भाइयों में भाई ,,क़य्यूम भाई ,पत्रकारों के भाई क़य्यूम भाई ,यारों के यार
,क़य्यूम भाई ,,जी हाँ दोस्तों आज दैनिक कोटा ब्यूरों समाचार पत्र के
सम्पादक ,प्रकाशक ,,मालिक ,भाई क़य्यूम अली की योम ऐ पैदाइश ,सालगिरह का
दिन है,,उन्हें बधाई
,मुबारकबाद ,,खुदा की क़ुदरत ही है ,के उनकी सालगिरह आज ,गंगा जमुना तहज़ीब
,प्यार ,मोहब्बत के साथ ,रंगों की महफ़िलें सजा कर ,रंगबिरंगे अंदाज़ में
रंगबिरंगी खुशियों के साथ मनाई जा रही है ,,,भाई क़य्यूम अली को बधाई
,मुबारकबाद ,,,,,,,,, दोस्तों पत्रकारिता एक संघर्ष ,,एक मिशन ,,एक समाज
सेवा ,,एक सन्देश है ,,और पत्रकारिता की इस परिभाषा की कसौटी पर विभिन्न
संघर्षो के बाद भी खरे उतरने वाले ,,,दैनिक कोटा ब्यूरो ,,समाचार पत्र के
प्रकाशक सम्पादक भाई क़य्यूम अली ,,नए प्रशिक्षित पत्रकारों के लिए एक
,,पत्रकारिता महाविद्यालय साबित हुए है ,,कभी खुद पत्रकारिता के छात्र रहे
,,क़य्यूम अली अब पत्रकारिता के डीन बने है ,,,क़य्यूम अली पत्रकारिता समाज
में ,,,वफादारी ,,संस्कार ,,कोमी एकता की अनूठी मिसाल है ,,,क़य्यूम अली
,,पत्रकारिता में उनके आदर्श ,,,वरिष्ठ पत्रकार ,इंजीनियर नरेश विजयवर्गीय
,,को पितामह का दर्जा देकर ,,उनके सामने विनम्र हो जाते है ,,तो भाई से भी
बढ़कर भाई के रूप में ,,कोटा ब्यूरो के सम्पादक कार्य देख रहे ,,युवा वरिष्ठ
पत्रकार हरिमोहन शर्मा के कन्धे से कन्धा मिलाकर चलते हुए खुद को
गौरवान्वित महसूस करते है ,,क़य्यूम अली ,,मंगलवर्धनी के सम्पादक वरिष्ठ
पत्रकार पण्डित बद्रीप्रसाद गौतम को गले लगाकर ,,एक बेमिसाल दोस्ती की
मिसाल क़ायम करते है ,,न काहुँ से दोस्ती न काहू से बेर ,,बस अपनों के लिए
कुछ भी कर गुज़रने का हौसला इनकी पहचान है ,,,दोस्तों ,,,खुद ही को कर बुलंद
इतना के ,,,खुदा बन्दे से खुद पूंछे ,,,बता तेरी रज़ा किया है ,,इसी जुमले
को,,,, साकार कर रहे है ,,,हमारे भाई क़य्यूम अली पत्रकार ,,मुसीबतों से
जूझकर ,,,,निर्भीक और नीडरता से ,,,अपने अख़बार ,,,कोटा ब्यूरो को सफलतम
दैनिक प्रकाशन कर रहे है ,,,यारों के यार के रूप में ,,,पहचान बना चुके
,,,पत्रकारिता के प्रतीभाशाली भाई क़य्यूम अली के बारे में,,, सभी जानते है
के यह ,,,जितने नरम है उतने ही गर्म भी है ,,,,प्यार से इन्हे जीत लेते है
लोग ,,,लेकिन डरा धमकाकर,,, इनसे कोई भी बात मनवाने की कोशिश ,,,उलटी ही
पढ़ती है ,,और ऐसे सभी लोगों को,, चाहे कितने ही खतरनाक हो,, इनकी क़लम के
आगे,,, नतमस्तक होना पढ़ता है ,,,भाई क़य्यूम अली ने ,,,अपनी पत्रकारिता का
जीवन,,, कोटा के क्षेत्रीय समाचार पत्र कोमीधारा से शुरू किया ,,,फिर
राजस्थान ऑप्टिक्स साप्ताहिक का प्रकाशन,,, निजी तोर पर प्रारम्भ कर,, दूध
का दूध,,, पानी का पानी करना शुरू कर दिया ,,,,इसी बीच ,,,दैनिक कोटा
ब्यूरो समाचार पत्र के मालिक के रूप में,,, पहले ट्रेडिल मशीन और कम्पोज़
पद्धति से प्रकाशन शुरू किया,, फिर जांबाज़ ,,,पत्रकारिता का रूतबा बताकर
,,हाड़ोती में अपनी पत्रकारिता की पहचान स्थापित की,,, अब अल्लाह के करम
से,,, इनका समाचार पत्र दैनिक कोटा ब्यूरो आधुनिक ऑफसेट प्रिंटिंग प्रेस
पर,,, आधुनिक प्रिंटिंग पद्धति से ,,,नियमित प्रकाशित हो रहा है ,,,,,अख़बार
में गरीबों की हमदर्दी ,,भ्रष्टाचार का पर्दाफाश ,,,,यारों की यारी और
समाज के दुश्मनो के खिलाफ ,,,सख्त भाषा की वजह से ,,क़य्यूम अली,,, गरीब और
पीड़ितों में लोकप्रिय है,,, तो दो नंबर का काम करने वालों की,,,, आँख की
किरकिरी बने है ,,,हमेशा हंसना ,,हँसते रहना ,,हँसाते रहना ,,पान चबाना
,,और कड़वी से कड़वी बात भी,,, मुस्कुराकर कहना इनका स्वभाव है ,,,,,,,क़य्यूम
अली,,, पत्रकारिता के नाम पर ,,,,कभी किसी नौकरशाह के आगे न तो झुके,,, ना
ही उन्हें कभी ,,,,हावी होने दिया ,,,,जिसमे सरकार में बैठे,,, बढ़े बढ़े
मंत्री भी ,,,शामिल रहे है ,,,क़य्यूम अली के समाचार पत्र में ,,,अब तक
क्षेत्रीय स्तर पर,,,, सैकड़ों लोग पत्रकारिता का प्रशिक्षण लेकर,,, दूसरे
समाचार पत्रों ,,टी वी चेनलों में ,, रोज़गार कर,, अपना भविष्य बना रहे है
,,,,,,समाचार पत्र के साथ साथ,,, क़य्यूम अली,,, कई समाज सेवी संस्थाओं से
जुड़े है ,,प्रेस क्लब कोटा के मुख्य रणनीतिकारों में ,,,संस्थापकों में
इनकी प्रमुख भूमिका स्वीकृत रूप से रही है ,,,,,,,,,,,,,,,क़य्यूम भाई की
पत्रकारिता के बारे में,,, कहा जाता है के यह ,,,पठान है इसलिए इनकी
पत्रकारिता में भी ,,,पठानी झलकती है ,,,,,नीडर ,, बेखौफ होकर ,,,इनकी
लेखनी जब चलती है ,,,तो उसकी ज़द में चाहे जितना भी,,, खतरनाक माफिया ,,,या
सियासी माफिया हो,,, इनकी क़लम रूकती नहीं है,,, चाहे इन्हे बाद में ,,,ऐसे
लोगों की आँख की करकिरी बन जाने से ,,,नुकसान ही क्यों ना उठाना पढ़े
,,क़य्यूम अली कहते है ,,,अल्लाह ही इज़्ज़त देता है ,,अल्लाह ही ज़िल्लत देता
है ,,रिज़्क़ अल्लाह देता है,,, फिर किसी से क्या डरना ,,,किसी के आगे
,,,,क्या हाथ फैलाना ,,,,,,,,क़य्यूम अली के प्रकाशन ने युवा पत्रकारों के
लिए एक नई दिशा स्थापित की है ,,,,,बस एक पते की बात जो आपसे छुपाई जा रही
है ,,,एक सच जो किसी को बताना नहीं है ,,सीक्रेट है ,के हमारी भाभी से
दूसरे मर्दो की तरह यह भी खोफ खाते है ,,क्योंकि अब क़य्यूम भाई माशा अल्लाह
ससुर फिर ससुर के बाद दादा जी बने ,और फिर इंशाअल्लाह ,,जल्दी ही दादा जी
बनने वाले है ,,,,,,माशा अल्लाह हमारी बहन ,हमारी भाभी को यह अंगूठी में
,नीलम की तरह सजा कर रखते है ,तो ,, हमारी भाभी नीलम ,,इन्हे प्यार से
सांवला गुलाब ,,कहकर इनका इस्तक़बाल करती नज़र आती है ,,क़य्यूम भाई को उनकी
सालगिरह पर बधाई ,,मुबारकबाद ,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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