बुलंदियों से भी बुलंदियों पर पहुँच कर ,,अपने शिकार को ,,टारगेट कर ,उठा
ले जाने वाले जांबाज़ परिंदे शाहीन बाग़ ,के नाम पर दिल्ली सियासत और
पत्रकारिता की टुच्चागिरि हदें पार कर गयी है ,,दिल्ली शाहीन बाग़ में आदर्श
भारत ,,साम्प्रदायिक संदभाव का भारत ,,एक दूसरे के लिए मदद के जज़्बे का
भारत ,इंसाफ़ की अहिंसात्मक आंदोलन की निति का भारत ,,इन टुच्चे पत्रकारों
,टुच्चे नेताओं से देखा नहीं जाता ,,वोह समस्या के समाधान ,मांग पर ,चर्चा
तो करते ही नहीं ,,समझाइश कर मामले को निस्तारित करने की बात करते ही नहीं
,सिर्फ सियासत ,सिर्फ सियासत करते है ,,कुछ दिन पहले एक पत्रकार की बेटी
ने ,घर में ही अपने क्रूर पत्रकार के पिता के खिलाफ इसलिए भूख हड़ताल कर दी
थी के वोह ,,शाहीन बाग़ दिल्ली को लेकर पेड़ रिपोर्टिंग के नाम पर रूपये लेकर
बैठने ,,हिन्दू मुस्लिम जैसी नकारात्मक रिपोर्टिंग के सरताज थे ,,लोग
शाहीन बाग़ पहुंचे अचानक शाहीन बाग़ की रिपोर्टिंग ,शाहीन बाग़ में ,पेड़
पत्रकार ,पार्टी कार्यकर्ता बने पत्रकारों की टीम देखकर ,देश के ईमानदार
लोगों को ,देश को ज़िद्दी ,नादान लोगों की ,हरकतों से बचाने की ,उम्मीदें
जागीं ,, लोगों को लगा ,,की मीडिया का एक बढ़ा धड़ा जो ,,पार्टी प्रवक्ता
,सरकार का भोंपू बना है ,वोह मीडिया अब ,राष्ट्रभक्ति ,अपने चौथे स्तम्भ की
ज़िम्मेदारी की तरफ लोट रहा है ,,लेकिन वाह ,,नोटों की खनक पर थिरकने वाली
तवायफों से भी ज़्यादा ,देश ,समाज के साथ गद्दारी करने वाले लोगों की हरकतें
नहीं ,बदली ,,शाहीन बाग़ गए ,रिपोर्टिंग हुई ,लकिन रिपोर्टिंग उनके मुद्दे
मसाइल ,,सरकारी की नासमझी ,सरकार की ज़िद ,को कर हरगिज़ नहीं हुई ,,दूसरे दिन
,,रिपोर्टिंग हुई तो , दिल्ली चुनाव में पिछड़ रही भाजपा को ,वार्म अप करने
वाली ,,कार्यवाही हुई ,,सी वोटर सर्वे के नाम पर ,शाहीन बाग़ को मुद्दा
बताते हुए ,,टारगेट किया गया ,उकसाने वाले ,रिपोर्टिंग हुई ,के शाहीन बाग़
,के बयानों से ,शाहीन बाग़ के आंदोलन से ,भाजपा के तीन प्रतिशत वोटों में
वृद्धि हुई है ,सी वोटर का सर्वे रिपोर्ट कार्ड इस मामले में जारी कर दिया
गया ,,,,अगर यह रिपोर्टर थे ,अगर यह ईमानदार थे ,तो जो हालात है ,जो सरकार
की ज़िम्मेदारियाँ है ,जो चुनाव के वक़्त इनकी नफरत बाज़ियां ,रूपये लेकर
बैठने के इल्ज़ाम ,,भारत को भारत के हिस्से में ही ,विदेशी बताने की इनकी जो
राष्ट्रद्रोही हरकते थीं ,,महिलाओं के लिए अपमानकारी भाषण बाज़ी ,,हिन्दू
मुस्लिम एकता में नफरत बांटने की साज़िशें ,झूंठ ,फरेब की बातें ,उस पर
रचनात्मक सार्थक रिपोर्टिंग होती ,लेकिन जब अक़्ल खत्म होती है ,तो देश के
कुछ क़लमकार भी ,,हाथ बांधे खड़े रहकर ,ऐसी ,नाजायज़ हरकतें करते है ,,जो
इतिहास में उनके अस्तित्व को खत्म कर देती है ,,खेर शाहीन बाग़ दिल्ली का
सभी जानते है ,, एक प्रॉपर्टी डीलर ,ने ,,खेती की ज़मीन पर जब ,,दिल्ली
विस्तारित करते हुए ,कॉलोनी काटी ,तो उसका नाम शाहीन बाग़ ,,रख दिया उस
कॉलोनी ,उस मोहल्ले ,इस क्षेत्र का नाम शाहीन बाग़ हो गया ,शाहीन ,वोह
परिंदा जो बुलंदियों पर रहकर ,पेनी निगाह से ,,अपना शिकार टारगेट बनाकर
करता है ,,बस देश में लोकतंत्र बचाना ,,इन्साफ की आवाज़ ज़िंदा रखना ,भाईचारा
सद्भावना ज़िंदा रखना ,,देश को महंगाई से मुक्त करना ,,देश के बेरोज़गारों
को रोज़गार देने ,देश की तरक़्क़ी का टारगेट ,इस शाहीन बाग़ के आंदोलन
,अहिन्सान्त्मक आंदोलन का हिस्सा है ,,,,,,विश्व के दूसरे भारत के मित्र
देश इस मामले में आपत्ति पर है ,वहां के सांसद भारत की इन नौसिखिया फैसलों
की आलोचना कर रहे है ,,,देश के प्रधानमंत्री ,,गृहमंत्री ,देश के संभ्रांत
कहे जाने वाले लोग कोई भी ज़रिया निकालने के लिए ,,अपनी समझाने या आंदोलन
करियों की बात समझने के लिए कोई संवाद का कार्यक्रम बनाना ही नहीं चाहते
,और चौथा स्तब्ध ,जो इसके लिए ज़िम्मेदार है ,,उसमे से कुछ लोग जो
ईमानदाराना रिपोर्टिंग कर रहे है ,उन्हें अलग थलग कर ,,ड्रेस के आधार पर
रिपोर्टर बताया जा रहा है ,कपड़ों से पहचान को लेकर प्रधानमंत्री महोदय जैसी
शख्सियत द्वारा बयांन दिए जा रहे है ,, आंदोलन से भाजपा को रामदेव मिले
,अन्ना हज़ारे मिले ,,किरण बेदी मिली ,,अनुपम खेर मिले , जनरल वी के सीह
सहित कई नेता मिले ,,तब यह आन्दोलन यूनिफॉर्म ,,समाज धर्म को लेकर प्रश्नगत
नहीं किया गया ,,खेर अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा बदल ,जाओ देश तुम्हारा भी है
,,,सरकार भी तुम्हारी है ,इस देश के बेरोज़गारों ,नौजवानों ,को ऐसे आंदोलन
में मत झोंको ,, उन्हें इंसाफ़ दो ,उन्हें रोटी ,,दो ,उन्हें रोज़ी ,दो ,,देश
को क़ानून व्यवस्था दो ,,ईमानदारी दो ,,भरस्टाचार से मुक्ति दो ,,शिक्षा दो
,चिकित्सा सुविधाएं दो ,,टेक्स का लूट डंक सरलीकृत करो ,,प्यार मोहब्बत
का माहौल पैदा करो ,,जो नाराज़ है ,उनकी सुनों ,वाजिब बातें पूरी करो ,,जो
क़ानून तोड़ रहे है ,उन्हें चेतावनी दो ,फिर अगर नहीं माने ,तो वोह अगर
तुम्हारे अपने ,हों ,चाहे पराये हो ,उनके सतह एक जैसा क़ानूनी सुलूक करो
,पक्षपात मत करो ,,,इस देश को बचा लो यारों ,, इस देश को मेरा भारत महान
,सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान फिर से बना डालों यारों ,,,अख्तर खान अकेला
कोटा राजस्थान

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