राष्ट्रिय स्तर पर अनावश्यक बहुचर्चित कर दिए गए कोटा जे के लोन अस्पताल
,के बाहर प्रांगण में ,,वातसल्य ,,करुणा ,,मासूम बच्चों के प्रति रहम
,,इलाज में सुविधाओं की मांग करती इस मूरत ,का भाव मनोविज्ञान ,,आखिर कोटा
के विधायक ,,केबिनेट मंत्री शांति कुमार धारीवाल के ,चिकित्सा प्रबंधन
सुझावों के बाद सार्थक हुआ ,,,अब इस अस्पताल में, कोटा में करोड़ों करोड़ के
विकास सौन्दर्यकरण के अलावा , सत्तर करोड़ रूपये से भी अधिक लागत से ,,नए
बेड सहित अस्पताल भवन होगा ,, आधुनिक सुविधाओ वाले इलाज के आवश्यक उपकरण
होंगे ,,अतिरिक्त सुविधाओं के अलावा ,,कढ़ी निगरानी भी होगी ,जी हाँ
,दोस्तों बहुत दुष्प्रचार हुआ ,,बहुत बेबुनियाद आरोप प्रत्यारोप लगे
,,केंद्र सरकार की टीम आयी ,राजस्थान सरकार की टीम आयी ,केंद्र सरकार के
मंत्री ,,पूर्व मंत्री ,बाल आयोग ,कोटा सांसद लोकसभा अध्यक्ष ,,मंत्री
,उपमुख्यमंत्री ,विधायकों सहित सभी अख़बार ,,मीडिया ,राष्ट्रीय मीडिया की एक
तरफा रिपोर्टिंग का यहाँ जमावड़ा रहा ,,,सिर्फ एक चैनल फर्स्ट इंडिया ने
अलबत्ता रचनात्मक ,सुझावात्मक ,,तुलनात्मक रिपोर्टिंग की ,,लेकिन किसी की
भी नज़र ,अस्पताल के बाहर ,लगी इस वातसल्य ,करुणा की मिसाल बनी मूरत ,इसके
भाव ,,इस मूरत का बच्चों के प्रति प्रेम भाव ,दयाभाव की तरह नहीं गयी
,,,कोटा के केबिनेट मंत्री शांति कुमार धारीवाल ,आये उन्होंने सियासत नहीं
की ,,पोती की शादी की व्यस्तता के तुरंत बाद वोह ,ट्रेन से उतरते ही अपने
निवास नहीं गए ,सीधे अस्पताल बिना किसी सियासत के ,,बिना किसी कार्यकर्ता
के ,अकेले ,जो कार्यकर्ता अगर अंदर साथ जाने की कोशिश में भी लगे तो उन्हें
बाहर कर दिया ,,बच्चो की मोत पर किसी सियासत ,सिर्फ काम होना चाहिए ,इसी
नज़रिये से ,शानतिकुमार धारीवाल ने समस्याएं जानी ,,सुझाव मांगे और फिर
,राजस्थान सरकार के मुख्यमंत्री सहित सभी ज़िम्मेदारों तक बात पहुंची ,तुरत
फुरत में कार्ययोजना तैयार ,हुई पिछली भाजपा सरकार की जो अव्यवस्थाएं , जो
कमियां रही उन्हें दूर करते हुए ,एक नई बिल्डिंग ,नए बिस्तरों वाला
अस्पताल ,नए उपकरण ,,सभी तो सेंक्शन हो गए ,, घोषणा हुई और मासूम बच्चों को
तत्काल ,,पर्याप्त इलाज मिले इसके लिए रचनात्मक काम शुरु हुआ ,इसी कहते है
दर्द ,, इसे कहते है ,दर्द को समझकर ,,दर्द की वजह बनी समस्या का तत्काल
निराकरण का सफलतम प्रयास ,,सियासत से अलग हटकर सिर्फ काम ,सिर्फ काम
,रचनात्मक काम ,,इसलिए शान्तिधारीवाल का धन्यवाद ,बधाई
,,मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ,,उप मुख्यमंत्री सचिन पायलेट का , शुक्रिया ,,
जे के लोन अस्प्ताल में पिछले पांच साल में मासूम बच्चों की मौतों का आंकड़ा
सभी की जानकारी में सार्वजनिक है ,,खुद चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने
पूर्व सरकार द्वारा कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में स्वीकृत साठ बिस्तरों
की ,वित्तीय स्वीकृति के बाद भी ,इस व्यस्था को लागू नहीं करना भाजपा सरकार
की कोटा के इस अस्पताल में मासूम बच्चों के इलाज के साथ नाइंसाफी थी ,,वाद
विवाद हुए ,रोज़ जे के लोन कोटा अखबार ,,इलेक्ट्रॉनिक मीडिुया की सुर्ख़ियों
में रहा ,कांग्रेस की अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गाँधी ,प्रियंका गांधी के
निर्देश पर सचिन पायलेट उपमुख्यमंत्री ,अध्यक्ष प्रदेश कांग्रेस कमेटी कोटा
आये ,उन्होंने गांधी दर्शन के तहत , सभी आरोपों की ज़िम्मेदारी बिना किसी
वाद विवाद के अपने ऊपर ली ,सरकार के ऊपर ली ,मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने
,,सचिन पायलेट के प्रदेश अध्यक्ष के नाते दिए गए ,सुझाव ,, निर्देशों की
पालना के निर्देश अधीनस्थों को दिए ,शानतिकुमार धारीवाल ने कोटा के हालात
,,कोटा की रिपोर्ट मासूम बच्चों के लिए बेहतर चिकित्सा प्रबंधन के जो
सकारात्मक सुझाव दिए ,तो गाँधीवादी मुख्यमंत्री ने शान्तिकुमार धारीवाल के
इन प्रयासों को सराहा और ,तुरंत उनके कोटा प्रवास के दौरान ही ,,कोटा जे के
लोन अस्पताल के सभी विवाद खत्म करते ,हुए यहाँ मासूम बच्चों के बेहतर इलाज
के लिए मसीहा बनते हुए ,,अस्पताल विस्तार ,नये वार्डों का निर्माण ,,सत्तर
करोड़ रूपये से भी अधिक लागत के निर्माण कार्य ,महत्वपूर्ण करोड़ों करोड़
रूपये के उपकरणों की खरीद अलग से ,,,शामिल है ,राजस्थान सरकार ने तो अपना
धर्म निभा लिया ,लेकिन केंद्र सरकार ने ,केंद्र सरकार के पार्टी
प्रतिनिधियों ने खूब चीख ,पुकार ,हाहाकार ,अव्यवस्थाये मचाई ज़रा वोह भी बता
दे ,इस कोटा की धरती पर ,जे के लोन अस्पताल के बाहर ,वातसल्य ,करुणा
,मासूम बच्चों की ज़िंदगी मांग रही इस मूरत की व्यथा सुनकर ,कोटा के जे के
लोन अस्पताल को केंद्र से कितने करोडो रूपये का पैकेज अतिरिक्त दे रहे है
,मीडिया को भी अब कम से कम इस मूरत के खामोश सवालों को ,भाजपा ,केंद्र
सरकार से पूंछना चाहिए ,,,,,,,राजस्थान सरकार के मुख्यमंत्री ,उप
,मुख्यमंत्री कोटा के केबिनेट ,मंत्री ,कांग्रेस संगठन के प्रदेश अध्यक्ष
के ,नाते बेहतर समन्वय की मिसाल पेश ,कर इस करुणा ,,वातसल्य की मूर्ति के
हर खामोश सवाल का जवाब देकर ,,कोटा के जे के लोन में मासूम बच्चों की
अव्यस्थित मोत से सबक़ लेकर ,,बहुत कुछ रचनात्मक ,बेहतर कर ,,कुशल प्रबंधन
,संवेदनशीलता का इतिहास बनाया है ,,,और अब यह वातसल्य ,करुणा की मूर्ति
,,मुस्कुरा रही ,,है ,,केंद्र की मदद ,भाजपा की अतिरिक्त मदद की भी इस
मूर्ति को इन्तिज़ार है ,यह मूर्ति अपने आँचल में बच्चे को छुपाये ,,केंद्र
की तरफ ,लोकसभा अध्यक्ष की तरफ ,नरेंद्र मोदी की तरफ ,जो पटेल बनकर कोटा
आये थे उन प्रतिनिधियों नेताओं की तरफ ,,टक टकी लगाकर कातर दृष्टि से ,,मदद
के इन्तिज़ार में है ,क्या केंद्र सरकार संवेदनशीलता दिखाएगी ,क्या
,मीडिया ,,,अख़बार इस मूर्ति के इस भाव को सार्वजनिक मंच पर ला पाएंगे
,,देखते है एक ब्रेक के बाद ,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
15 जनवरी 2020
राष्ट्रिय स्तर पर अनावश्यक बहुचर्चित कर दिए गए कोटा जे के लोन अस्पताल ,के बाहर प्रांगण में ,,वातसल्य ,,करुणा ,,मासूम बच्चों के प्रति रहम ,,इलाज में सुविधाओं की मांग करती इस मूरत ,का भाव मनोविज्ञान ,,आखिर कोटा के विधायक ,,केबिनेट मंत्री शांति कुमार धारीवाल के ,चिकित्सा प्रबंधन सुझावों के बाद सार्थक हुआ ,
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