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17 जनवरी 2020

तुम स्त्रियों को छोड़कर कामवासना की पूर्ति के लिए पुरुषों के पास जाते हो? बल्कि तुम सीमा लांघने वाली जाति[1] हो।

81 ﴿ तुम स्त्रियों को छोड़कर कामवासना की पूर्ति के लिए पुरुषों के पास जाते हो? बल्कि तुम सीमा लांघने वाली जाति[1] हो।
1. लूत अलैहिस्सलाम की जाति ने निर्लज्जा और बालमैथुन की कुरीति बनाई थी जो मनुष्य के स्वभाव के विरुध्द था। आज रिसर्च से पता चला कि यह विभिन्न प्रकार के रोगों का कारण है, जिस में विशेष कर “एड्स” के रोगों का वर्णन करते हैं। परन्तु आज पश्चिमि देश दुबारा उस अंधकार युग की ओर जा रहे हैं और इसे व्यक्तिगत स्वतंत्रता का नाम दे रखा है।
82 ﴿ और उसकी जाति का उत्तर बस ये था कि इनको अपनी बस्ती से निकाल दो। ये लोग अपने में बड़े पवित्र बन रहे हैं।
83 ﴿ हमने उसे और उसके परिवार को, उसकी पत्नी के सिवा, बचा लिया, वह पीछे रह जाने वाली थी।
84 ﴿ और हमने उनपर (पत्थरों) की वर्षा कर दी। तो देखो कि अपराधियों का परिणाम कैसा रहा?
85 ﴿ तथा मद्यन[1] की ओर हमने उसके भाई शोऐब को रसूल बनाकर भेजा। उसने कहः हे मेरी जाति के लोगो! अल्लाह की इबादत (वंदना) करो, उसके सिवा तुम्हारा कोई पूज्य नहीं है। तुम्हारे पास तुम्हारे पालनहार का खुला तर्क (प्रमाण) आ गया है। अतः नाप और तोल पूरी करो और लोगों की चीज़ों में कमी न करो तथा धरती में उसके सुधार के पश्चात उपद्रव न करो। यही तुम्हारे लिए उत्त्म है, यदि तुम ईमान वाले हो।
1. मद्यन एक क़बीले का नाम था। और उसी के नाम पर एक नगर बस गया, जो ह़िजाज़ के उत्तर-पश्चिम तथा फ़लस्तीन के दक्षिण में लाल सागर और अक़्बा खाड़ी के किनारे पर रहता था। यह लोग व्यपार करते थे। प्राचीन व्यपार राजपथ, लाल सागर के किनारे यमन से मक्का तथा यंबुआ होते हुये सीरिया तक जाता था।
86 ﴿ तथा प्रत्येक मार्ग पर लोगों को धमकाने के लिए न बैठो और उन्हें अल्लाह की राह से न रोको, जो उसपर ईमान लाये[1] हैं और उसे टेढ़ा न बनाओ तथा उस समय को याद करो, जब तुम थोड़े थे, तो तुम्हें अल्लाह ने अधिक कर दिया तथा देखो कि उपद्रवियों का परिणाम क्या हुआ?
1. जैसे मक्का वाले मक्का के बाहर से आने वालों को क़ुर्आन सुनने से रोका करते थे। और नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को जादूगर कह कर आप के पास जाने से रोकते थे। परन्तु उन की एक न चली और क़ुर्आन लोगों के दिलों में उतरता और इस्लाम फैलता चला गया। इस से पता चलता है कि नबियों की शिक्षाओं के साथ उन की जातियों ने एक जैसा व्यवहार किया।
87 ﴿ और यदि तुम्हारा एक समुदाय उसपर ईमान लाया है, जिसके साथ मैं भेजा गया हूँ और दूसरा ईमान नहीं लाया है, तो तुम धैर्य रखो, यहाँ तक कि अल्लाह हमारे बीच निर्णय कर दे और वह उत्तम न्याय करने वाला है।
88 ﴿ उसकी जाति के प्रमुखों ने, जिन्हें घमंड था, कहा कि हे शोऐब! हम तुम्हें तथा जो तुम्हारे साथ ईमान लाये हैं, अपने नगर से अवश्य निकाल देंगे अथवा तुम सबको हमारे धर्म में अवश्य वापस आना होगा। (शोऐब) ने कहाः क्या यदि हम उसे दिल से न मानें तो?
89 ﴿ हमने अल्लाह पर मिथ्या आरोप लगाया है, यदि तुम्हारे धर्म में इसके पश्चात वापस आ गये, जबकि हमें अल्लाह ने उससे मुक्त कर दिया है और हमारे लिए संभव नहीं कि उसमें फिर आ जायें, परन्तु ये कि हमारा पालनहार चाहता हो। हमारा पालनहार प्रत्येक वस्तु को अपने ज्ञान में समोये हुए है, अल्लाह ही पर हमारा भरोसा है। हे हमारे पालनहार! हमारे और हमारी जाति के बीच न्याय के साथ निर्णय कर दे और तू ही उत्तम निर्णयकारी है।
90 ﴿ तथा उसकी जाति के काफ़िर प्रमुखों ने कहा कि यदि तुम लोग शोऐब का अनुसरण करोगे, तो वस्तुतः तुम लोगों का उस समय नाश हो जायेगा।

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