खम्माघणी संस्कृति के अलम्बरदार ,विनम्रता ,,सहज ,, सरलता ,,की मिसाल ,एक
अभिमन्यु जो कई चक्रव्यूह चीर कर ,,स्वाभिमान की जंग में अव्वल है ,वोह
अभिमन्यु एक सिंह है ,,फ़ख़्र्र की बात यह है के वोह अभिमन्यु हमारे कोटा
राजघराने का ,वफादार हिस्सा है ,और बमुलिया महाराज के नाम से आज भी उनका
डंका बज रहा ,है ,,जी हाँ दोस्तों ,में बात कर रहा हूँ ,राजपूती राजघराने
में ,सरलता ,,सादगी ,हमदर्दी ,,हर किसी की मदद का जज़्बा रखने वाले ,,मेरे
बढे भाई ,,कोटा बमुलिया महाराज की चमकती कोहिनूर विरासत ,,भाई
अभिमन्यु सिंह की ,,आज़ादी के जश्न के दो माह बाद 9 अक्टूबर 1947 में
आज़ाद भारत में जन्मे अभिमन्यु सिंह बिंदास है ,,लोगो की मदद करना आज भी
उनका स्वभाव है ,,,कोटा ज़िले में ठिकाना बमुलिया का आज भी सर्वोच्च सम्मान
है ,,अभिमन्यु सिंह की पुश्तैनी हवेली श्रीपुरा कोटा में बमुलिया महाराज
की हवेली के नाम से रही है ,जहाँ बचपन में ऊंच ,नीच का भेदभाव भुलाकर इनके
हम उम्र साथी इस हवेली में खेलकूद के साथ ,हंसी मज़ाक़ करते थे ,बा साहब सभी
बच्चो को बढे प्यार सम्मान से बिस्कुट ,,चॉकलेट देकर उन्हें प्यार बांटती
थी ,,अभिमन्यु सिंह का छात्र जीवन कोटा राजकीय महाविद्यालय के संघर्षशील
छात्र नेता के रूप में रहा ,अभिमन्यु सिंह राजकीय महाविद्यालय छात्रसंघ
अध्यक्ष के प्रमुख प्रत्याक्षी रहे ,अभिमन्यु सिंह ने मेयो कॉलेज अजमेर
में भी शिक्षा प्राप्त की ,,खम्माघणी के विनम्र स्वर के साथ ,कभी अपने
बड़प्पन का गुरुर नहीं ,,दोस्तों में दोस्त ,,गरीबों में हमदर्द ,और बढ़ो में
एक तहज़ीब शुदा विनम्र आदाब अख़लाक़ इनकी पहचान है ,,अभिमन्यु सिंह कुशाग्र
बुद्धि के साथ साथ हरफन मोला खिलाड़ी भी रहे है ,सिंह इस किंग कहलाये जाने
वाले अभिमन्यु कोटा से उदयपुर महाराणा मेवाड़ फाउंडेशन से भी जुड़े वहां
व्यवस्थापक के रूप में कई महत्वपूर्ण कार्य किये ,,राजस्थान सरकार के दबंग
मंत्री ,,नरेंद्र सिंह भाटी के अभिमन्यु सिंह सभी कार्यों में मार्गदर्शक
की हैसियत से उनके साथ शामिल रहे ,,वर्तमान में अभिमन्यु सिंह चाहे जयपुर
में रामबाग पैलेस होटल के पूर्व सलाहकार ,, रविन्द्र पब्लिक स्कूल मालवीय
नगर जयपुर के कर्ताधर्ता वाइस प्रेसिडेंट है ,,,, जबकि रावमाधोसिंघ गढ़
पैलेस कोटा ट्रस्ट म्यूज़ियम के ट्रस्टी भी हैं ,,अनेक समाजसेवी संस्थाओ से
जुड़े अभिमन्यु सिंह गैर सियासी जीवन के तहत ,,ईश्वरीय सूफी विचार मंथन में
जुटे है ,,अभिमन्यु सिंह इंग्लिश ,हिंदी ,,उर्दू ,,संस्कृत ,,फ़ारसी जुबां
के अच्छे जानकार है ,,अभिमन्यु सिंह वर्तमान में इतिहास के साथ साथ ,,सभी
धर्मों सहित सनातन धर्मग्रंथो को गहराइयों से समझने में जुटे है ,वर्तमान
में जयपुर में निवासित होने के बावजूद भी कोटा से उनका आत्मिक लगाव होने से
कोटा के हर प्रमुखः त्यौहार खासकर नवरात्रा ,,रावणदहन में शामिल रहते है
,,अभिमन्यु सिंह राजघराने से निकटतम होने से हर कार्यक्र्म में अपनी
मौजूदगी रखने का प्रयास करते है ,,वोह कभी कृष्ण बनकर अपने सुदामा मित्रों
से विनम्रता से मिलते है ,,तो दोस्तों के हमदर्द बनकर मददगार होते है ,,तो
पुरानी यादें ताज़ा कर बचपन में लोट जाते है ,,,ऐसे भाई अभिमन्यु सिंह को
सलाम ,सेल्यूट ,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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