अफ़सोस से बढ़ा अफ़सोस ,,नेहरू जयंती पर बालदिवस के ढकोसले ,,कोटा से नेहरू का
गहरा संबंध ,नेहरू वादियों द्वारा लगातार कोटा में बाल अपचारियों को
संरक्षित ,करने ,भिक्षावृत्ति उद्योग में लगे बच्चो को कल्याणकारी व्यवस्था
देने की गुहार लगा रहे है ,और व्यवस्थाएं ज़ीरो की ज़ीरो ,इधर बाल सम्प्रेषण
गृह में रोज़ झगड़े ,,रोज़ बच्चो के अपराध ,उफ्फ्फ यह लापरवाहियां ,,एक तरफ
राजस्थान के मुख्यमंत्री राजस्थान के टेलेंट बच्चों को सर्च कर उन्हें
प्रोत्साहित कर रहे है ,बच्चों के कल्याण ,संरक्षण व्यवस्थाओं को पंख
लगाने के लिए बाल संरक्षण आयोग , बालकल्याण समितियों की जिलेवार कढ़ी से
कढ़ी मिला चुके है ,लेकिन कोटा जो कोचिंग हब है ,कोटा जो बाल आपराधिक
व्यस्था ,बालकों के विरुद्ध हिंसा मामले में अव्वलिंग होता जा रहा है
,,जहाँ कोटा के पुलिस अधीक्षक ,कोटा के जिला कलेक्टर बालकों के संरक्षण के
लिए ,महत्वपूर्ण कार्ययोजनाएं जुटा रहे है ,वहां इस तरह के बाल अपचारी
सम्प्रेषण गृह में अव्यवस्थाएं ,झगड़े ,फसादात ,,मारपिटाई ,लगातार ,बारम्बार
,साबित करता है ,के वहां सम्प्रेशण ग्रह प्रशासन की देखरेख ,कौन्सिलिंग
में दाल में कुछ काला है ,,अभी कलेक्टर साहिब ने खुद ,बाल संरक्षण आयोग के
कोटा प्रवास पर आयोजित बैठक में ,बालसम्प्रेषण ग्रह की व्यवस्थाएं सुधारने
के निर्देश दिए थे ,लेकिन सुनता कोन है ,व्यवस्थाओ की बात करो ,तो कहते है
स्टाफ कम है बाल अपचारी ज़्यादा है ,,,विभाग में आंतरिक विरोधाभास वाद
विवाद है ,पुराने लोग बरसो से कोटा में ही जमा है इस करना वहां व्यवस्थाएं
लोकल बालपचारियों के परिजनों से टच हो जाने से ,,निष्पक्ष काम नहीं हो
रहे है ,,, अभी बालकल्याण आयोग की चेयरमेन के कोटा प्रवास के पूर्व बाल
सम्प्रेषण ग्रह से बच्चे झगड़े और भाग गए ,,सम्प्रेषण ग्रह के केयरटेकर
वार्डन ने ,सम्प्रेषण ग्रह से जुडी बालकल्याण समिति ,और खासकर बाल
न्यायालय के सदस्यों तक को बताना उचित नहीं समझा ,इस मामले को सदस्य हर
प्रीत कोर ने जब दूसरे दिन अखबारों से ,बाल अपचारियों की हुड़दंग ,भागजाने
की खबरे पढ़ी तो उन्होंने बालसंप्रेषण ग्रह की सदस्य होने के नाते अपने
अधिकारों का उपयोग करते हुए ,,बालसंप्रेषण गृह के केयरटेकर वार्डन को लिखित
में आपत्ति पत्र जारी करते हुए ,निर्देशित किया ,के भविष्य में इस तरह की
घटनाओं की तत्काल जानकारी सदस्यों को भी उपलब्ध कराई जाए ,ताकि घटना की
समीक्षा विधिक रूप से की जाकर ,बाल अपचारियों की कौन्सिलिंग ,,भविष्य में
ऐसी घटनाये न हो ,,जो बच्चे भागे है ,उन्हें फिर से वापसी की कार्ययोजना
,फिर से ऐसी घटनाये पुनरावृत्ति न हो ,इस मामले में समीक्षात्मक एडवाइज़री
जारी हो सके ,लेकिन वार्डन साहिब तो स्थाई है ,वोह गुस्सा गए ,उन्होंने एक
नहीं सुनी ,उलटे चुगलखोरी का काम शुरू कर दिया ,नतीजा यह घटना की
पुनरावृत्ति हुई है ,अफ़सोस इस बात का है ,के कोटा कलेक्टर के निर्देश पर
उपखंडअधिकारी खुद पूर्व घटना मामले में निरीक्षण कर गए लेकिन उन्होंने
बातचीत की ,मिले जुले ,और चल दिए ,न बाल न्यायालय समिति के सदस्यौं से
समीक्षात्मक रिपोर्ट ली ,न ही खुद की रिपोर्ट में बच्चों की समीक्षत्मक
रिपोर्ट लेकर ,कोई एडवाइज़री जारी कर कोटा कलेक्टर को ओरिजनल सूचनाये
सुझाव उपलब्ध कराये ,,,एक तरफ तो राजस्थान के मुख्यमंत्री बच्चो के कल्याण
,उनके ,संरक्षण उनके विरुद्ध हिंसा ,उनके द्वारा आपराधिक गतिविधियों की
समीक्षा कर ज़ीरो टोलेरेंस घटना के प्रयासों में जुटे है ,दूसरी तरह कोटा
जिला कलेककटर ओम प्रकाश कसेरा ,,पुलिस अधीक्षक दीपक भार्गव ,,लगातार
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बाल कल्याण ,बाल संरक्षण के सपनों को साकार
करने के लिए लगातार मोटिवेशन ,निरीक्षण ,समीक्षात्मक कार्यक्रम कर रहे है
,बालकल्याण समिति की कनीज़ फातिमा ,,आबिद हुसैन अब्बासी ,,विमल जैन
,मधुशर्मा ,अरुण भार्गव लगातार बैठके आयोजित कर ,, बालकल्याण व्यवस्थाओं
में जुटे है ,,लेकिन दूसरी तरफ कोटा में वर्षो से जमे समाजकल्याण
कार्यक्रमों से जुड़े अधिकारी ,,बालसंप्रेषण ग्रह के केयरटेकर वार्डन ,सहित
इस व्यवस्था से जुड़े लोग ,कोई कॉमन कल्याणकारी प्रोग्राम बनाकर ऐसी घटनाओं
को रोकने में सो फीसदी अक्षम से साबित हुए है ,प्रशासन को ऐसे मामले
गंभीरता से लेकर आमूल चूल परिवर्तन करने की आवश्यकता आ गयी है ,,,ताकि
ज्वेनाइल पुलिस यूनिट ,कलेक्टर ,पुलिस अधीक्षक ,,बाल न्यायालय चेयरमेन
सदस्यों ,,बालकल्याण समिति के कल्याणकारी कार्यक्रम संरक्षित कार्यक्रमों
की मेहनत जाया नहीं जाए ,बेकार नहीं हो ,,,क्या कोटा जिला कलेक्टर
समीक्षात्मक रिपोर्ट तैयार कर आमूल चूल परिवर्तन करवाकर ,,बेस्ट एवाइज़र
भविष्य के लिए जारी करवा सकेंगे ,,जवाब सिर्फ हाँ में है , क्योंकि कोटा के
बालकल्याण कार्यक्रमों को कोटा कलेक्टर ,,पुलिस अधीक्षक के संयुक्त
कार्यक्रमों को पंख लगाकर हवा दी है ,जो सार्थक होकर ही रहेगा ,, अख्तर
खान अकेला कोटा राजस्थान
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