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06 जनवरी 2020

ही,, ही,, ही,, ही,, मी लार्ड ,आपके नाम की रिपोर्टिंग ,,आप ,,अल्फ़ाज़,, तो प्रतिबंधित हो गए है अदालतों में ,लेकिन ,,अस्पताल व्यवस्था में ,,जहां आपका नाम दर्शाकर ,व्यवस्थाओं की बात है

ही,, ही,, ही,, ही,, मी लार्ड ,आपके नाम की रिपोर्टिंग ,,आप ,,अल्फ़ाज़,, तो प्रतिबंधित हो गए है अदालतों में ,लेकिन ,,अस्पताल व्यवस्था में ,,जहां आपका नाम दर्शाकर ,व्यवस्थाओं की बात है ,,क्या उन ,कमरों में ,,उन विधि विधानों में ,आपको ,ऐसी शिकायतें ,सुनने ,,उन्हें स्वीकार करने ,,उनके खिलाफ कार्यवाही करने ,,या आदेश देने का अधिकार भी है या नहीं ,मुझ सहित ,कई ,विधि विशेषज्ञ ,क़ानून लेकर कई सालों से ,इस अधिनियम में इस तरह की समस्याओं पर ,,मी लार्ड ,के हक़ ,हुक़ूक़ ,विधिक आदेशों के बारे में प्रस्तुत मामलों को लेकर चिंतित भी है ,,के जब क़ानून में कोई विधिक प्रावधान नहीं तो फिर इस तरह की कार्यवाहियां क्यों ,,अगर कोई क़ानून के विधि प्रावधान जिसमे बिना समझौते ,,या फिर किसी स्थाई एजेंसी जो अधिनियम की धारा 22 या अन्य धाराओं में परिभाषित हो ,तो फिर उन की समस्याओं में क्या ,बिना किसी समझौते की प्रक्रिया के ,सिविल न्यायालय जहाँ ,जिरह ,गवाह ,साक्ष्य ,का प्रश्न हो ,,सिविल निस्तारण हो ,क्या सुनवाई हो सकती है ,,शोध का विषय है , मुझ अज्ञानी विधि की प्रथम क्लास के बच्चे के लिए भी ,जानकारी के लिए ज़रूरी ,है ,, अगर हो सकता है तो फिर ,, पंचाट पालना नहीं होने पर ,,,ऐसे अयोग्य अवमानकारी लोगों को जेल क्यों नहीं भेजा ,,या फिर अगर पंचायत पालना करवाने योग्य नहीं है ,,आदेश के अधिकार नहीं है तो फिर सुनवाई के लिए समय व्यर्थ क्यों हो रहा है ,यह जानना ज़रूरी है ,,देश की विधिक संस्थाओं ,,क़ानून के रक्षकों को भी ऐसे मुद्दों पर ,जिलेवार ,प्रादेशिक स्तर पर सेमिनारों के माध्यम से विधिक दायित्वों ,,विधि नियमों का खुलासा करना चाहिए ,जबकि पत्रकारिता में विधि रिपोर्टिंग करने वाले रिपोर्टर्स को भी इस मामले में ,,ऐसी सेमिनारों के माध्यम से ,विधि विशेषज्ञों के माध्यम से सिविल वाद ,स्थाई लोक अदालत के प्रार्थनापत्र ,पंचाट ,डिक्री ,आदेश ,ऐसे मामलों की विधिक क्षेत्राधिकारिता के बारे में , पत्रकारिता विधिक सेमनारों के नाम पर ,,रिपोर्टिंग की हद तो तो ,,स्थाई लोक अदालत की विधिक साक्षरता समिति ,सहित दूसरी ससंथाओं के माध्यम से करवाना चाहिए ,धन्य हो ,,कोटा के पूर्व हाईकोर्ट जज रहे ,जस्टिस शिवकुमार साहिब ,जिन्होने स्थाई लोक अदालत की महत्ता ,,,साक्षरता ,,और स्वीकार्यता सहित कई मुद्दों को ,,राजस्थान में अभियान चलाकर ,समाजसेवक ,वकील साथियों को जोड़कर ,,आम लोगों तक इसकी पहुँच बनाने की ज़मीन तैयार की ,,,,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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