दोस्तों भारत के सबसे बढे राज्य राजस्थान में ,,लोकतंत्र का  महासंग्राम 
होने वाला है ,सियासी पार्टियों को छोडो लेकिन आपको ,हमे एक वोटर ,एक 
जागरूक नागरिक के नाते ,बेहतर से बेहतर सरकार के निर्वाचन की ज़िम्मेदारी 
निभाना है ,इसके लिए हमे सजग और सतर्क रहकर ,,मतदाता सूचियों में अपने नाम 
जुड़वाना है ,जो लोग अपने इलाक़े में नहीं रहते ,मृत्यु हो गयी ,ट्रांसफर 
होकर चले गए ,उनके नाम वोटर लिस्ट में से जागरूक नागरिक हैसियत से कटवाना 
है ,सुन लो ,सियासी पार्टियों के भरोसे मत ,रहना ,कहीं ऐसा न हो भूल चूक हो
 जाए और जब आप वोट देने की कोशिशों में जुटे तो  पता चले आपका वोटर लिस्ट 
में ही नाम नहीं है ,आपके वोट को कोई दूसरा फ़र्ज़ी व्यक्ति डाल गया हो ,आप 
जिस व्यक्ति को बेहतर होने के नाते चुनना चाहते हो ,उसके बेहतर ,बहुमत में 
होने के बावजूद भी ,फ़र्ज़ी वोटर के ज़रिये किसी बुरे प्रत्याक्षी ने हरा दिया
 हो ,तो दोस्तों यह ज़िम्मेदारी आपकी ,है ,सुन लो ,, मतदाता सूची प्रारूप का
 प्रकाशन आगामी 31 जुलाई को होना है ,,21 अगस्त तक एक बार फिर वोटर लिस्ट 
में नाम जुड़वाने ,नाम कटवाने का अभियान चलेगा ,अपने अपने क्षेत्रों में 12 
व् 19 अगस्त को आपके क्षेत्र के बी एल हो ,मतदान केंद्र पर उपलब्ध रहेंगे 
,तो जनाब चूक मत जाना ,भूल मत जाना ,अपना ,अपंने परिवार ,अड़ोसियों पड़ोसियों
 के नाम वोटर लिस्ट में ज़रूर लिखाना ,,अपनी जागरूकता को खुद दिखाना 
,क्योंकि आप जानते है सियासी दल ,,क्या कर रहे है ,सभी के संविधान में बूथ 
कार्यकर्ताओं के ,निर्वाचन उनकी सूचि जिला निर्वाचन अधिकारी को देकर ,बी एल
 ओ के साथ निगरानी करने ,अपने अपने क्षेत्र के लोगो का सर्वे कर उनका नाम 
लिखवाने की ज़िम्मेदारी है ,लेकिन अफ़सोस निर्वाचन आयोग मान्यता प्राप्त 
पार्टियों के इस गैरसंवेधानिक रवैये के बाद भी ऐसी पार्टियां जिन्होंने 
अपने बूथ लेवल निर्वाचित लोगो की सूचि जिला निर्वाचन अधिकारी को देकर बूथ 
पर नाम जुड़वाने ,कटवाने की सक्रियता की भूमिका नहीं निभाई है उनकी मान्यता 
रद्द करने के लिए कुछ नहीं किया है ,राजस्थान में कुछ एक ज़िलों में सत्ता 
पक्ष ने अलबत्ता कुछ बूथ कार्यकर्ताओं की सूचि दी है ,लेकिन दूसरे मान्यता 
प्राप्त राजनितिक दलों के जिला अध्यक्षों ने विधिअनुसार यह सूचि निर्वाचन 
अधिकारियों को आज तक नहीं सौंपी है ,सिर्फ इंडिविजुअल ,व्यक्तिगत 
कार्यकर्ताओं ,जेबी कार्यकर्ताओं के आधार पर अपना अपना सर्वे , अपनी ढपली 
,अपना अपना राग अलापा जा रहा है ,संगठन सर्वोपरि नहीं व्यक्ति सर्वोपरि 
बनाया जा रहा है ,फिर भी लोकतंत्र में वोटर्स की निगरानी की महत्वपूर्ण 
भूमिका में राजनीतिक प्राप्त दल की  प्रदेश व् जिला इकाइयां निष्क्रिय 
साबित हुई ,है ,,पार्टियों के अपने संविधान में विशिष्ठ प्रावधान ,निर्वाचन
 होने की प्रक्रिया के बाद भी यह सूचियां निर्वाचन अधिकारी के पास क्यों 
नहीं दी गयी ,पार्टियों के नेता जाने ,लेकिन पार्टियां ,अपने ऊपर नियंत्रित
 भाई साहबों के बोझ तले दबी होने से यह सब नहीं कर पायी ,है ,,जबकि सभी 
ज़िलों में विधानसभा वाइज़ सूचियां फोटो ,पते ,मोबाइल नंबर सहित निर्वाचन 
अधिकारी को देना होती है जो  बी  एल ओ को निर्वाचन अधिकारी आदेशित कर उनके 
मूवमेंट के साथ इन कार्यकर्ताओं को अधिकृत रूप से साथ रखने के आदेश  देता 
है जो कई स्थानों पर नहीं है ,ऐसे में दोस्तों एक आम नागरिक के ,,नाते ,आप 
किसी भी पार्टी में हो ,आपकी नागरिक ज़िम्मेदारी बढ़ जाती है ,,आपको  देखना 
,होगा ,,कोई नाम गलत न जुड़ जाए ,कोई नाम रह न जाए ,आपको देखना होगा ,,आपके 
बूथ क्षेत्र में 18 वर्ष का जो युवा है उसका नाम लिखवाया जाए ,जो लोग दो 
विधानसभाओं में वोटर है उनके नाम कटवाए जाए ,जो लोग अटेंडिंग एज होने पर 
गलत तरीके से 18 साल का बताकर वोटर बने है उनके नाम कटवाए जाए ,टोलियां 
बनाये ,अपने अपने क्षेत्रों में मतदाता जागरूकता अभियान चलाये ,सभी ओरिजनल 
वोटर्स के नाम वोटर लिस्ट में हो ,खासकर अल्पसंख्यक ,दलित बस्तियों में 
अमीरों के बंगलों में यह अभियान ज़रूरी है ,,रोज़मर्रा देहाड़ी मज़दूरी करने 
वाले असंगठित मज़दूरों के लिए ऐसा विशेष सर्वे ज़रूरी है ,सो प्लीज़ राजनीतिक 
दलों के भरोसे मत ,रहिये गैर राजनितिक फ्रंट बनाइये ,क्योंकि राजनितिक दलों
 के पास विधि प्रावधान है ,ऐसे कार्यकर्ताओं का विधिक निर्वाचन है ,लेकिन 
वोह सूचियां जिनका निर्वाचन हुआ है उन्हें भी पता नहीं ,भाई साहबों के दबाव
 में संगठन की सूचियां जेबों में है जबकि भाईसाहब की सेनाये काम कर रही ,है
 ,ज़ाहिर सी बात यह भी है ,के सियासी पार्टियां अपने रूहझान वाले वोटर तक ही
 अपनी  मेहनत केंद्रीकृत रखते है ,ऐसे में दूसरी विचारधारा ,,आज़ाद 
विचारधारा के वोटर के  साथ अन्याय हो सकता है ,इसीलिए जागरूक लोगों की टीम 
की ,निष्पक्ष लोगो की ज़िम्मेदारी बढ़ जाती है ,सो प्लीज़ अपना कर्तव्य निभाए 
,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

 
 

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