ऐ नफरत बाजों ,,यह है मेरा हिंदुस्तान ,,,शिक्षा विभाग के बाबू
,इस्लामुद्दीन जब हजयात्रा पर रवाना हो रहे थे ,,तो कई साल पहले उनके साथ
रहे सेवानिवृत्त शिक्षा अधिकारी कैलाश उनकी पत्नी के साथ ,इस्लामुद्दीन
उनके परिजनों का ,मुक़द्दस हज यात्रा पर जाने के पहले ,,स्वागत के लिए
इन्तिज़ार कर रहे थे ,,यह है मेरा हिंदुस्तान ,,यह है मेरा भारत महान
,,सुधरो नफरत बाजों ,सुधरो ,,परस्पर एक दूसरे का सम्मान करो,,अख्तर
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