जिस देश को ,,जिस देश के विकास को ,,देश के जुमलेबाजों ने पहले से ही बंद
कर दिया हो ,उसका बंद किसलिए ,दोस्तों आप और हम सभी जानते ,है हमारा भारत
देश जिसकी विकास की तेज़ दौड़ ,,जिसकी खुशहाली की मेराथन ,,जिसकी सद्भावना की
अमरकहानियाँ तेज़ी पर थी वोह थम सा गया है ,यहां हर चीज़ बंद है ,युवाओं के
लिए रोज़गार बंद है ,,देश का आर्थिक विकास बंद है ,,सरकार की सुविधाएं बंद
है ,,आम लोगो के लिए इंसाफ बंद ,,है ,प्यार बंद है ,मोहब्बत बंद है
,सद्भावना बंद है ,,क़ौमी एकता के नारे बंद ,,है ,,,,,नॉट बंद है ,,व्यापार
बंद है ,,चल रहा है तो बस एक परिवार का विकास ,चल रहा है तो बस एक निकनेम
उपनाम वाले लोगो द्वारा बैंकों से अरबों रूपये की धोखाधड़ी कर फरार हो जाने
का विकास ,,चलरहा है तो बस जो खिलाफ बोले उसके खिलाफ बदले की भावना से
मुक़दमों का विकास ,दोस्तों ऐसे में जो देश चार से हर स्तर पर ,स्वदेशी से
लेकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ,हर क्षेत्र में बंद कर दिया गया हो ,उसे तुम
सिर्फ समता आंदोलन के नाम पर ,आरक्षण के नाम पर बंद करवाकर क्या उखाड़ लोगे
,सरकार आर एस एस के इशारे पर चल रही है ,सभी जानते है ,आर एस एस के प्रमुख
दिखावे के तोर पर तो समता आंदोलन का समर्थन कर आरक्षण खत्म करने का जुमला
फेंकते है लेकिन जिसे उन्होंने देश की कमान दी है ,जिसे इन्होने देश में
अचानक नोटबंदी कर आर्थव्यवस्था चरमराने ,,सैकड़ों लोगो को लाईन में लगाकर
मारडालने ,राफेल डील गुपचुप छुपाकर ,,पहले से तीन गुना कीमतों में कर अपने
मित्र व्यवसायी को देने का दुस्साहस दिया है ,उन्हें समता आंदोलन के समर्थन
,समता आंदोलन के तहत आरक्षण का आधार आर्थिक करने ,आरक्षण खत्म करने का
साहस नहीं दिया ,यह दुरंगे लोग सिर्फ कुर्सी हथियाना जानते है ,आरक्षण
गरीबों का होना ,चाहिए ,,जाती ,,धर्म ,समाज का नहीं ,,लेकिन देश में आरक्षण
धर्म आधारित ,है हर आरक्षण के प्रथम सर्कुलर पर ,देश के संविधान ,देश की
धर्मनिरपेक्षता का मुंह चिढ़ाता हुआ यह अलफ़ाज़ ,केवल हिन्दुओं के लिए जो 1954
से परिपत्र जारी हो रहा है वोह देश के सवासो करोड़ लोगो का अपमान है
,आरक्षण का आधार जाती ,धर्म नहीं बल्कि आर्थिक होना चाहिए ,यह खुद आरक्षित
लोग भी कहते है ,क्योंकि उनके इस लाभ को उन्ही के समाज के बढे ठेकेदार हड़प
कर लेते है इसलिए देश में सिर्फ दो समाज ,दो जातियां एक अमीर ,एक गरीब
होना चाहिए ,,और गरीबों को पढ़ाई ,लिखाई ,रहन सहन ,,किताबें ,स्कूल फीस से
लेकर हर सुविधा जो उसका जीवनस्तर सुधार कर उसे चुनावों में आम प्रत्याक्षी
की तरह ,नौकरियों की परीक्षाओं में आमप्रतियोगी की तरह मुक़ाबले पर लाकर खड़ा
कर दे ऐसी व्यवस्थाएं उसे दी जाए ,इसके हम पक्षधर है ,किसी दलित को सड़को
पर मारा न जाए ,किसी दलित की भूमि पर क़ब्ज़ा न किया जाए ,किसी दलित के नाम
पर बाहुबलियो द्वारा छद्म सौदेबाज़ी ,छद्म भूमि एलॉटमेंट ,योजनाओ का
दुरूपयोग नहीं किया जाए ,खाने आवण्टन दूसरे आवंटन दलितों के नाम पर करवाकर
खुद दूसरे मज़े न किये जाए ,दलितों को सम्मान दिया जाए ,,दलितों को दलित
दरिद्रता से समानता के अधिकार के तहत दर्जा दिया जाए ,लेकिन दो सवर्णो के
विवाद में ,दलित का सहारा लेकर अगर एक दलित को मोहरा बनाकर ,,,दलित एक्ट
का दुरूपयोग करवाकर उसे झूंठे मुक़दमे में गिरफ्तार करवाया जाता है तो यह
गंभीर मामला है इसके हम खिलाफ है ,लेकिन जो दलित सही मायनो में कुचला जाता
,है जिसे सिर्फ दलित होने की वजह से ही प्रताड़ित किया जाता है तहक़ीक़ात के
बाद ऐसे राक्षसों के खिलाफ अगर कार्यवाही होती है तो हमे इसका समर्थन भी
करना चाहिए ,,देश में क़ानून सबके लिए है ,समानता का क़ानून होना चाहिए ,लकिन
सियासी पार्टियों के दम पर ,सियासी पार्टियों की छद्म सेवक पार्टियां
,संगठन जो तुम्हे धोखा देकर छद्म राष्ट्रवाद में उलझाकर सेवावाद में उलझाकर
,तुमसे इन पार्टियों को धोखे से वोट दिलवाते है ,तुम्हारा ब्रेनवाश कर
,,तुम्हारे दिमाग में ऐसी पार्टियों के नेताओ की छवि भगवान के मुक़ाबिल बना
देती है ऐसे लोगो से तुम्हे बचना होगा ,या फिर यह बंद का दिखावा करने की
जगह ,ऐसे लोगो के खिलाफ उनके घरो पर जाकर धरने प्रदर्शन करना ,होगा ,क्यों
नही समता पार्टी वाले प्रधानमंत्री के घर का घेराव करते ,क्यों नहीं समता
पार्टी वाले प्रतिपक्ष का नेता जो सामंतवादी प्रधानमंत्री ने बनाया ही नहीं
,उसके घर पर जाकर घेराव करते ,पक्ष हो विपक्ष हो ,कांग्रेस हो भाजपा हो
,आप हो संघ हो मुस्लिम लीग हो जो भी हो सभी को जयभीम के नारे के साथ अगर
दलितों को इन्साफ दिलवाना होगा तो ,जय समता के नाम पर सवर्णो को भी इन्साफ
दिलवाना होगा ,कुछ ऐसा मंज़र बने मेरे इस देश का दलितों को दे इन्साफ सवर्ण
मेरे इस देश का ,हो ज़रूरत सवर्णो को तो दलित बने सहारा मेरे इस देश के
सवर्णो का ,हिन्दू हो चाहे हो मुसलमान वोह सब मिलकर तय करे विकास मेरे इस
देश का ,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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