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10 जुलाई 2019

मेरे इस वीरों की जन्मभूमि को किसकी नज़र लग गयी है

मेरे इस वीरों की जन्मभूमि को किसकी नज़र लग गयी है ,मोहब्बत ,प्यार ,बांटने वाले मेरे इस देश की संस्कृति को तहस नहस करने की साज़िशें कोन कर रहा है ,,जिस देश में बहादुरी के क़िस्से हुआ करते है ,वहां कायराना हमले ,कायराना झुण्ड ,,कायरों की एक बढ़ी जमानत ,निहत्थे को घेरती है ,मारती है ,पीटती है ,,खुद को बहादुर कहती है ,जबरन नारेबाजी करवाती है ,,और पकड़ी भी नहीं जाती है ,,,,पकड़ी जाती है तो सज़ा नहीं मिल पाती है ,,यह सब कुछ वातावरण एक दिन में नहीं बना है ,कुछ कायरों ने झुण्ड बनाना ,,निहत्थे को पकड़ना ,मारना ,, ,पीटना ,क़ानून अपने हाथ में लेना ,एक फैशन ,एक राजनितिक संरक्षण बना लिया है ,,राजनीति की पहली सीढ़ी के रूप में इस घिनोने वातावरण को बनाने के प्रयासों में एक नहीं हज़ारों ,है ,,, इन्हे यह नहीं पता ,नफरत से किसी को भी क्या मिला है ,सिर्फ नफरत ,बर्बादी ,तबाही ,अराजकता ,इसके सिवा कभी कुछ इन हालातों में हमे नहीं मिल सकता ,एक नोजवान भड़का हुआ है या डरा हुआ ,मानसिक रोगी हॉकर खुद को बहादुर बनाने ,बहादुर साबित करने की कोशिशों में सोशल मीडिया पर उल जलूल लिख रहा ,है ,तो एक तब्क़ा ,निहत्थों को पकड़कर पीटने वाली नामर्दानगी को मर्दानगी बताने पर तुला है ,,उसके वीडियो वायरल करके ,मज़हबी सियासत ,नफरत बाज़ समाज में अपना माइलेज लेने की कोशिश कर रहा है ,इन हालातों से तंग राहुल गांधी कांग्रेस के राष्ट्रिय अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर एक सिपाही के नाते संघर्ष की घोषणा कर चुके है ,,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा में ,राज्यसभा में ,संसद के बाहर आम सभाओं में ऐसी घटनाओं को नामर्दानगी की घटनाये क़रार देकर इन्हे रोक देने की अपील कई बार कर चुके है ,उन्होंने ऐसी घटनाओं की आलोचना की है ,,लेकिन उनकी अपील का असर आज तक कहीं देखने को नहीं मिला ,उलटे उनकी विचारधारा के अपने लोग ही ऐसी घटनाओं में लिप्त मिल रहे है ,,यह देश के ,लिए ,समाज के लिए गौरवान्वित करने वाली बात नहीं ,शर्मसार करने वाली बात है ,,देश में ऐसा वातावरण जो भारत माता को ज़िंदाबाद करवाने का मनोविज्ञान रखने वाला होगा ,जो जय श्रीराम का राम राज लाने वाला होगा ,जो जय भीम ,जो अल्लाह हो अकबर की बात करने वाला होगा वोह कभी नहीं चाहेगा ,वोह हमेशा चाहेगा उसका समाज ,उसका अड़ोस ,उसका पड़ोस ,,उसका गाँव ,उसका मोहल्ला ,उसका शहर ,उसका देश ,,विकासशील रहे ,शांत रहे ,भाईचारा ,मोहब्बत की मिसाल रहे ,जो भी किसी भी समाज का समाजकंटक हो ,क़ानून तोड़ने वाला हो ,अराजकता फैलाने वाला हो ,उसे सजा मिले ,क़ानून का राज स्थापित हो ,ऐसी मानसिकता 95 प्रतिशत भारतियों की है ,,लकिन इन में दस प्रतिशत वोह भी है जो ऐसी नफरत फैलाने वाले नफरत बाज़ों ,घटना करने वाले अपराधियों को समाज के हीरो के रूप में महिमांडन करते आये है ,,कश्मीर में आतंकवादियों का मिला ,,नक्सलियों को क्या मिल रहा ,है लिट्टे को क्या मिला ,,किसी की जान ले लेना ,किसी का अपमान करना आसान है लेकिन देश की सुख ,शांति ,स्वाभिमान ,सम्मान को ज़िंदा रखना इसकी रक्षा करना बहुत मुश्किल है ,,झुण्ड में भेड़िये आते है ,निहत्थों को हिजड़े मारते है ,,,कायरों की जमात ,,आपराधिक मानसिकता ,देश विरोधी तत्व ही देश की सुख शान्ति के खिलाफ ऐसा वातावरण अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश को बदनाम करने की साज़िश के तहत एक साक्ष्य बनाने के लिए कर रहे है ,.,,ऐसे कायराना हमलावरों के खिलाफ कहने को मोब्लिचिंग कोर्ट स्थापित हुई है ,,लकिन क्या यह मामले मोब्लिचिंग कोर्ट में गए ,क्या मोब्लिचिंग कोर्ट में एक मामले की भी सुनवाई शुरू हुई ,क्या ऐसे कायर लोगों के पीछे कोन सी ताकते है ,,ऐसे कायर लोगों को किनकी मदद मिल रही है ,इस पर किसी की तफ्तीश हुई ,ऐसे कायर लोग ,मेरे इस भारत महान को कायरों का हमलावर ,,कहलवाकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ,संयुक्त राष्ट्र संघ में बदनाम करवाने की साज़िश क्यों कर रहे है ,क्या ऐसे कायरों का झुण्ड विदेशी ताक़तों के ज़रिये गुमराह तो नहीं किये गए है ,क्या ऐसे लोग ऐसे विडिओ वगेरा बनवाकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश की छवि बिगाड़ने की साज़िशों में हिस्सेदार तो नहीं है ,इन सभी मामलों की जांच होना चाहिए ,,किसी का मारना ,किसी को पीटना ,किसी से मोत का डर बताकर कुछ भी कहलवा लेना कोई मर्दानगी नहीं ,लेकिन अगर यह कार्यवाहियां ,थानों ,में ,पुलिस की मौजूदगी में हो तो शर्मिंदगी और बढ़ जाती है ,एक प्रधानमंत्री चीख चीख कर अपनी विचारधारा के लोगों से ऐसी घटनाओं से अलग होने के लिए कहते है ,लेकिन ऐसे लोग फिर घटना फिर घटनाओं में घटना करते है ,इससे साबित है के यह लोग प्रधानमंत्री की विचारधारा के भी नहीं सिर्फ और सिर्फ किसी विदेशी ताक़त के ज़रिए फंडिंग लेकर ,देश की संस्कृति ,परम्परा ,भाईचारे ,,सद्भावना ,,इंसाफ़ाना क़ानून को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बदनाम करने वाले साज़िश कर्ता है ,दोस्तों ऐसे लोग किसी समाज के हीरो नहीं किसी समाज के ठेकेदार नहीं ,,किसी पार्टी के नेता या संगठन के प्रमुख नहीं हो सकते ,येह लोग कायर है ,,गद्दार है ,देश में अराजक माहौल के साज़िशकर्ता है इन्हे जहां देखो पकड़ो पुलिस के हवाले करो ,सरकारों पर दबाव बनाओ ,ऐसे लोगों के लिए ऑफिसर केस स्कीम चलाएं ,ऐसे लोगों के लिए अनुसंधान अधिकारी को विशेष प्रशिक्षण देकर पकड़वाओ ,मुखबीर योजना चलाओ और ऐसे साज़िशकर्ताओं को रिमांड पर लेकर इनकी फंडिंग ,,इनके सम्पर्क ,,किनके कहने पर यह देश का वातावरण बनाकर सोशल मीडिया साक्ष्य तैयार कर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश को बदनाम करने की साज़िश कर रहे है ,पता लगवाना चाहिए ,,यह देश के दुश्मन है ,देश के लिए ज़हरीले सांप है ,हड़किये कुत्ते है ,,इन्हे संरक्षण मत दो ,,,इन्हे दूध मत पिलाओ ,,इनका इलाज करो ,इन्हे विदेशी साज़िशों के हाथों बिकने से रोको ,इनकी मानसिकता बदलो ,,देश है तो हम है ,प्यार है ,मोहब्बत है तो खुशहाली है ,,विकास है ,रोज़गार है ,भाईचारा है ,खुशगवार वातावरण है ,वर्ना फिर यह मुट्ठीभर लोग अगर नफरत की फसल की खेती करने लगेंगे ,नफरत के बीज भारत के खुशहाल खेतों में डालेंगे तो नफरत सिर्फ नफरत है पैदा होगी ,इसलिए कहता हूँ नफरत की इस खरपतवार को चाहे तुम्हारे खेत में हो चाहे हमारे खेत में हो सख्ती से निष्पक्षता से काट डालो ,,कीटनाशक दवाओं से इस नफरत की फसल को नष्ट कर दो ,बीज सहित खत्म कर दो ,मोहब्बत की खेती करो ,,भाईचारा सद्भावना ,विकास रोज़गार ,रोटी की बात करो ,एक दूसरे की मदद की बात करो ,,कायरों के झुण्ड की नहीं ,बहादुरी ,स्वाभिमान की बात करो ,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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