गोवंश अधिनियम का उलंग्घन कर , अवैध रूप से गोवंश की तस्करी ,,और
पशुक्रूरता के बाद ,दो गोवंश की मृत्यु हो जाने के मामले में अपर जिला जज
कोटा क्रम 5 दीपक पाराशर ने ,अभियुक्त मोहम्मद इरफ़ान को दो दो वर्ष की अलग
अलग सज़ा ,दो हज़ार रूपये जुर्माने से दण्डित ,किया है ,,जबकि चार अन्य
आरोपी हाशिम अली ,मोहम्मद निसार ,सलीम अहमद ,,अयाज़ उर्फ़ पप्पू ,मफरूर होने
के कारण ,उनके खिलाफ मफरूरी में पत्रावली लंबित रखने के आदेश दिए है ,,,
अपर लोक अभियोजक क्रम 5 कोटा एडवोकेट अख्तर खान अकेला ने बताया
के 29 जून 2009 की मध्यरात्रि अद्योगनगर सी आई अपने जाब्ते के साथ बोरखेड़ा
नाके पर गश्त चेकिंग पर थे ,इसी दौरान तीन कंटेनर नाकेबंदी के दौरान रोककर
तलाशी ली गयी ,जिसमे से एक कंटेनर में मोहम्मद इरफ़ान था ,जिसमे तलाशी के
दौरान 26 बेल भरे हुए मिले ,जबकि दूसरे कंटेनर में 25 तीसरे कंटेनर में 25
कूल 76 बेल तीनों कंटेनरों में मिले ,, बेलों को कंटेनर में से उतरवाते
वक़्त पता चला के दो बेलों की मृत्यु हो गयी है जिनके पोस्टमार्टम रिपोर्ट
में उनकी मृत्यु साँस घुटने और रगड़ लगने के बाद आयी चोटों से होना बताया
गया ,, इस मामले में तफ्तीश के बाद उद्योगनगर पुलिस ने मोहम्मद इरफ़ान
,,हाशिम अली ,मोहम्मद निसार ,सलीम अहमद ,अयाज़ उर्फ़ पप्पू निवासी मुज़फ़्फ़रपुर
उत्तरप्रदेश को राजस्थान गोवंशीय पशु अधिनियम 1995 की धारा 3 ,5 ,6 ,9 / 8
व् 9 में गिरफ्तार कर चालान पेश किया ,, विचारण के दौरान अभियुक्त हाशिम
अली ,,मोहम्मद निसार ,सलीम अहमद ,अयाज़ उर्फ़ पप्पू फरार हो गए जिन्हे माननीय
न्यायालय ने मफरूर घोषित कर दिया ,, ,, प्रकरण की अंतिम बहस के दौरान अपर
लोक अभियोजक अख्तर खान के तर्कों से सहमत होते हुए , माननीय अपर जिला जज
क्रम 5 दीपक पाराशर ने प्रकरण को गंभीर मानते हुए , अभियुक्त को सजा सुनाई
है ,, अपर जिला जज ने अपने फैसले में लिखा के राजस्थान गोवंश अधिनियम की
धारा 11 में खुद को निर्दोष साबित करने का भार अभियुक्त पर है ,जिसमे
अभियुक्त ने अपने बचाव पक्ष में कोई साक्ष्य ,दस्तावेज पेश नहीं किये है
,जबकि अभियोजन पक्ष के सभी गवाहान ने प्रकरण में आरोपों की पुष्टि करने
हुए तस्दीक़ की है ,,अपर जिला जज दीपक पाराशर ने अपने फैसले में लिखा के
मोहम्मद इरफ़ान बिना किसी अनुज्ञापत्र ,प्रमाणपत्र ,स्वास्थ प्रमाण पत्र के
26 बेलों का अवैध रूप से परिवहन कर रहा था ,जिनके परिवहन में क्रूरता भी
हुई ,,जिससे बेलों के चोटें भी आयी है और इस क्रूरता के कारण दो बेलों
की मृत्यु हो गयी है ,यह एक गंभीर अपराध है ,,अपर जिला जज दीपक पाराशर ने
अभियुक्त इरफ़ान को गोवंश अधिनियम की धारा 5 में दो साल ,,धारा 6 में दो
साल , धारा 9 एक वर्ष ,दो दो हज़ार रूपये जुर्माने और अदम अदायगी छह माह
जुर्माने की सजा सुनाई है ,,अभियुक्त के वकील महेंद्र गोचर ने अभियुक्त का
प्रथम अपराध होने पर अभियुक्त को परिवीक्षा का लाभ देने की प्रार्थना की
जिसे माननीय न्यायालय ने प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए अभियुक्त को
परिवीक्षा का लाभ देने से इंकार कर दिया ,,, अख्तर खान अकेला कोटा
राजस्थान
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