ऐ मोहब्बत
तू मायूस न होना ,,
देश में जो लगी आग है
इसे बुझाने की
ज़िम्मेदारी भी मेरी
मुल्क से मोहब्बत है ,
ऐ मोहब्बत
तू मायूस न होना
ज़िंदा रहा तो
फिर लोट आऊंगा
तेरी गर्म सांसे
तेरी बाहें
तेरी ज़ुल्फ़ें
तेरे साथ गुज़ारे वोह पल
फिर लौटाऊंगा
फिर मोहब्बत निभाउंगा
अभी माफ़ कर दे
मुल्क में लगी है आग
इसे बुझाना फ़र्ज़ है ,फ़र्ज़ है ,,अख्तर
तू मायूस न होना ,,
देश में जो लगी आग है
इसे बुझाने की
ज़िम्मेदारी भी मेरी
मुल्क से मोहब्बत है ,
ऐ मोहब्बत
तू मायूस न होना
ज़िंदा रहा तो
फिर लोट आऊंगा
तेरी गर्म सांसे
तेरी बाहें
तेरी ज़ुल्फ़ें
तेरे साथ गुज़ारे वोह पल
फिर लौटाऊंगा
फिर मोहब्बत निभाउंगा
अभी माफ़ कर दे
मुल्क में लगी है आग
इसे बुझाना फ़र्ज़ है ,फ़र्ज़ है ,,अख्तर


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