कोटा
पुलिस और अपराधियों से सांठगांठ ,,कोटा [पुलिस और लापरवाही ,,मनमानी
,हरगिज़ नहीं ,हरगिज़ नहीं ,यह सब अब नहीं चलेगा ,,कोटा पुलिस रेंज के डी आई
जी ,कोटा शहर और देहात के पुलिस अधीक्षक अब ,,सर्वेक्षण के आधार पर
,मुखबिरी सूचनाओं के आधार पर ,,व्यक्तिगत एसेसमेंट के आधार पर ,ऐसे सभी
पुलिस कर्मियों ,अधिकारीयों के खिलाफ कार्यवाही करने की कमर कस चुके ,ऐसे
पुलिस कर्मियों को सबक़ भी सिखाया जा रहा है ,,,,कोटा कुन्हाड़ी थाना क्षेत्र
में एक नाबालिग बालिका को दो बार भगा कर ले जाने ,,फिर धमकाने और ,नतीजे
के नाम पर अपराधी की गिरफ्तारी के बाद भी ,उसके द्वारा फिर धमकियां
,उत्पीड़न ,,उल्टे नाबालिग बेटी के परिजनों को ही शांति भंग में पाबंद करने
की घटना ,,पुलिसया अंदाज़ की पराकाष्ठा है ,,,मधुलमए का मामला हो ,मेनका
गांधी का मामला हो ,सुब्रमण्यम स्वामी का मामला हो ,या फिर राजीव गांधी का
मामला हो ,इनके मामलों में सुप्रीमकोर्ट के दिशा निर्देश जो शांति भंग की
कार्यवाही के लिए पुलिस को दिए गए है ,वोह एक पीड़िता के परिजनों को इन
हालात में पाबंद करने के लिए किया गया क़ानून का दुरपयोग ,मनमानी कार्यवाही
से ज़्यादा कुछ नहीं ,नतीजे खंगाले ,शांतिभग के हज़ारों हज़ार मामले से सैकड़ों
मामले सिर्फ बेबुनियाद और मनमानी वाले होते है ,,कई मामलों में तो
अपराधियों को तत्काल अपराध से बचाने के लिए गंभीर घटना की रिपोर्ट होने पर
भी ,अपराधी को पहले शान्तिभंग में गिरफ्तार करने ,फिर अदालत से ज़मानत होने
के बाद ,बाद में मुख्य मुक़दमे में गिरफ्तार करने की परम्परा है ,,,ऐसे
मामलों में ज़मानत के वक़्त ,,मूल मुक़दमे की बहस के दौरान अदालत को अभियुक्त
कहता है ,के पुलिस की नज़र में अगर यह गंभीर मामला होता तो पुलिस ,उसे
तत्काल इस मूल मुक़दमे में ही गिफ्तार करती ,लेकिन शान्ति भंग में गिरफ्तार
करना ,फिर मूल मुक़दमे में गिरफ्तार करना झूंठा फंसाने की मिसाल देने के
लिए ,मुल्ज़िम को मौक़ा देती है और देखने में आया है ,,के कॉग्निजेबल ऑफेंस
में , पुलिस द्वारा पहले शांति भंग में फिर अपराध में गिरफ्तार करने से
क़ानूनी तोर पर मामला अभियुक्त के खिलाफ कमज़ोर होता ही है ,,,खेर ,हम बात कर
रहे है ,,अपराधी और पुलिस सांठ गाँठ की ,कोटा के पत्रकार हो ,प्रबुद्धः
नागरिक हो ,आम सक्रिय लोग हो ,,कुछ पुलिस अधिकारी हो ,,सभी को पता है ,के
कोन पुलिसकर्मी अपराधियों से सांठ गाँठ रख रहा है ,,कोन पुलिसकर्मी
,अपराधियों से सांठ गाँठ रख ,अवैध कारोबार ,अवैध प्रॉपर्टी डीलिंग ,,लोगों
के धमकाने के कारोबार में पुलिस के भेस में लगा है ,,,सभी अधिकारीयों को
पता है के ऐसे किन पुलिस कर्मियों के पास ,अवैध पॉपर्टी डीलिंग ,पुलिस
अधिनियम के विरुद्ध कारोबार में लगकर ,,खुद के नाम से ,परिजनों के नाम से
,और बेनामी लोगों के नाम से ,,सम्पत्ति खरीदी है ,,ऐसे लोगों के रहन ,सहन
,लक्ज़री गाड़ियां ,,इनके सूट बूट ,,,इनके परिवार के खर्चे ,अगर आंकलन किया
जाये ,तो वेतन और पारिवारिक खर्चे के बाद क्या ऐसे ऐश आराम ,,मासिक वेतन
,या अतिरिक्त थोड़ी बहुत कथित खेती की फसल से सम्भव नहीं है ,,सभी जानते है
,,,कोटा पुलिस ने ,,पुलिस के भेस में छुपे अपराधियों से सांठ गांठ रखने
वाले ,,पुलिस के लिए कालिख बने लोगों के खिलाफ शुद्धिकरण अभियान चला दिया
है ,,बस अब एक सवेक्षण की ज़रूरत है ,,एक सुचनाये ,,एकत्रित करने के मुखबीरी
अभियान की ज़रूरत है ,,,,ऐसे पुलिस कर्मियों के साथ ,अपराधियों के साथ सांठ
गाँठ में कुछ कथित स्टिंगर टाइप लोग भी जुड़े है ,,ज़रा कल्पना कीजिये
,,,कैथूनीपोल थाना क्षेत्र में गोली मारकर एक हत्या हुई ,सी सी टी वी फुटेज
सामने आये ,,यह सी सी टी वी फुटेज ,पुलिस के गोपनीय अनुसंधान का हिस्सा थे
,लेकिन यह फुटेज ,,सोशल मीडिया अख़बारों की सुर्खियां बनी ,, इतना ही नहीं
,,,मुक़दमा दर्ज होने के बाद ,कुछ की रिपोर्टिंग तो ,,, अपराधी को सेल्फ
डिफेन्स के नाम पर ,,सीख देते हुए साफ नज़र में आयी ,,इन्वेस्टिगेशन का
पार्ट ,महत्वपूर्ण सी सी टी वी फुटेज ,अनुसंधान के पूर्व ही ,,,सार्वजनिक
होना ,,,क्या साबित करता हैः ,,,,एक अख़बार के पत्रकार ने ,पुलिस द्वारा
दिया गया पक्ष ,,फरियादी द्वारा लिखी गयी एफ आई आर के आधार [पर खबर बनाकर
जब ,इस तरह के बचाव पक्ष के कथित वर्जन को छापने से इंकार कर दिया तो कुछ
पत्रकार ने तो ,,उसके अखबार मालिक तक के उस पत्रकार के खिलाफ कान भरने की
कोशिश कर डाली ,,,तो जनाब यह सब इन हालातों में ,,कोटा की फ़िज़ा के लिए
,,अपराधियों से सांठ गांठ के लिए ठीक नहीं है ,,,,कोटा पुलिस मजबूर है ,,
क्योंकि कोटा पुलिस के पास सुरक्षा की दृष्टि से जितने पुलिसकर्मियों
,अधिकारीयों की ज़रूरत है ,वोह नहीं ,है ,,कुछ पुलिस जवान घोषित ,अघोषित
बेगार अर्दली में है ,तो कुछ अनुसंधान में उलझे है ,कुछ पुलिसकर्मी अदालत
की तारीख ,पेशियों गवाही में है ,तो कुछ वी आई पी ,या अघोषित वी आई पी
मूवमेंट के ज़िम्मेदार बन गए है ,कुछ पुलिस कर्मी चुनावों में हथियार जमा
करने में परेशान है ,,तो कुछ पुलिसकर्मी,,,सम्मन तामील में उलझे हुए है
,,ऐसे में अब सीमीत पुलिस कर्मी इन हालातों को कैसे काबू पाएं ,,क्योंकि जो
कुछ क़ानून व्यवस्था में बक़ाया पुलिस कर्मी है ,उनमे से एक बढ़ा तबका ,,
ट्रेफिक कट्रोल के नाम पर ,सीट बेल्ट के चालान छोड़कर ,हेलमेट अभियान में लग
जाता है ,,,हर चौराहे पर एक झुण्ड इस कार्यक्रम में शामिल नज़र आता है
,,कोटा पुलिस एक सर्वेक्षण ,,आंतरिक मूल्यांकन ऐसे पुलिसकर्मियों का करे
,,उनकी वेतन सहित अन्य आमदनी और रईसी ठाठ की तुलना करे ,उनके सम्पर्क पर
नज़र रखे ,उनके मोबाइल ,पुलिस के दिए हुए मोबाइलों के अलावा जो निजी तौरपर
वोह अपने पास अतिरिक्त गोपनीय रखते ,है , उन्हें भी तलाशे ,उनकी सम्पर्क
सूचि ,बातचीत पर नज़र रखे ,ऐसे लोगों के मूवमेंट पर ,,उनसे मुलाक़ातियों पर
रोज़ नज़र रखे ,,निश्चित तोर पर ,,,,पुलिस को अपराधियों से साठगांठ रखने वाले
,पुलिस भेस में काम कर रहे लोगों की और लम्बी फहरिस्त पकड़ में आएगी
,,,,,क़ानून व्यवस्था के लिए पुलिस बीट प्रणाली ,,के लिए पुलिसकर्मियों की
कमी है ,सूचनाएं ,,मुखबिरी सूचनाएं एकत्रित नहीं है ,नए अपराधी ,,बाहर से
आने वाले अपराधी ,,ठगी का जाल फैलाने वाले ,, चोरों को प्रोत्साहित करने
वाले सफेद पॉश अपराधियों ,,,कबाड़ी व् अन्य कारोबार में लगे लोगों
,,फाइनेंस ,,फाइनेंस वसूली सहित ज़ोर ज़बरदस्ती कारोबार ,,प्लाट ,ज़मीन खाली
कराने ,,उलझी हुई सम्पत्तियाँ कौड़ियों के भाव खरीद कर ,,ग़ैरक़ानूनी तरीके से
धमकाकर रूपये ऐंठने वालों की सूचनाएं अब प्रॉपर नहीं है ,इसके लिए ,,कोटा
पुलिस ,ट्रेफिक कंट्रोल के अलावा ,चोराहो पर चालान काटने वाली पुलिस
कर्मियों को गिनकर ,तीन महीने के लिए रोक दे ,,उन सभी पुलिसकर्मियों को
,,अलग अलग थानो में तैनात कर ,बीट प्रणाली सुचना को क्रॉस वेरिफाई करने
,,अपराधियों ,और पुलिस ,आमजनता सांठगांठ की सूचनाएं एकत्रित करने ,,सहित
दूसरे कारोबार में लगाए तो निश्चित तोर पर कोटा पुलिस का यह ,पुलिस से
अपराधी सांठगांठ शुद्धिकरण अभियान कामयाब होगा ,,,फायदेमंद होगा ,,क़ानून
व्यवस्था में भी सुधारा आएगा ,और किए सफेदपोश लोगों सहित अप्रत्याशित लोगों
की सूचि भी ऐसे कारोबार में शामिल नज़र आएगी ,,ओरिजनल शुद्धिकरण के लिए
इससे बेहतर फार्मूला ,,कोटा रेंज ,,कोटा शहर ,देहात और पुरे राजस्थान की
पुलिस के लिए ,,नहीं हो सकता ,,क्या ऐसा हो सकेगा ,,कब होगा ,,होगा भी या
नहीं ,,देखते है ,एक ब्रेक के बाद ,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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