विश्व का सबसे बढ़ा लोकतंत्र ,,विश्व का सबसे बढ़ा मानवतावादी संविधान
,,विश्व की सबसे बढ़ी संस्कृति ,,फिर भी यहां कुर्सी पर बैठकर बेफिज़ूल की
शरारतें ,न भूख , न गरीबी ,न रोटी ,न रोज़ी ,न बेटियों की सुरक्षा, न
अपराधियों पर नियंत्रण ,न बंद पढ़े उद्योग चालू करने की बात ,न भ्र्ष्टाचार
के खिलाफ सख्ती ,न किसानों की बात ,न जवानों की बात , न आम जनता की बात ,बस
स्टेशन बेचो ,लालकिला ठेके पर दो ,पेट्रोल कंपनियां ,फैक्ट्रियां दोस्तों
में बांटों ,,एयरपोर्ट बेचो ,वगेरा वगेरा ,,अजीब बात है ,ना ,,इधर
मुद्दे भटकाने के लिए सेन्स ,लेस बेस लेस ,गैर ज़रूरी मुद्दों पर संसद का
वक़्त बरबाद ,देश का वक़्त बर्बाद ,,देश की सुख शांति बर्बाद ,,फिर जिस देश
में जिन वोटर्स के आधार कार्ड ,,वोटर कार्ड की शिनाख्त के आधार पर डाले गए
वोटों से तुम चुनकर आये हो ,,उन वोटर्स में भी बंटवारा ,,,देश के संविधान
समानता के अधिकार ,धर्मनिरपेक्षता का अधिकार सब ताक में ,मनमानी ,,मन मर्ज़ी
,,और फिर पहले जो लोग हमारे देश के नागरिक है ,उन्हें रोटी ,रोज़ी ,दे दो
,सुख शांति दे दो , फिर मेहमानों को उनमे तेरा मेरा , अपन ,,पराया का
पक्षपात कर जितना चाहे बुला लेना ,,,अपने घर के लोगों का हक़ ,,बिना घर के
लोगों से पूंछे बगैर ,तुम अपने परिवार ,,से छीनकर दूसरों को ,,,अमेरिका के
दबाव में चाहों तो दे देना ,लेकिन पहले अपने घर ,, अपने परिवार को तो रोज़ी
,दे दो ,रोटी दे दो ,, यहां की विकास दर बढ़ा दो ,,आंतरिक सुरक्षा क़ायम कर
दो ,,मूलयवृद्धि को कम करवा दो ,,अख्तर

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