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04 सितंबर 2018

सुशील शर्मा अपनी नयी टीम के साथ आगामी 15 सितम्बर को जोधपुर में अध्यक्ष का विधिवत कार्यभार संभालेंगे

बार कौंसिल ऑफ़ राजस्थान के नवनिर्वाचित अध्यक्ष सुशील शर्मा अपनी नयी टीम के साथ आगामी 15 सितम्बर को जोधपुर में अध्यक्ष का विधिवत कार्यभार संभालेंगे ,,इसके साथ ही चार वर्षो से ठप्प पढ़ी बार कौंसिल ऑफ़ राजस्थान की गतिविधियां फिर से पटरी पर आ जाएँगी ,,ध्यान रहे बार कौंसिल ऑफ़ राजस्थान के वर्तमान चुनाव पांच साल के स्थान पर नो सालों में हुए है वोह भी हाईकोर्ट ,सुप्रीमकोर्ट की भूलभुलैयों में चुनाव प्रक्रिया घूमती ,रही ,खेर अब निर्वाचन अधिसूचना जारी हो गयी है ,इसीलिए राजस्थान के अस्सी हज़ार में से क़रीब साठ हज़ार रोज़मर्रा अदालत आने वाले वकील साथियों के ,कल्याणकारी शिकवे शिकायत संबंधित कार्यक्रम शुरू हो जाएंगे ,,नवनिर्वाचित कार्यकारिणी में सुशील शर्मा अध्यक्ष घनश्यामदास बंसल उपाध्यक्ष निर्वाचित हुए है ,जबकि बार कौंसिल ऑफ़ इण्डिया प्रतिनिधि के रूप में सुरेश श्रीमाली निर्वाचन के बाद दिल्ली बार कौंसिल ऑफ़ इण्डिया में पूर्व में ही कार्यभार ग्रहण कर चुके है ,,,शाहिद हसन ,राजेश पंवार ,कुलदीप प्रसाद शर्मा ,रामप्रसाद सिंगारिया ,,पूर्व में ही निर्विरोध को चेयरमेन के पद पर निर्वाचित हो चुके थे ,,आगामी 15 सितम्बर को कार्यभार ग्रहण के बाद नव निर्वाचित बार कौंसिल कार्यकारिणी के कार्यक्रम शुरू हो जाएंगे ,,समिति ,सह समितियां ,अनुशासन समितियां ,,सहवृत सदस्यों का चयन होगा ,फिर प्रतिपक्ष के डॉक्टर महेश शर्मा ,रंजीत जोशी अपने साथियों के साथ मिलजुलकर बार कौंसिल के सकारात्मक कार्यों को आगे बढ़ाएंगे ,,,उम्मीद ,है ,,लगातार सत्रह सालों से जोधपुर हायकोर्ट बार एसोसिएशन के भीष्म पितामह बने भाई रणजीत जोशी इस कार्यक्रम की मेज़बानी करे ,,और डॉक्टर महेश शर्मा जो अध्यक्ष पद के प्रत्याक्षी थे वोह परम्परा निर्वहन कर ,,बेहतर कार्यों में समर्थन देते रहने का वायदा करे ,,,सुशील शर्मा उनकी टीम के अनुभवी साथियों की मज़बूत टीम पहले ही वकील साथियों के हक़ संघर्ष ,,उनके कल्याणकारी कार्यक्रमों को संचालित करने ,और रिनिवल जैसे मूर्खता पूर्ण नियम को खत्म करने का वायदा कर चुके है ,खुद रणजीत जोशी जोधपुर में वकीलों के निर्विवाद नेता है ,वोह भी वकीलों दर्द ,उनकी समस्याओं को समझते है ,जबकि डॉक्टर महेश शर्मा लगातार वकील साथियों के हक़ में संघर्ष करते रहे है ,,लेकिन पक्ष विपक्ष का यह संगम अब वकील साथियों के , सम्मान ,,स्वाभिमान ,,कल्याण के लिए क्या कुछ करेगा पहली बैठक के निर्णयों से ही पता चल ,जाएगा ,प्रतिपक्ष अपने प्रस्ताव कितनी दमदारी से रखता है और ,निर्वाचित पक्ष जो कहा ,वोह कैसे करके दिखाता है ,,,निर्वाचित अध्यक्ष सुशील शर्मा अनुभवी ,जुझारू ,संघर्ष शील व्यक्तित्व के धनी है ,वोह पूर्व सरकार में अतिरिक्त राजकीय महाधिवक्ता रहे है जबकि बार कौंसिल में उनका यह दूसरी बार निर्वाचन है ,, बार कौंसिल के कई कल्याणकारी निर्णयों में वोह शामिल रहे है ,वकीलों के वोह हमदर्द है इसीलिए गत पंद्रह वर्षो से सुशील शर्मा कांग्रेस विधि ,मानवाधिकार विभाग के प्रदेश अध्यक्ष है ,उनके कार्यकाल में राष्ट्रिय स्तर के बढे अधिवक्ता सम्मेलन हुए है ,जिसमे कई मंत्री ,प्रधानमंत्री सहित सुप्रीम कोर्ट के जजों के समक्ष वकीलों की समस्या रखी जाती रही है , अभी हाल ही में जयपुर बिरला ऑडिटोरियम में आयोजित कांग्रेस विधिविभाग सम्मेलन में ,सुशील शर्मा ने एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट का प्रस्ताव रखा था ,,वहां मौजूद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलेट ने घोषणा भी की है ,के अगर कांग्रेस की सरकार आती है ,तो वकीलों के कल्याण के लिए पूर्व में जो कांग्रेस के अशोक गहलोत सरकार ने पुस्तकालय सहित दूसरे कार्यक्रमों के लिए 12 करोड़ दिए थे ऐसी मदद जारी रहेगी और वकीलों के संरक्षण के लिए एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट ,,राजस्थान में लागू किया ,जाएगा ,सुशील शर्मा कांग्रेस में सम्मानित पद प्रदेश महासचिव भी है ,वोह नीतिनिर्धारक भी है ,कोटा सहित कई ज़िलों के प्रभारी रहने से ,,सम्पूर्ण राजस्थान के वकीलों पर उनकी पकड़ है और राजस्थान के सभी ज़िलों ,,क़स्बों ,परगनाओं की अदालतों ,वहां के वकीलों की समस्याओं से वोह खूब अच्छी तरह वाक़िफ़ है ,,अब देखना यह है के सात संभागों में जो संभाग अध्यक्ष का प्रावधान कर बार कौंसिल ऑफ़ इण्डिया ने को चेयरमेन का प्रावधान किया है ,उसके बाद विकेन्द्रीकृत व्यवस्था के तहत ,संभाग स्तर पर बारकोंसिल कार्यालय की क्या व्यवस्था होगी ,,वकीलों के कल्याणकारी कोष से मृतक के परिजनों को पच्चीस लाख देने के फैसले पर क्या होगा ,,वकीलों की बीमारी पर अधिकतम राशि किस तरह से वितरित किये जाने का प्रावधान रखेंगे ,जबकि वकीलों की जिला बार हिस्सा राशियों से वहां युवाओ के लिए कोचिंग ,,प्रशिक्षण ,विधिक सेमिनारों की क्या व्यवस्था होगी ,,जिला अभिभाषक परिषदों को कैसे बार कौंसिल से जोड़कर समन्वय स्थापित किया जाएगा ,,जबकि रिनिवल का जो गैर ज़रूरी वकीलों को परेशांन करने वाल फैसला रहा है उसे कैसे खत्म किया जाएगा या फिर यूँ ही चक्करबाज़ी चलती रहेगी ,यह पक्ष विपक्ष के सामंजस्य ,वायदों पर निर्भर रहेगा ,, वकील और जजों के बीच सामंजस्य व्यवस्था की निगरानी कैसे होगी ,जो न्यायिक अधिकारी वकीलों का अपमान करते है उनके लिए पुख्ता शिकायत मिलने पर क्या लाइन ऑफ़ एक्शन होगा ,,वकीलों के मान सम्मान का संरक्षण कैसे होगा ,,जबकि वकील साथियों के आमोद ,प्रमोद ,कल्याण की क्या अतिरिक्त व्यवस्थाएं होंगी ,क्या जिलेवार बैठके ,वकील सभाएं होगी ,,क्या जिला बार एसोसिएशन पर केम्प लगाकर समस्याएं सुनकर तत्काल उनका निस्तारण होगा ,,,बारकोंसिल जजों की पैरवी करेगी या फिर इस बार सिर्फ और सिर्फ वकीलों के स्वाभिमान संरक्षण के साथ होगी ,,सवाल बहुत से है ,,जवाबों का इन्तिज़ार है ,लेकिन पक्ष विपक्ष मिलकर ,क्या करेंगे ,पक्ष के खिलाफ विपक्ष कैसे निगरानी व्यवस्था रखकर योजनाए लागु करवाएगा ,या फिर हर बार की तरह तू मेरी मत ,कह में तेरी नहीं कहूं ,वाला सिद्धांत होकर वकील सदस्य खुद को ठगा सा महसूस करेगा ,सरकारी वकील ,,विधि सहायक ,,न्यायिक मजिस्ट्रेट ,सहित वकील साथियों की रोज़गारोन्मुखी योजनाओ के लिए क्या व्यवस्था होगी ,जबकि संविधान की भावना के विपरीत अपर जिला जज की नियुक्तियों के प्रावधान में जो गड़बड़ी है उसे संविधान के लिखित प्रावधान के हिसाब से कूल सृजित पदों के पचास फीसदी पदों पर वकील कोटे के जजों की नियुक्ति करवाने के लिए क्या संघर्ष होगा ,,एक बात जो विरोधाभासी है ,जिसमे डॉक्टर महेश शर्मा कोटा हायकोर्ट सर्किट बेंच की मांग के साथ है ,उदयपुर की भी सर्किट बेंच की मांग है ,ऐसे में महेश शर्मा उनकी टीम के साथी रंजीत जोशी का कोटा ,उदयपुर के लिए क्या रुख रहेगा ,और एक निर्वाचित ,अध्यक्ष ,,पदाधिकारी के नाते ,,निष्पक्षता अपनात्ते हुए , वर्तमान निर्वाचित लोग डॉक्टर महेश शर्मा के कोटा सर्किट बेंच के समर्थन को लेकर अपना समर्थन देते है या फिर पक्ष प्रतिपक्ष वही विवाद ,विवाद ,,जुमले ,जुमले ,,यह तो वक़्त ही बताएगा ,,,,,लेकिन अगर प्रतिपक्ष पहली बैठक में कोटा,,उदयपुर हाइकॉर्ट सर्किट बेंच सहित सभी कल्याणकारी योजनाओ ,,रिनिवल व्यवस्था समाप्ति ,प्रबन्धन व्यवस्थाओं का प्रस्ताव लिखित में संयुक्त हस्ताक्षर से दे तो पक्ष भी ऐसे कार्यक्रमों योजनाओं को लागू करने के लिए बाध्य हो जाएगा,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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