राजस्थान
की सबसे बढ़ी औद्योगिक नगरी ,,,कोटा ,जहाँ के आम नागरिक ,पक्षकार ,क़ानून
विद ,पैरोकार ,कोटा में हाईकोर्ट की बेंच स्थापित करवाने की मांग को लेकर
प्रयासरत है ,, उस कोटा शहर में अदालत भवन के नाम पर ,,छोटे ज़िले ,बारां
,,झालावाड़ ,,,सहित ,क़स्बाई स्तर के नव निर्मित न्यायलय भवन से भी ,छोटे
,अस्त व्यवस्त भवन होने से यहाँ काफी दिक़्क़तों का सामना हो रहा है , अदालते
दूर दराज़ की निजी किरायेदारी वाली बिल्डिंगों में ,, सरकार से किराए की
राशि पर चल रही है ,, इस प्रक्रिया से कोटा के वकील ,पक्षकार ,न्यायिक
कर्मचारियों ,,,अधिकारीयों को भी समन्वय स्थापित कर ,व्यवस्था संचालन में
परेशानी हो रही है ,,,, इन सभी दिक़्क़तों , कई सालों के संघर्ष ,धरने
,प्रदर्शन ,जेल भरो आंदोलन ,,तीन महीने तक ,नोवर्क हड़ताल के बावजूद भी ,
कोटा के एक ही छत के नीचे , मिनी सेक्रेट्रिएट के नाम पर ,, राजस्व न्यायलय
,,प्रशासनिक दफ्तर ,पुलिस दफ्तर ,न्यायालयों के भवन नहीं ,मिलपाना ,, कोटा
के आम नागरिकों की जागरूकता की कमी ,,यहां के जर्नलिज़्म की इस तरफ खामोशी
,,, राजनितिक इच्छा शक्ति की कमी ही खास वजह ,है ,,कोटा में न्यायालय परिसर
,,न्यायलय भवन , कक्ष ,दूरदराज़ किराए के भवन ,उनके खर्च ,सभी की निगाह
में है ,,, पहले ,कोटा न्यायालय परिसर में ही ,, मल्टी स्टोरी तीस हज़ारी
दिल्ली कोर्ट स्टाइल में भवन बनाने की कार्ययोजना तैयार हुई ,फिर ठण्डे
बस्ते में फ़ाइल चली गयी ,,फिर एक जिला जज ने खुद के सरकारी बंगले ,के कई
सालों से अनुपयोगी कमरों में अदालते चलाने की पेशकश की ,फिर सेंट जोन्स
स्कूल भवन की तरफ , अदालत परिसर के विस्तार की मांग उठाई गयी ,,अंत में
,राणपुर क्षेत्र में वकीलों की कॉलोनी के साथ ,अदालत परिसर के लिए एक बढ़ा
हिस्सा आरक्षित करने की कार्ययोजना बनी , जो मंज़ूर नहीं हुई ,,, अब कोटा
अदालत परिसर के पास किसान भवन मयूर पेट्रोल भवन के नज़दीक ,,फिर नए अदालत
परिसर भवन के लिए सीमित दायरे में ज़मीन का आवंटन हुआ है ,, भविष्य के भवन
की क्या कार्य योजना है ,,ब्ल्यू प्रिंट किया ,है ,भवन में कितनी अदालते
चलेंगी ,,कितनी मंज़िल की अदालत होगी ,,, साइकल ,कार , मोटरसाइकल पार्किंग
की स्थिति क्या होगी ,वकीलों के चेंबर ,, अदालतों के भवन ,,ज़रूरी भवनों की
व्यवस्थाएं क्या होंगी ,अभी तक वकीलों के लिए बन रहे भवन में साधारण सभा
में रखकर डिसकस भी नहीं हुए है ,और खोजी ,,, पत्रकारों में से किसी ने इस
ब्ल्यू प्रिंट ,भावी अदालत भवन की कार्ययोजना ,,कब शुरू होगी ,बजट कितना
होगा ,,कितने भवन बनेंगे ,कब तक यह भवन तैयार होकर ,न्यायालय परिसर नए भवन
में शुरू हो ,जाएगा ,, खुलासा नहीं किया है ,लेकिन बात साफ ,,है , जो
पैमाइश आवंटन है ,,वोह कोटा संभागीय मुख्यालय की सर्वाधिक अदालतों की
संख्या के हिसाब से ,, ऊंट के मुंह में जीरा के बराबर है ,,,, कोटा में
कलेक्ट्रेट के लिए अलग से भवन होगा ,,, यह परिसर फिर से शुरू रहेगा और एक
तीसरा परिसर फिर शामिल हो जाने से वही भागदौड़ ,पक्षकारों ,न्यायिक
अधिकारीयों ,,कमर्चारियों के लिए अव्यवस्था का दौर बना रहेगा ,,,ऐसे में
कोटा संभागीय मुख्यालय जहाँ हाईकोर्ट बेंच की माँग को लेकर पर्याप्त
सकारात्मक आंकड़े है ,भविष्य में हाईकोर्ट बेंच भी खुलना संभावित नहीं लगभग
तय सी है ,ऐसे में एक बार में ही ,,बढ़ा भवन ,भविष्य की कार्ययोजना के
हिसाब से तयशुदा मिनी सेक्रेट्रिएट के हिसाब से बनाया जाये ,,,जहाँ वकीलों
के चेंबर हो ,बैठने की व्यवस्था हो ,वकीलों के लिए पुस्तकालय भवन , मीटिंग
हॉल हो ,,अभिभाषक परिषद का कार्यालय ,मुंशी संघ कार्यालय ,पक्षकारों के
बैठने की व्यवस्था हो ,,,साथ ही ,,,उपभोक्ता सर्किट बेंच ,,,उपभोक्ता फोरम
,मोटर यान दुर्घटना न्यायालय ,,,पारिवारिक न्यायालय ,,संभागीय आयुक्त
न्यायलय , राजस्व मंडल की बेंच ,, सभी राजस्व न्यायालय ,,, फौजदारी अदालतें
, विशेष अदालतें ,, सेशन कोर्ट्स ,,कर्मचारियों के बैठने के भवन उनके
यूनियन कार्यालय ,, लोक अदालतें , समझाइश भवन ,लोक अप ,लेबर कोर्ट ,,
कल्याणकारी कार्यों के लिए डिस्पेंसरी वगेरा ,,केंटीन ,न्यायिक अधिकारीयों
का पुस्तकालय ,,, लोकअभियोजक भवन ,, व्यवस्थित पार्किंग ,सहित सभी सुविधाएं
एक ही भवन के नीचे हो ,, ऐसी व्यवस्था अगर अभी नहीं तो कभी नहीं ,,,, नए
भवन की शुरुआत के बाद भी ,, समस्या जस की तस रहे ,इधर से उधर भवनों में आने
जाने की मुश्किलात रहें ,, अवव्यस्था ,रहे , वादविववाद रहे ,,, पक्षकारों
,वकील साथियों की परेशानी बनी रहे , मिलेट्री एरिया के नाम पर भवन विस्तार
,,,बिल्डिंग मंज़िल निर्माण के नाम पर ,,बंदिशे रहे ,,विवाद रहे ,,ऐसे में
सभी मामलों को लेकर ,एक प्रस्तावित ब्ल्यू प्रिंट के साथ वकीलों की साधारण
सभा में ,, सम्पूर्ण भविष्य के न्यायलय परिसर निर्माण की कार्ययोजना रखकर
विचार विमर्श होना चाहिए ,,ऐसी अभिभाषक परिषद के सदस्यों में चर्चा भी है
,,इस मामले में वर्तमान कार्यकारिणी गंभीर भी है , वोह लगातार सम्पर्क में
है ,प्रयासरत है ,बस ज़रूरत सामूहिक निर्णय ,,सामूहिक विचारविमर्श ,, जिन
वकीलों की सुविधाओं के लिए भवन विस्तार है ,,उनकी जानकारी में साधारण सभा
में यह ब्ल्यू प्रिंट हो तो मुमकिन है ,, कुछ बेहतर सुझाव आ सके ,,कुछ
बेहतर जो हो रहा ,है इससे भी बेहतर ,,बेहतरीन हो सके ,,,, ,,तो कोटा को एक
ही छत के नीचे ,,सभी राजस्व , लेबर ,,पारिवारिक ,तहसील ,ऐ डी एम ,,मोटर यान
,,विशिष्ठ ,सेशन ,अधीनस्थ न्यायलय ,कलेक्ट्रेट ,संभागीय आयुक्त कार्यालय
चाहिए वैसे भी भविष्य में सी आर पी सी में जनसंख्या अनुपात के अनुसार कोटा
निकट भविष्य में , पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली में आ जायेगा ,,तो फिर पुलिस
कमिश्नरेट नियमावली के तहत भी इसी छत के नीचे ,यह कार्यालय भी चलेंगे
,,,,,कोटा के आम नागरिकों ,राजनितिक लोगों ,,, खासकर कोटा के जर्नलिज़्म
विज़न को ,इस मामले में कोटा ,,बारां ,सहित आसपास की अदालतों के भवन से ,इस
व्यवस्था को कोटा के हक़ में तुलनात्मक अध्ययन कर जागरूकता कार्यक्रम चलाना
चाहिए ,,,वरना समाधान के प्रयास के बाद भी ,न्यायालय परिसर के भविष्य की
कार्ययोजना अगर ठीक नही बनी तो यह फोड़ा बनकर सालती रहेगी ,,,,,, अख्तर
खान अकेला कोटा राजस्थान
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