ज़फर यानी कामयाबी ,,, कामयाबी ,, विक्ट्री ,,विक्ट्री ,फिर भी पैर ज़मीन पर
,ज़रूरत मंदों की मदद ऊँगली पकड़ कर ,,तहज़ीब और सुकून ,,वफादारी ,दयानतदारी
की सिफ़्त ,,यारों से यारी ,,अहसान करने वालों से वफादारी ,,अल्लाह की इबादत
के बताये हुए रास्ते की डगर ,जी हाँ बस यही है ज़फर ज़फर ,,,कभी मास्टर ज़फर
,तो कभी डॉक्टर ज़फर ,तो कभी भाई ज़फर ,तो कभी दयानतदार ,मददगार ज़फर ,,तो कभी
वफादारी का पर्याय ज़फर ,तो कभी हाजी ज़फर ,तो कभी सियासी ज़फर ,तो कभी सोशल
वर्कर ,ज़फर ,तो कभी उर्दू अदब के मुहाफ़िज़ प्रचारक ज़फ़र ,तो कभी शिक्षाविद
ज़फर लेकिन हमेशा शांति कुमार धारीवाल के वफादार ज़फर , धारीवाल परिवार के
चौबीस कैरेट वफादार ज़फर ,,,शादी की सालगिरह मुबारक हो भाई डॉक्टर ज़फर
,,,,,,एक ज़फर,, जिसके लगवी मायने ,,यानी शब्दकोश मायने ,कामयाबी ,विक्ट्री
से है और यह ज़फर,, जो प्रगति इंटरनेशनल के चेयरमेन के रूप में, प्रगति के
पथ पर कामयाबी के साथ ,,सादगी मिजाज़ी ,इस्लामिक कर्तव्यों की क्रियान्विति
,,दोस्तों की दोस्ती का क़र्ज़ ,,तो अहसान करने वाले भाइयों का वफ़ादारी का
फ़र्ज़ के साथ नाम के मायने के मुताबिक़ माशा अल्लाह कामयाबी के साथ प्रगति के
पथ पर चल रहे है , ,,जी हाँ दोस्तों में बात कर रहा हूँ ,हमेशा सादगी से
मुस्कुराते हुए ,,हर दिल अज़ीज़ शिक्षाविद भाई डॉक्टर ज़फर मोहम्मद की,,
जिन्होंने राजस्थान के कहे जाने वाले,, विकास पुरुष दबंग ,तेज़तर्रार
नेतृत्व ,,शांति कुमार धारीवाल के साथ ,अंगुली पकड़ कर सियासत की, ऐ बी सी
डी सीखी है ,,,और अब वोह इस इबारत के खुद उस्ताद बन गए है ,,लेकिन कामयाबी
की बुलंदियों पर पहुंचने के बाद भी उन्होंने ,शान्ति धारीवाल के मुखालिफ
कोई अहसान फरामोशी नहीं की है ,हमेशा वफ़ादारी ,वफ़ादारी ,जी हुकम ,,इशारों
को इशारों में ही समझकर उसकी क्रियान्विति ,बस इसीलिए डॉक्टर ज़फर मोहम्मद
शांति कुमार धारीवाल के वफादार सिपहसालारों की टीम में अव्व्वल नज़र आते है
,,वोह खुद सार्वजनिक रूप से स्वीकार करते है ,के जिलाप्रमुख के वक़्त
परिस्थियों के चलते शान्ति कुमार धारीवाल ने अल्लाह के हुक्म से ज़फर
मोहम्मद को एक अध्यापक की नौकरी पर नियुक्त कर नवाज़िश की थी ,,माशाअल्लाह
डॉक्टर ज़फर कहने को अध्यापक रहे ,लेकिन स्कूली शैक्षणिक राजनीति में भी
इनके कार्यव्यवहार से यह महत्वपूर्ण पदों पर सक्रिय रहे ,,फिर ज़फर मोहम्मद
,,ज़फर मोहम्मद से डॉक्टर ज़फर बन गए ,सियासत में भी सभी वर्ग के लोगों को
साथ लेकर चलने ,अपने समाज के लोगों में रहकर उनके सामाजिक सरोकार के
सार्वजनिक विकास के कार्य करवाने और चुनाव के वक़्त शांति कुमार धारीवाल के
विधानसभा क्षेत्र में एक सूक्ष्म विशेषज्ञ की तरह से डॉक्टर बनकर हर छीजत
,हर नाराज़गी का इलाज कर ,शान्ति धारीवाल के निर्वाचन की कामयाबी के लिए
डॉक्टर ज़फर अपने पारिवारिक मित्रों की मदद से दिन रात एक कर अंडरग्राउंड
माहौल तैयार करने के कामयाब सिपाही साबित होते है ,डॉक्टर ज़फ़र मोहम्मद ने
सरकारी नौकरी से स्वेच्छिक सेवानिवृति ली और खुद का अपना प्रगति शैक्षणिक
एम्पायर खड़ा कर लिया ,कहने को प्रगति इंटरनेशन राष्ट्रिय स्तर पर ट्वेल्थ
,टेंथ के अलावा मेडिकल ,आई आई टी में अव्वल आने वाले स्टूडेंट की पहचान
रखता है ,लेकिन डॉक्टर ज़फर ने इस कामयाबी पर कभी गुरुर ,कभी तकब्बुर नहीं
किया ,बल्कि अपनी शिक्षण संस्था में हमेशा उन्होने छात्र छात्रों को बेहतर
शिक्षा के प्रयास किये है और वोह कामयाब रहे है ,हिंदी मीडियम हो ,अगंरेजी
मीडियम हो ,,एस टी सी हो ,बी ऐड हो ,सभी क्षेत्रों में डॉक्टर ज़फर मोहम्मद
को महारत हांसिल है और माशा अल्लाह अपने दो बेटों जिनमे एक डॉक्टर है एक एम
बी आए हैं उनकी निर्देशक टीम के साथ कोटा संभाग में ही नहीं ,राजस्थान में
ही नहीं पुरे हिन्दुस्तान में शिक्षा क्षेत्र की गुणवत्ता की कामयाब आवाज़
बुलंद कर रहे है ,,,,डॉक्टर ज़फर प्रदेश कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य है
,वोह कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे है ,,कांग्रेस के कई बढे कार्यक्रमों
,बैठकों के मेज़बान आयोजक भी डॉक्टर ज़फर रहे है ,डॉक्टर ज़फर हर साल एक बढ़ा
रोज़ा इफ्तार बाबा जंगलीशाह परिसर में करवाते है जहाँ इनके परिवार सहित इनकी
मेज़बानी क़ाबिल ऐ तारीफ़ रहती है ,,,,इनके समर्थकों की दुआए है के खुदा करे
,शान्तिकुमार धारीवाल के नेतृत्व में डॉक्टर ज़फर को सत्ता की भागीदारी में
कोई महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारी मिले ताकि इनके समाज के लोग इनके ज़रिये मदद
हांसिल कर शैक्षणिक ,आर्थिक ,रोज़गार संबंधित पिछड़ेपन को दूर कर सकें
,,डॉक्टर ज़फर के विचारों को अगर जाने तो वोह कहते है ,, ,,सियासत कोई
रोज़गार नहीं होती ,सियासत खिदमत सिर्फ खिदमत होती है ,,अपने नेता के प्रती
वफ़ादारी का सुबूत होती है ,,समाजसेवा ,,पार्टी के प्रति समर्पण होती है
,,सियासत किसी के ईमानदाराना रोज़गार को प्रभावित भी नहीं करती है ,,,सियासत
ईमानदारी की मिसाल भी होती है ,,और ,यह सब कड़वा सच उदाहरण बनकर बताने वाले
शिक्षाविद प्रगति इंटरनेशनल ग्रुप के चेयरमेन डॉक्टर ज़फर मोहम्मद ने सच कर
दिखाया है ,,डॉक्टर ज़फर मोहम्मद हर दिल अज़ीज़ ,,कोंग्रेस सहित आम
समाजसेवियों के चहेते भी है ,,वोह लोगो के दुःख दर्द में कन्धे से कन्धा
मिलाकर साथ रहते है ,तो कोंग्रेस कार्यालय में आज़ादी के जश्न ,,गणतन्त्र
दिवस के जश्न पर लहराए जाने वाले तिरंगे के गवाह भी कार्यकर्ताओं के मुंह
की मिठास के साथ होते है ,,,,खुद को केबिनेट मंत्री शान्तिधारीवाल के प्रति
पूर्ण रूप से समर्पित रखने वाले ,,डॉक्टर ज़फर ,,,अल्पसंख्यको के
कल्याणकारी कार्यक्रमो के सारथि बनते है ,,तो उर्दू अदब को बढ़ावा देने के
लिए ,,राष्ट्रिय मुशायरे के आयोजक भी बनते है ,,अपने नेता के प्रति समर्पण
की पराकाष्ठा यह है,, के नेता की उपेक्षा कर कोई भी इन्हें कितना ही बढ़ा पद
,,कितना ही बढ़ा ऑफर दे ,,तो यह सादगी से उसे ठुकराकर ,,अपने नेता के प्रति
समर्पण को ज़िंदाबाद कहते है ,,,कोटा के शिक्षाविद डॉक्टर ज़फ़र मोहम्मद
,,समाजसेवा और सियासत में सक्रिय है ,,यह हज के वक़्त ,,,हज प्रशिक्षण शिविर
के मुख्य प्रबंधक होते रहे है ,,तो समाज के दूसरे कामकाजों में ,,अपनी
सियासी पेचीदगियों के बाद भी,,, पेश पेश रहते है ,,कांग्रेस संगठन से
जुड़कर,,, डॉक्टर ज़फ़र अपने साथियों के साथ मिलकर,,, हाड़ोती के एक छत्र
कोंग्रेसी नेता,,, शान्तिकुमार धारीवाल के नेतृत्व में कांग्रेस को
ज़िंदाबाद कर रहे है ,,डॉक्टर ज़फ़र मोहम्मद ने कोटा में ,,,ही उन्नीस जनवरी
उन्नीस सो अट्ठावन को जन्म लिया ,,कोटा राजकीय महाविद्यालय में ही आपने,,,
छात्र जीवन से राजनीति का पाठ पढ़ा ,,,फिर बी ऐ के बाद,,, बी एड किया
,,डॉक्टर ज़फ़र मोहम्मद को शान्तीधारीवाल ने जिलाप्रमुख पद पर रहते हुए
शिक्षक का नियुक्ति पत्र दिया बस ,,तब से ही,,, डॉक्टर ज़फ़र मोहम्मद
शांतिधरीवाल के निकटतम और वफादार साथियों में से,,, प्रमुख हो गए
,,,,,सरकारी सेवा के दौरान ही डॉक्टर ज़फ़र मोहम्मद ने ड्राइंग में एम ए किया
फिर भूगोल में बीज और तेल उत्पादन विषय पर,,, डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त
कर ,,,गुरूजी से महागुरुजी ,,,यानि अध्यापक से डॉक्टर बन गए ,,,,डॉक्टर ज़फ़र
ज़ीरो से हीरो बनने वाली ,,,ऐसी शख्सियत है ,,,जिसने निरपराध तरीके
से,,,,अपनी महनत ,,लगन ,,ईमानदारी से खुद को स्थापित किया ,,शिक्षाविद के
रूप में,,,, खुद को बुलंद किया ,,प्रगति स्कूल की शुरआत से ,,,करोड़ों करोड़
के ,,,प्रगती इंटरनेशनल स्कूल के आज ,,,,आप संचालक है ,,,ख़ुशी की बात यह है
के ,,,इनके बी एड कॉलेज ,,एस टी सी कॉलेज सहित सात संस्थाएं है जिसमे गरीब
छात्र छात्राओं को फीस में भी छूट मिलती है तो,,,, उनको इनकी संस्था की
तरफ से,,, आवश्यक सुविधाये भी उपलब्ध कराई जाती है ,,,,शिक्षा एक व्यवसाय
है ,,,लेकिन शिक्षा को एक सेवा एक खिदमत के तोर पर भी,,, ज़िम्मेदारी से आप
निभा रहे है ,,,कांग्रेस संगठन में आप शांतिधरीवाल को अपना गुरु ,,,अपना
मॉडल एम्बेसेडर मानते है और विकट परिस्थितियों में भी,,, आप हमेशा हर दम
शान्तिधारीवाल ज़िंदाबाद के नारे के साथ ,,,उनके साथ रहे है ,,डॉक्टर ज़फ़र
मोहम्मद आल इण्डिया मुस्लिम बैकवर्ड क्लासेज़ कांग्रेस संगठन के प्रदेश
अध्यक्ष है ,,जबकि मुस्लिम एजुकेशनल सोसाइटी के राष्ट्रीय महासचिव है
,,,,,आप कोटा जिला कांग्रेस में लगातार ,,,नो साल उपाध्यक्ष पद पर रहे,,
फिर हज कमेटी के जिला समन्वयक बनाये गए ,,शांति समिति की संभागीय सदस्य रहे
,,कोटा नगरनिगम में सहवारित वार्ड पार्षद रहे और सत्ता पक्ष के दौरान
,,,कांग्रेस प्रदेश संगठन में सचिव पद पर रहकर ,,,कई ज़िलों के स्वतंत्र रूप
से प्रभारी भी रहे ,,,नेतृत्व क्षमता ,,समाजसेवा में अग्रणी ,,,लोगों के
कामकाज में ,,,आगे रहकर काम आना इनकी फितरत है ,,बिना किसी घमंड के सादगी
और सहजता से ,,,,सभी से मिलना इनका रोज़ का दस्तूर है ,,,शांतिधारीवाल की
वफादारी,,,, इस क़दर के सारी दुनिया भी,,, इनके अगर खिलाफ हो तो,,,, यह
शांतिधारीवाल का साथ ,,,,,किसी भी कीमत पर,,,, छोड़ने को तैयार नहीं ,,,वोह
कहते है ,,,,जिस नेतृत्व ने मुझे उंगली पकड़ कर चलना सिखाया ,,,उस नेतृत्व
से मुंह मोड़ना,, अहसान फ़रामोशी है और यह ,,,,मेरी फितरत में हरगिज़ हरगिज़
नहीं ,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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