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06 मार्च 2020

मूल्यों की राजनीति की बात तो में क्यों और कैसे करूँ ,लेकिन यह सच है ,के एक ही परिवार के अलग अलग लोग ,अलग अलग पार्टियों में रहकर एक दूसरे की मदद करते है ,

मूल्यों की राजनीति की बात तो में क्यों और कैसे करूँ ,लेकिन यह सच है ,के एक ही परिवार के अलग अलग लोग ,अलग अलग पार्टियों में रहकर एक दूसरे की मदद करते है ,और इससे अलग अलग पार्टियों की सियासत ,सिद्धांत कमज़ोर हो रहे है ,कर्नाटक के बाद ,मध्य्प्रदेश में जो कुछ हो रहा है वोह अक्ष्म्य अपराध है ,लेकिन सियासत है ,प्यार और जंग में सब जाइज़ है ,,कांग्रेस की सरकार है ,सरकार होती है ,लेकिन ऐसे काले कारनामे करने वालों के खिलाफ ,प्रतिपक्ष में अपराध करने वालों के खिलाफ कांग्रेस का उदार रुख हमेशा नुकसान पहुंचाता है ,,संगठन है , लेकिन चुनाव होने ,,सरकार बनने के बाद संगठन खामोश ,जो भी काम होगा ,विधायक या फिर चुनाव लड़े प्रत्याक्षियों के कहने से होगा ,संगठन से जुड़े पदाधिकारियों को कुछ हज़म नहीं होता ,और फिर संगठन के बल पर विधायक बने लोग ,मंत्री बने लोगों को भी ,,अपने कामों की शिकायते , दरबार में ,,विधानसभा में करना पढ़ती है तो अजीब सा लगता है ,संगठन के लोग चीख कर कहने लगे है ,अगर सत्ता में आने के बाद ,विधायकों के ज़रिये ही काम होना है तो फिर संगठन पर ताला लगा देना चाहिए ,,,,यह एक गंभीर प्रश्न है ,,मध्य्प्रदेश में वर्तमान हालातों में ,सरकार के पास उथल पुथल करने के प्रयास करने वालों की पूरी जानकारी है ,,भारी आंतरिक रिश्तो के चलते यह ऑपरेशन सक्सेस के नाम से चलाया जा रहा है ,जिसमे कांग्रेस पार्टी में ही रहकर कई लोग अलग अलग राज्यों में फूल छाप कोंग्रेसी ,या नेकर गेंग के नाम से मशहूर होने पर भी उन के खिलाफ की कार्यवाही नहीं है ,उनके बयानों ,उनकी नाराज़गी उकसावे की कार्यवाहियों पर अनुशासन का डंडा उन पर नहीं है ,बस कुछ इसी तरह के कारण है के माहौल अराजकता का है ,और कर्नाटक के नाटक के बाद ,मध्य्प्रदेश में ऐसे फूल छाप कोंग्रेसियों ,नेकरगेंग से ,मध्यस्थ कार्यक्रम चल रहा है जिसे रोकने के लिए संगठन सत्ता से बढ़ा है ,और संगठन में अनुशासन का डंडा सभी के लिए है ,यह सबक़ सिखाना होगा ,सरकारों को प्रतिपक्ष के साज़िशकर्ताओं से यारी दोस्ती छोड़कर उनके काले कारनामों की मुखबिरी रिपोर्टें लेकर उन्हें बिना किसी संकोच के ,बिना किसी यारी दोस्ती के जेलों में डालना होगा ,तभी कांग्रेस का शुद्धिकरण और ,कांग्रेस ज़िंदाबाद बरक़रार रहपाना सम्भव है वरना यूँ ही उदारता के खेल में ,यारी दोस्ती के खेल में ,,आँतरिक भेदियों ,,आंतरिक आस्तीन के सांप गद्दारों के खेल में ,,मौक़ापरस्तों द्वारा बार बार धमकियां देने ,, पार्टी विरोधी हरकतें करने के बाद भी उन्हें कान पकड़ कर अगर पार्टी से नहीं निकाला गया तो यह चक्रव्यूह अभिमन्यु को मार देगा ,,जो हम रोज़ होते देख रहे है ,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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