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31 अक्तूबर 2019

देश में सोशलमीडिया ,पत्रकारिता फोबिया से लेकर ,मोबाइल मोनोफोबिया की हदें पार हो गयी है

देश में सोशलमीडिया ,पत्रकारिता फोबिया से लेकर ,मोबाइल मोनोफोबिया की हदें पार हो गयी है ,,जबकि सरकार ,,,कार उत्पादकों के मालिकों में से एक , सड़क सुरक्षा परिवहन को केंद्रीय मंत्री बनाने मोटर वाहन अधिनियम में संशोधन करने के बावजूद भी ,चलती कार में आग लगजाने पर ,आपात स्थिति में ,हेमर यानी कांच कार के दरवाज़े का कांच तोड़ने और आपात दरवाज़े की आवश्यकता को पूरी करने के लिए कोई क़दम नहीं उठा सकी है ,, दोस्तों देश में हर कोने में चलती कार में आग लगजाना , खडी कार में आग लग जाना आम बात हो गयी है ,,कोटा में भी लगातार घटनाये हुई है ,लेकिन सेल्फीबाज़ निष्ठूर लोग ,सिर्फ फोटों खेंचते है ,मोबाइल से विडिओ बनाते है और अपलोड कर चलते नज़र आते है ,कभी भी कुछ लोगों छोड़कर ऐसे हादसे में ,मदद के लिए यह लोग आगे नहीं आते है ,,ऐसे लोगों के कंट्रोल के लिए ,इनकी ज़िम्मेदारियाँ तय करने के लिए निश्चित तोर पर आपराधिक क़ानून तो बनना ही चाहिऐ ,, कोटा में रानपुर रोड पर ,आकस्मिक हादसा हुआ एक कार चलती स्थिति में अचानक आग पकड़ लेते है ,मालिक ड्राइवर ड्राइविंग सीट पर है कार रुक जाती है ,इलेक्ट्रॉनिक दरवाज़े ,,कांच जाम हो जाता है ,,कार आग से मुख्यमार्ग ,जहां नियमित आम रास्ता होने से लोगों की मिनटों की आवाजाही है ,, वहां एक शख्स जलती आग में झुलस रहा है ,,और आने जाने वाले लोग पत्थर दिल बनकर ,या तो गुज़र रहे है ,,या फिर खड़े होकर फोटोग्राफी कर रहे है ,विडिओ बनाकर अपलोड कर रहे है ,,कहाँ गयी हमारी मानवता ,हमारे कर्तव्य ,,एक दूसरे को बचाने का जज़्बा ,, पहला दायित्व कार का कांच तोड़कर ,ड्राइवर मालिक को बचाने का प्रयास था ,खेर दुसरा दायित्व पुलिस को सुचना को तो पूरा हो गया ,लेकिन पहला दायित्व जिससे वक़्त रहते अगर कार का कांच तोड़कर ,,जलती कार के शोलों के बीच कार मालिक प्रेमचंद जैन को निकालकर उनकी जान बचाने का था जो हम सेल्फीबाज़ ,मोनोफोबिया बिमारी से ग्रसित लोग नहीं कर सके ,,दोस्तों मोनोफोबिया में मोबाइल ,सोशलमीडिया को लेकर उत्तेजित बिमारी के लक्षण होते है ,जिनमे दूसरे लक्षणों के अलावा तत्काल फोटो और विडिओ अपलोडिंग होता है ,ऐसे में पहले विडिओ में बनाऊं ,बढे हादसे के बावजूद भी ,,वोह अपना कर्तव्य किसी की जाएं बचाने का भूल जाता है और इस तरफ विडिओ बनाने की कोशिशें कर ,अपलोड करता है ,वोह इसे अपना कतर्व्य वाहवाही समझता है ,,कोटा के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर सुरेश पांडेय ,सुवि नेत्र संस्थान के इस मामले ,,मोनोफोबिया बिमारी के खिलाफ लोगों को जागरूक कर रहे है खासकर बच्चों में अनावश्यक मोबाइल उपयोग से मोनोफोबिया रोग से बचाव के लिए वोह सेमिनारें ,साक्षरता ,जागरूकता कार्यक्रम कर रहे है ,,अजीब बात है ट्रेनों में आपात दरवाज़ा ,कांच तोड़ने का हेमर हथोड़ा ,बसों में कांच तोड़ने हेमर हथोड़ा आपात दरवाज़ा है ,लेकिन देश में बनने वाली और चलने वाली कारों में लगातार आगजनी के बढे हादसों के बावजूद भी ,,इस तरफ सरकार ने सुरक्षात्मक कोई पहल नहीं की है ,कोई व्यवस्थाएं कारउत्पादकों के लिए ज़रूरी नहीं की है ,ऑटोमोबायल इंजीनियर खामोश है ,वायरिंग का दोष प्राइवेट मिस्त्रियों को देकर पल्ला झाड़ रहे है ,लेकिन ऐसा होना नहीं चाहिए ,वायरिंग क्यों लूज़ होती है ,,शार्ट सर्किट से आगजनी क्यों हो रही है ,चलते फिरते पेट्रोल बम्म में सुरक्षा के कठोर उपाय के लिए नीतिनगडकरी केंद्रीय मंत्री सहित प्रधानमंत्री को उठाना चाहिए ,,, दोस्तों किसी भी कतर्व्य को बाध्य करने के लिए क़ानून के सभी हिमायती है ,,अधिकारों के लिए हम लड़ते है ,तो कर्तव्यों से हम क्यों भागते है ,, कोटा में रानपुर रोड पर चलती कार में यह आगजनी ,का हादसा ,ड्रायवर मालिक प्रेमचंद की दर्दनाक मोत ,तो क़ानून तो बनना ही चाहिए ,रहा सवाल ,मोनोफोबिया सोशल मीडिया ,विडिओ अपलोडर ,फोटो अपलोडर मानसिक रोगियों का ,अख़बार वालों का ,या राहगीरों का तो उनके लिए भी दंडात्मक क़ानून तो होना ही चाहिए , सोशल मीडिया पाबंदी के लिए एवाइज़री क़ानून चल रहा है भाजपा सरकार के प्रसाद पर्यन्त पद पर चेयरमेन बने ,अनुपम खेर सरकारी खर्च पर इसके आइकॉन बनकर सोशल मीडिया के खिलाफ प्रतिंबधात्मक क़ानून बनाने की वकालत कर रहे है ,एक सार्वजनिक कार्यक्रम में जब उन्होंने बहन की गाली देकर इस कार्यक्रम की शुरआत कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए कुछ भी लिखने पर आपत्तिजनक बताते हुए क़ानून बनाने की वकालत की ,तो एक साहब ने उसी कार्यक्रम में उसी मंच पर , सच लिखने और सच को दबाने और प्रधानमंत्री की गैरज़िम्मेदारांना हरकतो को विभाजित करते हुए ,,अनुपम खेर की भक्ती विचारधारा का खूब मखौल उड़ाया जिसे दर्शकों ने खूब सराहा ,, हाल ही में कुछ लोगों ने प्रधानमंत्री के खिलाफ कोई भी टिप्पणी की तो सभी जेल जाएंगे ,एडमिन के खिलाफ कार्यवाही होगी ,भयभीत करने वाली फ़र्ज़ी मेसेज जो में पेश कर रहा हूँ ,,कुछ लोगों द्वारा दहशत का वातावरण बनाकर सरकार ,प्रधानमंत्री ,और सरकार में बैठे लोगों के खिलाफ सच लिखने से रोकने को लेकर भयावह वातावरण बनाया जा रहा है ,,मेसेज हूबहू पेश है भाषा देखिएगा *कल से नये communication के नये नियम लागू होने वाले हैं
1. सभी कॉल की recording होगी।
2. सभी call recording saved होंगे
3. Whatsapp, Facebook, Twitter और सभी Social media सभी monitored होंगे
4. जो ये नहीं जानते उन सभी को सूचित कर दीजिये।
5. आपकी Devices को मन्त्रालय systems से जोड़ दिया जायेगा।
6. ध्यान दीजिये कोई भी गलत message किसी को भी मत भेजिये
7. अपने बच्चों, भाइयों, रिश्तेदारों, दोस्तों,परिचितों आदि सभी को सूचित कर दें कि इन सबका ध्यान रखें और social sites को संयम से चलायें।
8. कोई आपत्तिजनक post या video..आदि जो आप recieve करते हैं राजनीति या वर्तमान स्थिति पर सरकार या प्रधानमंत्री के खिलाफ, उसे Send नहीं करें।
9. इस समय किसी राजनीतिक या धार्मिक मुद्दे पर कोई आपत्तिजनक मैसेज लिखना या भेजना अपराध है .....ऐसा करने पर बिना वारंट के गिरफ़्तारी हो सकती है |
10. पुलिस एक नोटिफ़िकेशन निकालेगी ....फ़िर Cyber अपराध... फ़िर action लिया जायेगा ।
11. यह बहुत ही गम्भीर है।
आप सभी group members, admins ,...इस विषय पर गहराई से सोचिये
12. कोई गलत Message मत भेजिये। सभी को सूचित करें तथा इस विषय पर ध्यान रखें।
13. Please इसे share कीजिये...
*Groups ज्यादा सतर्क व सावधान रहें।*दोस्तों किसी के लिए भी अपमानकारी टिप्पणी ,ग़ैरक़ानूनी कार्य रोकने के लिए क़ानून बनना चाहिए , लेकिन क़ानून का खौफ बताकर सच लिखने और सच बोलने से रोका नहीं जा सकता ,राजस्थान सरकार में वसुंधरा सिंधिया ने क़ानून बनाया था ,पत्रकारों को सजा का प्रावधान ,नौकरशाहों के खिलाफ सच लिखने पर पाबंदी वोह धाराशाही हो गयी ,,खेर अब सोशल मीडिया के उपयोग और दुरूपयोग की बात है ,निश्चित तोर पर सोशल मीडया के दुरूपयोग ,झूंठ , हिंसा ,फ़र्ज़ी खबरों के खिलाफ क़ानून बनना चाहिए ,कठोर दंड होना चाहिए ,लेकिन यही क़ानून अखबारों ,,इलेक्ट्रॉनिक न्यूज़ चैनलों सहित सभी सियासी भाषणबाज़ियों के लिए होना चाहिए ,,सच बोलना ,सच लिखना ,,तार्किक सम्मानजनक विरोध की छूट इस लोकतत्र की आत्मा है ,,, इसे तो हमे बरक़रार रखना ही होगी , लेकिन नफरतबाज़ों ,झूठ फैलाने वालों ,अफवाहे फैलाने वालों ,हिंसा भड़काने वालों ,मुद्दे भटकाने वालों ,अपमानकारी फोटो बनाने वालों ,,अपमानकारी भाषा लिखने वालों,, सेल्फीबाज़ ,दुर्घटना में मदद करने के स्थान पर फोटो ,वीडिओ अपलोड करने वाले लोगों के खिलाफ तो कार्यवाही का क़ानून होना ही चाहिए ,,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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