आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

21 फ़रवरी 2020

मेरा हर्फ़

मेरा हर्फ़ गलत न था
मुझे समझा गया गलत , लिखा गया गलत
कभी कभी
बोला गया गलत
में भी गलत न था
मेरी बातें गलत न थी
मुझको मेरे कलाम को
जांचा गया गलत मीज़ान ठीक था
पड़ले दुरुस्त थे
लेकिन ये कोंन
देखता की
तोला गया गलत मुझमे ही थे ऐब
कसौटी में ऐब थे
मेरा था ये कसूर
की परखा गया गलत,,

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...