प्रतिपक्ष हो ,गिनती का प्रतिपक्ष हो ,फिर भी कुशल नेतृत्व और टीम वर्क
,मुट्ठीभर प्रतिपक्ष को भी ,,बहुमत से भी ज़्यादा बहुमत वाले सत्तापक्ष को
,बेबस लाचार कर ,जनहितकारी कार्य करवाने के लिए मजबूर कर देता है ,जी हाँ
दोस्तों कोटा नगरनिगम के 65 वार्ड प्रतिपक्ष कांग्रेस के 6 पार्षद फिर भी
नगरनिगम की हर बैठक ,नगर निगम की हर योजना में ,,प्रतिपक्ष नेता अनिल
सुवालका का नेतृत्व कुशल रहा ,,टीम भाव ,पार्षदों की एकता नगर निगम भाजपा
बोर्ड पर कोटा में भारी रही ,,,अनिल सुवाल्का ने बोर्ड कार्यकाल खत्म होने
पर एक पत्रकार वार्ता में ,प्रतिपक्ष के रूप में उन्हें जिस तरह से
प्रताड़ित किया गया परेशानी बताने का प्रयास किया ,लकिन कार्यकाल खत्म होने
के बाद भी अनिल सुवालका अपनी ज़िम्मेदारी निभाएंगे और उन्होंने कुन्हाड़ी
क्षेत्र में प्रतिपक्ष नेता का जो कार्यालय था उसको छ माह जनता की सेवा
,शिकवे शिकायत की सुनवाई कर उन्हें दूर करने के लिए खुला रखने की घोषणा की
है ,इसके लिए अनिल सुवालका ने दो हेल्पलाइन नंबर भी जारी किये है ,यह दो
नंबर 9929067750 ,,8005740063 आम जनता की समस्याए सुनने और समाधान के लिए
चौबीस घंटे खुले रहेंगे ,,दोस्तों नगरनिगम कोटा और भाजपा की राजस्थान सरकार
ने विधि नियमों के विपरीत कोटा नगरनिगम में प्रतिपक्ष का नेता मानने से
इंकार कर दिया ,अनिल सुवालका ने राजस्थान हाईकोर्ट में रिट कर इस मामले में
राज्य सरकार के खिलाफ आदेश पारित करवाया ,जब सरकार और अधिकारीयों की
हठधर्मिता बनी रही ,अनिल सुवालका को ,आदेशों के बावजूद भी प्रतिपक्ष के
नेता का अधिकार नहीं दिया गया ,तो फिर हाईकोर्ट में अवमानना याचिका पेश कर
अनिल सुवालका ने अधिकारीयों ,राजस्थान भाजपा सरकार को कढ़ी फटकार लगवाकर
प्रतिपक्ष के नेता का हक़ ,भाजपा बोर्ड के जबड़े से निकाला था ,अनिल सुवालका
सीधे ,साफ सुथरे व्यक्तित्व के नो जवान है ,यह महनत कश होने से ,कुन्हाड़ी
चुंगी नाके पर ,जूस का कारोबार करते थे ,गिलास धोकर साफसफाई से जूस बनाकर
लोगों को सुपर टेस्टी जूस बिना किसी मिलावट के उचित क़ीमत पर पिलाया करते थे
,सेवा भाव था ,लोगों से सम्पर्क था ,नेतृत्व क्षमता थी ,बस ,स्वायत शासन
मंत्री शान्तिकुमार धारीवाल ने इनकी प्रतिभा को पहचाना और अनिल सुवालका को
,युवा राजनीति में एक ब्रेक दिया , अनिल सुवालका कोंग्रेस की रीती नीति के
साथ ,,शांति कुमार धारीवाल के निर्देशों पर कार्यकर्ताओं को एक जुट कर
नदीपार क्षेत्र के संघर्ष में लग गये ,,, अनिल सुवालका छात्र राजनीति से
कांग्रेस से जुड़े फिर युवा कांग्रेस में रहे ,अब एक पार्षद की हैसियत के
बाद ,,प्रतिपक्ष नेता के रूप नगर निगम कोटा की हर जनविरोधी योजना के मुखर
विरोधी रहे है ,,मुट्ठी भर प्रतिपपक्ष जिन्हे कहकर भाजपा का बोर्ड एक तरफ
दरकिनार करना चाहता था ,इस मुट्ठी भर विपक्ष के नेता अनिल सुवालका के
नेतृत्व में कांग्रेस के पार्षदों ने हथोड़ा बनकर ,भाजपा की गलत नीतियों पर
वार किया ,भ्रस्टाचार के कई मामले उजागर किये ,गांय के नाम पर सियासत करने
वाली भाजपा के बोर्ड में गांयों की मोत पर भाजपा बोर्ड को घेरा ,गोशाला
व्यवस्था की निगरानी ,की ,कोटा के सभी वार्डों में विकास कार्यों ,कार्यों
में पक्षपात ,भ्रस्टाचार की निगरानी की जबकि खुद अनिल सुवालका ने इनके अपने
वार्ड के लोगों के लिए क्षेत्र में विजयवीर क्लब के पास खिलाडियों के
ठहरने के लिए गेस्ट हॉउस बनवाया ,,साफ ,सफाई के अलावा ,सड़के ,नाली ,पटान
सहित कई लाभकारी रोजगारोन्मुखी योजनाओ का लाभ क्षेत्र के लोगों को
दिलवाया ,यह पार्षद रहकर भी अपने क्षेत्र में लोकप्रिय है ,,,अनिल सुवालका
संवेदनशील है ,इनकी प्रशासनिक क्षमता की ही वजह है के शान्तिकुमार धारीवाल
केबिनेट मंत्री ने इन पर भरोसा जताया ,बाढ़ पीड़ितों के पुनर्वास , मकान देने
की ज़िम्मेदारी दी जो अनिल सुवालका ने एक ईमानदार सेवक ,ईमानदार
प्रतिनिधि बनकर पूरी ज़िम्मेदारी से निर्वहन की ,,अनिल सुवालका नदी पार
क्षेत्र के लोगों में तो लाडले है ही ,लेकिन इनका कुशल नेतृत्व ,सेवा भाव ,
दबंग कार्यवाही ,भ्रस्टाचार के खिलाफ जंग ,लोगों की मदद के जज़्बे ,,
तार्किक आक्रामक भाषण शैली के कारण आज यह कोटा में भी हर कांग्रेस
कार्यकता ,कोटा शहर के उत्पीड़ित लोगों में लोकप्रिय बनकर भविष्य की
राजनीति की उम्मीद बन गए ,है ,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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