोह बेवजह परेशान न हो ,इसका अख़लाक़ी फ़र्ज़ भी अदा
कीजिये ,इंशा अल्लाह भरोसा रखिये ,अल्लाह ने चाहा तो आपकी हर दुआ क़ुबूल
होगी ,इंशा अल्लाह ,अगले जुमे के पहले ,अल्लाह ने चाहा तो फिर से चमन आबाद
होंगे ,फिर से बाज़ारों में रोक रौनक़ होगी ,,फिर से हम एक दूसरे के साथ
मुसाफा कर सकेंगे ,एक दूसरे के पास बैठ सकेंगे ,,इंशा अल्लाह फिर से हम
घरों से बाहर निकल कर ,, अपने कामकाज पर लोट सकेंगे ,फिर से हम ,हमारे
पड़ोसियों के साथ हंस बोल सकेंगे ,,मोहल्ले में अठखेलियां कर सकेंगे ,मुल्क
में एक दूसरे शहर में आ जा सकेंगे ,,इंशा अल्लाह फिर से हम हमारे परिवारों
के साथ ,घूम फिर ,सकेंगे ,, दूरदराज़ रिश्तेदारों को बुला सकेंगे ,उनके
यहां आ जा सकेंगे ,एक खौफ का जो माहौल है ,उससे हम आज़ाद हो सकेंगे ,,,बस
ज़रूरत है एक भरोसे की ,, ,एक हिम्मत की ,एक एहतियात की ,एक प्रायश्चित
,पश्चाताप की ,एक तोबा की ,,इबादत की ,,, खुदा के आगे गिड़गिड़ाने की ,,खुदा
के आगे सर झुका कर अपनी ,अपने लोगों की ,,अपने मुल्क की ,पूरी दुनिया की
फ़लाह बहबूदगी की दुआए करने की ,,नमाज़ क़ायम करने की ,ओरिजनल इंसान बनाने
वाले ,इस्लाम की रिवायत ,बताये हुए रास्ते पर चलने की ,,,ज़रूरत है ,हिम्मत
और हौसला रखने की ,ज़रूरत है नफरत के खिलाफ मोहब्बत की जंग लड़ने ,मोहब्बत
क़ायम करने की ,ज़रूरत है ,,भाईचारा ,सद्भावना ,एक दूसरे के लिए मदद का जज़्बा
क़ायम करने की ,,, इंशा अल्लाह ,इंशा अल्लाह ,आपकी दुआएं क़ुबूल होंगी ,इंशा
अल्लाह फिर से चमन आबाद होंगे ,फिर से गुल ऐ गुलज़ार ,होंगे आप और हम फिर
से चहकेंगे ,फिर से महकेंगे ,,,,,खुशहाल होंगे ,सेहतयाब होंगे ,उम्र दराज़
होंगे ,रोज़ी रोटी के संकट से मुक्त होंगे ,हम हमारा मुल्क ,पूरी दुनिया
फिर से एक नई रौशनी ,एक नई उम्मीद ,एक नए हौसले के साथ उठ खड़ा होगा ,,,ईशा
अल्लाह ,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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