खूब
चल रहा है ,देश ,,प्रधान न्यायधीश के रजिस्ट्रार ,,उन्नाव पीड़िता का दुःख
भरा पत्र ,जज साहब के सामने तक नहीं पहुंचाते है ,,तो जोमेटो से खाना
मंगाने वाले जोमेटो प्रबंधक से मज़हबी नफरत के बदले लताड़ खाते है ,इधर मोटर
वाहन संशोधन बिल में टाइपिंग मिस्टेक के साथ ही बिल पास हो जाता है ,फिर
टाइपिंग मिस्टेक ठीक होने के लिए जाता है ,,पश्चिमी बंगाल में कोई जय
श्रीराम ज़बरदस्ती कहलवाने की ज़िद करने वाले को ईंट से मार देता है ,तो कोई
जय श्रीराम नहीं कहने पर ज़िंदा जला देता है ,,एक मज़हब की बहने
बेवजह पतियों द्वारा छोड़े जाने के बाद बिना तलाक़ के भी प्रताड़ित है उन
संख्या में ज़्यादा प्रताड़ित बहनों के जीवन के वेलफेयर , बिना तलाक़ के बहनों
को छोड़कर प्रताड़ित करने वाले पतियों के खिलाफ कोई क़ानून के बारे में
विचार तक नहीं ,लेकिन कश्मीर में ट्रिपल तलाक़ मंज़ूर तो देश के दूसरे
हिस्सों में ट्रिपल तलाक़ दूर ,,,,सज़ा का प्रावधान ,,आदरणीय नरेंद्र मोदी के
प्रधानमंत्री बनने के बाद ,उनके सपनों का यह भारत तो नहीं ,बलात्कार की
प्रताड़ित को संस्कारी सरकार के योगी महाराज के नेतृत्व में सुरक्षा तक नहीं
मिलती ,जबकि उनके विधायक ,प्रभावशाली लोगों के साथ मिलकर पीड़िता ,वकील
,उसके पिता ,गवाह की हत्या के लिए एक्सीडेंटल साज़िश रच कर भी ,,रचकर भी
मतलब समझ तो आप गए होंगे ,अब उल जलूल टिप्पणियो के साथ कुछ बुद्धिजीवियों
की टिप्पणियां पढ़ने की मेरी बारी है ,,,,,अख्तर
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