कोटा में अपराध की नब्ज़ और आपराधिक बीमारी के नियंत्रण के पूर्व जानकर
,,दीपक भार्गव अब पुलिस अधीक्षक पद पर कोटा में तैनात है ,,उन्होंने आज
सोमवार को विधिवत अपना कार्यभार ग्रहण कर लिया ,,वोह कोटा में पहले आपराधिक
नियंत्रक के रूप में सफलतम उपाधीक्षक पर रह चुके है ,,,दीपक भार्गव के
पुराने कार्यकाल और वर्तमान के आपराधिक वातावरण में काफी बदलाव है
,हालात बदले है ,,लेकिन पुलिस अधीक्षक दीपक भार्गव की कार्यशैली ,पुलिसिंग
वही ,,पुलिस का हाथ ,आम आदमी के साथ ,अपराधियों में डर आम आदमी में
विश्वास वाला ,,रहा है ,,दीपक भार्गव लगातार कोटा से जुड़े भी रहे है ,यहां
के अपराध की तकनीक ,अपराधियों के रसुकात , उनके अपराध के तोर तरीकों का
उन्हें पूर्व अध्ययन है ,फिर भी वर्तमान बदले हालातों में दीपक भार्गव के
समक्ष सफल पुलिसिंग को लेकर कढ़ी चुनौतियां है ,,,दीपक भार्गव को सबसे पहले
पुलिस अधीक्षक कार्यालय के आसपास ,चमचे ,,चापलूस और बदनाम लोगों के घेरे को
बदलना ,होगा स्पेशल टीम में भी व्यक्तिगत रूप से ख़ुफ़िया जानकारी लेकर बढे
बदलाव करना होंगे ,,एक दर्जन से भी अधिक अंधी गुत्थियां यहाँ उलझी पढ़ी ,है
मुक़दमे दर्ज है ,सभी बिंदुओं के जांच के बाद भी पुलिस अपराधी तक नहीं
पहुंच पायी है ,ऐसे पुराने अपराधों के भंडाफोड़ में भी दीपक भार्गव को
माथापच्ची कर कुछ नतीजे अपने ही बल पर निकालना होंगे ,,अपराधियों की पुलिस
सांठ गांठ ,,सियासी इशारों पर पुलिस की कार्यवाही पर कंट्रोल करना होगा
,होटलों सरायों में ,,नियमित रूप से छात्र छात्राओं को कुछ समयावधि के लिए
किराए पर देकर ,,अय्याशी को बढ़ावा देने की प्रक्रिया पर रोक के लिए होटल
मालिकों के खिलाफ संबंधित थानाधिकारियों की जानकारी में लाये बगैर छापामार
कार्यवाही करना होगी ,,शांति समितियों की बैठक के ज़रिये क्षेत्र की
जानकारियां प्राप्त कर अपने निजी सोर्स के आधार पर ,,तीसरी आँख की तरह शहर
की हर गतिविधि पर नज़र रखना होगी ,,कोटा के सभी बंद पढ़े कैमरे चालू करवाना
होंगे ,यातायात पुलिस पर हेलमेट ,चेकिंग ,चालान ,चौथवसूली के स्थान पर
यातायत नियंत्रण का दबाव बनाना होगा ,पुलिस बीट प्रणाली को मज़बूत कर इस
मामले में नियमित क्रॉस चेकिंग व्यवस्था करना होगी ,पेंडिंग मामले शीघ्र
निपटे ,गवाह ,वारंटियों के सम्मन ,,चेक अनादरण सहित अन्य सम्मन वारंट तामील
मामले में व्यवस्थाएं सुधार के लिए अलग टीम बनाना होगी ,अनुसंधान में कमी
,,मुक़दमों में धाराओं को कम ,करने ,बढ़ाने के मामले में चेतावनी देना होगी
,,नशे के ,व्यापारियों हथियारों के सौदागर ,हार्डकोर क्रिमनल के अलावा
कोचिंग सिटी होने से जो गुमनाम अपराधियों की कोटा में फौज तैयार है उन्हें
तलाश कर बेनक़ाब करना भी इनके लिए चुनौती पूर्ण कार्यवाही है ,क्रिकेट सट्टा
,,,मौखिक ,,पर्ची सट्टा अपराध पर भी नियंत्रण के लिए सख्ती की ज़रूरत है
,अनुसंधान की समयसीमा तय होना ज़रूरी है ,रात्रि गश्त ,,चौराहों पर पुलिस
चेकिंग के दौरान आम नागरिक की सुरक्षा व्यवस्था भी एक चुनौती है ,,,देखते
है नए कलेवर ,नए उत्साह ,नए पद ,नए ज्ञान के साथ ,दीपक भार्गव कोटा की
कसौटी पर अपराधियों को नियंत्रित करने की यथासम्भव क्या क्या प्रयास करते
है ,लेकिन यह सच है के सकारात्मक नतीजे जनता के पक्ष में आएंगे ,,पुलिस
अधीक्षक कार्यालय में आम जन सुनवाई प्रकिया में ,पुलिस अधीक्षक तक एक कोकस
शिकायतकर्ता को पहुंचने ही नहीं देता ,शिकायतकर्ता से संबंधित थाने
,,पुलिस कर्मी ,अधिकारी की शिकायत देखकर उसे पूर्व सुचना देकर शिकायतर्कता
को टरकाने की कोशिश करते है ,उस व्यवस्था में भी बदलाव के साथ ऑन लाइन
शिकायत ,व्हाट्सप्प पर शिकायत के रास्ते खोलना होंगे , जबकि निरंतर बढ़ रहे
साइबर अपराध को नियंत्रित करने के लिए पुख्ता इंतिज़ाम करना होंगे
,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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