जय
श्रीराम के जय घोष के साथ ,राममंदिर निर्माण के प्रयासों के लिए ऐतिहासिक
रथ यात्रा निकालने वाले लालकृष्ण आडवाणी को जय श्रीराम की यात्रा रोक
गिरफ्तार करने वाले बिहार के अधिकारी महोदय को मोदी ,शाह की जोड़ी ने दूसरी
बार भाजपा की तरफ से केंद्रीय मंत्रिमंडल में लिया है ,इधर दूसरी तरफ
पश्चिमी बंगाल में ममता बनर्जी के खिलाफ जय श्रीराम के नारे पर भड़कने
,,नारे लगाने वालों को गिरफ्तार करने के आरोपों के साथ भाजपा ,भाजपा
समर्थित मिडिया ने बवाल मचा रखा है ,निश्चित तोर पर आस्था के खिलाफ अगर
ममता बनर्जी के खिलाफ इस तरह की गैर क़ानूनी हरकत करने के सुबूत है तो उनकी
यह हरकत कठोर निंदनीय है ,ऐसे में भाजपा मीडिया के पास विडिओ है ,सुबूत है
,,मुक़दमे की रिपोर्टें भी होंगी ,गिरफ्तार लोगों के खिलाफ इलज़ाम की एफ आई
आर उनकी ज़मानत की प्रक्रिया भी होगी ,अगर यह सब जो भाजपा मीडिया और भाजपा
के लोग कह रहे है प्रोपोगंडा नहीं होकर सच और सत्य है तो निश्चित तोर पर
सुप्रीमकोर्ट ऐसी सरकार को लताड़ पिलाएगी ,क्योंकि हर शख्स को अपने धर्म की
रक्षा करने ,धार्मिक मान्यताओं को मानना उसका संवैधानिक अधिकार है और ऐसे
में अगर कोई भी सरकार शपथ लेकर ऐसा उलंग्घन करती है तो निश्चित तोर पर वहां
तानाशाही है ,क़ानून व्यवस्था का राज ,,संवैधानिक मर्यादाये खत्म हो गयी
स्वीकार्य होगा और फिर ऐसे हालातों में राष्ट्रपति शासन भी लगा दिया जाए तो
विधि सम्मत माना जाएगा ,लेकिन सवाल यह है के जय श्रीराम का नारा कोई
धार्मिक व्यक्ति लगा रहा है ,,या फिर यह नारे किसी मंदिर में लग रहे है
,किसी धार्मिक सभा में लगाए जा रहे है यह सोचना होगा ,देखना होगा ,अगर इन
नारों के पीछे शरारत है ,अगर इन नारों के पीछे पुलिस से आपराधिक गतिविधियों
से बचने के लिए नारेबाजी कर एक कवच बनाना है ,सरकार और अधिकारीयों के
खिलाफ सियासी वातावरण बनाना है ,तो जय श्रीराम के नाम के नारे का सियासत के
लिए दुरूपयोग करने वालों के लिए शर्मनाक ही निंदनीय भी है ,,आपराधिक कृत्य
भी है ,,,,किसी भी सियासत में विवाद बढ़ाने के लिए मज़हबी नारों की कोई
अहमियत नहीं है ,मज़हब घर ,धार्मिक स्थलों तक सीमित है ,सरकारी बैठकों या
फिर सियासी रैलियों में अगर इस तरह की नारेबाजी की जाती है तो देश के क़ानून
ने ऐसा अपराध प्रतिबंधित कर रखा है ,,यह देश के सभी क़ानूनविद जानते है
,,पश्चिमी बंगाल में ,,भाजपा मिडिया सुबूत एकत्रित कर विस्तृत रिपोर्ट
दिखाए ,सुप्रीमकोर्ट जाए अगर बिना किसी शरारत के ,बिना किसी सियासी फायदे
के ,सिर्फ धार्मिक मान्यताओं के आधार पर जय श्रीराम का नारा लगाने पर ममता
बनर्जी की सरकार ने किसी को भी गिरफ्तार किया है तो चलो उसकी एफ आई आर
मिडिया में दिखा दीजिये ,अगर ऐसा नहीं हुआ है तो किस अपराध में उन लोगों को
गिरफ्तार किया है उसकी एफ आई आर बता दो ,और फिर सुप्रीमकोर्ट से ऐसी
धर्मविरोधी सरकार को सुबूतों के साथ फटकार लगवाइये ,हम भी आप सभी की मदद
करने को तैयार है ,लेकिन अगर धर्म को शरारत के लिए ,नारों को अपराध छुपाने
या फिर सियासी रैलियों में भड़काऊ कार्यवाही के लिए इस्तेमाल है तो भाजपा
मीडिया इनके वकीलों से पूंछ ले अपराध तो बनता ही है ,,इसलिए एफ आई आर भाजपा
मीडिया अगर अपनी खबरों के साथ दिखाता है तो निश्चित तोर पर ममता बनर्जी
मुख्यमंत्री पश्चिमी बंगाल की दिवालिया अकलमंदी का सुबूत हो जाएगा और अगर
भाजपा मीडिया ऐसा नहीं कर पाया है तो फिर वही बिकाऊ ,,भड़काऊ ,चमचा ,झूंठ
,भ्रम फेलाने वाला मीडिया ही कहलायेगा ,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा
राजस्थान
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