ज़ालिम हिरणाकश्यप का भी प्रह्लाद ने अंत किया था ,षड्यंत्र रचने पर
,,अभयदान प्राप्त होली को भी जलना पढ़ा था ,,अल्लाह ,ईश्वर से बढ़ा कोई नहीं
,, हर ज़ुल्म का ,हर ज़ालिम का अंत होता है ,यह सच हमे समझना चाहिए ,और ज़ुल्म
के रास्ते छोड़कर प्यार के रास्ते ,पर हंसी ,खुशी ,, प्यार ,, मोहब्बत के
साथ ,,ज़िंदगी को ,माहौल को खुशियों के रंग से भर देने की कोशिशें करना
चाहिए , अख्तर ज़ालिम हिरणाकश्यप का भी प्रह्लाद ने अंत किया था ,षड्यंत्र
रचने पर ,,अभयदान प्राप्त होली को भी जलना पढ़ा था ,,अल्लाह ,ईश्वर से बढ़ा
कोई नहीं ,, हर ज़ुल्म का ,हर ज़ालिम का अंत होता है ,यह सच हमे समझना चाहिए
,और ज़ुल्म के रास्ते छोड़कर प्यार के रास्ते ,पर हंसी ,खुशी ,, प्यार ,,
मोहब्बत के साथ ,,ज़िंदगी को ,माहौल को खुशियों के रंग से भर देने की
कोशिशें करना चाहिए , अख्तर
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