स्वतन्त्रता सेनानी , शिक्षाविद , पद्मभूषण डॉक्टर शिवमंगल सुमन सप्तपदी
सद्भाव व्याख्यानमाला ,महाकाल नगरी उज्जैन में अध्यक्ष पद से बोलते हुए
एडवोकेट अख्तर खान अकेला ने कहा ,, आज के बदलते युग मे ,,जब पत्रकारिता
सियासी तोर पर प्रश्नगत हो रही है , तब सोशल मीडिया का महत्व बढ़ गया है ,
देश मे सोशल मीडिया महत्व पर बोलते हुए अख्तर खान अकेला ने कहा , ज़रा सोचो
जब मीडिया से , रोज़ी , रोटी , रोज़गार , आर्थिक हालात , प्रेम , सद्भाव जैसे
मुद्दों को गायब कर , छद्म , भ्रामक मुद्दे चलाकर टाइम पास
किया जाए तो देश को , सोशल मीडिया से जुड़े लोगों को , राष्ट्रहित में सोशल
मीडिया को मुखर करने की सम्भावनाये तलाशना होगी ,, अख्तर खान अकेला ने
सवाल किया , ज़रा सोचिए , आपके मन मे विचार हो , सवाल हो , सुझाव हो , देश
के बदलते हालातों में आप सुखद , विकास शील सुझाव रखते हो और उन सुझावो को
मिडिया में स्थान नहीं मिले , तो आप लोगों के लिए,, इससे बढ़ी सज़ा ओर क्या
होगी ? वर्तमान मिडिया के लिए इससे बढ़ी शर्मिंदगी और क्या होगी ,,अख्तर
खान अकेला ने कहा सोशल मीडिया दो धारी तलवार है ,इसकी सकारात्मक सोच देश की
दिशा ,,देश की दशा बदल सकती है ,,जबकि इसकी नकारात्मक सोच देश में
विंध्वसकारी हालात बना सकती है ,इन हालातों में सोशल मीडिया को देश के
वर्तमान हालातों में पांचवे स्तम्भ के रूप में हमे शक्तिशाली ,देश के
हालातों का मार्गदर्शक ,पथ प्रदर्शक ,निगराकार बनाकर स्थिति को नियंत्रण
में करना होगी ,,वैचारिक ,शाब्दिक ज़हर जो घोला जा रहा है ,उसे सद्भाव की
चाशनी से मीठा करना होगा ,मधुरता का वातावरण बनाना होगा ,देश में भूख
,गरीबी ,,रोज़गार ,विकास के मुद्दों पर बहस करना होगा ,सरकारों को इन
ज्वंलंत समस्याओं पर विचार करने इनका समाधान करने के लिए मजबूर करना होगा
,,,, कार्यक्रम में राष्ट्रीय प्रवक्ता हाजी अरशान ने कहा देश को विकसित
मज़बूत करने के लिए हमे सभी को एक जुट होकर , मिलजुलकर काम करना होगा ,,,
उन्होंने कहा वर्तमान हालातों में हमे नफरत ,आपसी भेदभाव भुलाकर ,चुनौतियों
से एक जुट होकर मुक़ाबला करना है ,सियासत को ताक में रखो ,आधुनिक ,विकसित
भारत का मिलजुल कर निर्माण कर्रों ,,मेरा भारत महान था ,मेरा भारत महान है
,मेरा भारत ही महान रहेगा के नारे को बुलंद करों ,,, भारतीय ज्ञान पीठ
उज्जैन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में चेयरमेन श्री कृष्ण मंगल कुलश्रेष्ठ ने
सभी का आभार जताया ,मंगल कुलश्रेष्ठ ने बताया के वर्ष 1964 से स्थापित
भारतीय ज्ञानपीठ कई सालों से सपद दिवसीय अखिल भारतीय सप्तदश सद्भावना
व्याख्यामाला का कार्यक्रम आयोजित करती रही है ,इसका मक़सद ,गांधीवादी
विचारधारा ,एकजुटता ,सद्भाव को बढ़ाने के लिए वैचारिक युद्ध करना है और नफरत
के खिलाफ जंग जीतकर देश को एक जुट ,विकसित करना है ,,कार्यक्रम का संचालन
प्रियंका शेवलकर ने किया ,,, कार्यक्रम में इंजीनियर सरफराज कुरेशी ,
शिक्षाविद नईम कुरेशी , ऐडवोकेट रामगोपाल चतुर्वेदी , मुकेश सेन , नरेंद्र
नारायण शर्मा , कौशल गौतम सहित सैकड़ों लोग उपस्थित थे , अख्तर खान अकेला
कोटा राजस्थान
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