पुलिस लाख बुरा चाहे, तो क्या होता है ,,वही होता है जो मंज़ूर ऐ खुदा होता
है ,,जी हाँ दोस्तों ,में बात कर रहा हूँ ,कोटा अभिभाषक परिषद के पूर्व
अध्यक्ष रमेश चंद्र कुशवाहा की झालावाड़ सारोला पुलिस द्वारा की गयी नाजायज़
गिरफ्तारी की ,जिसमे एडवोकेट रमेश कुशवाहा ,निर्दोष तो साबित हुए ही ,साथ
ही पुलिस अधिकारीयों के खिलाफ राज्य मानवअधिकार आयोग में प्रसंज्ञान लेकर
कार्यवाही जांच शुरू है ,,,एडवोकेट रमेश कुशवाहा नोटेरी है ,झालावाड़
,सारोला की कृषि भूमि के मामले में कुछ पक्षकारो ने नोटेरी
तस्दीक़ करवाई थी ,,विवाद हुआ ,कोटा में रह रहे ,भूमि मालिक ने झालावाड़
सारोला थाने में मुक़दमा दर्ज करवाया ,मुख्य आरोपियों में से कुछ की अग्रिम
ज़मानत हुई ,लेकिन एक बाबूलाल नाम के उप निरीक्षक पुलिस ने अजीब खेल खेला
,अचानक द्वेषतापूर्ण कार्यवाही करने के लिए कोटा पहुंचे ,आर के पुरम
क्षेत्र में रह रहे ,एडवोकेट रमेश कुशवाह से नोटेरी करवाने के लिए कहा
,,गाडी में बिठाया और बिना किसी गिरफ्तारी ,बिना किसी सुप्रीम कोर्ट के
निर्देशों के तहत दिए गए नोटिस के ,पुलिस उन्हें बिना किसी को सुचना दिए
झालावाड़ ले गयी और उन्हें गिरफ्तार कर लिया ,तुरतं उनकी पत्नी व् साथी
झालवाड़ पहुंचे तो उन्हें गिरफ्तार किया जा चूका था ,पुलिस ने तलाशी के वक़्त
नकदी राशि ,मोबाइल का हवाला भी गिरफ्तारी में नहीं दिया ,इस मामले में
ह्यूमन रिलीफ सोसायटी के महासचिव एडवोकेट अख्तर खान अकेला ने मानवाधिकार
आयोग में शिकायत की ,कोटा केम्प के वक़्त ,,राज्य मानवअधिकार आयोग के
अध्यक्षः जस्टिस प्रकाश टाटिया से शिकायत की ,,इसी दौरान नोटेरी अधिनियम
प्रोटेक्शन की धारा 13 के विपरीत प्रावधानों के की गयी गिरफ्तारी और
तथ्यों के खिलाफ माननीय हायकोर्ट में याचिका पेश की ,जहाँ जस्टिस कंवल जीत
ने सुनवाई के बाद 9 मई 2018 को रमेश कुशवाह के खिलाफ गिरफ्तारी ,फौजदारी
कार्यवाही को विधि विरुद्ध मानते हुए उनके विरुद्ध निर्देशात्मक आदेश देकर
,,उन्हें डिस्चार्ज कर दिया ,,झालावाड़ पुलिस ने इस मामले में प्रस्तुत
चार्जशीट में उक्त प्रावधान और आदेश के बाद रमेशः कुशवाह के खिलाफ अपराध
अप्रमाणित मानते हुए उन्हें मुक्त कर दिया ,,लेकिन इधर संबंधित पुलिस
अधिकारी के खिलाफ राज्य मानवाधिकार आयोग में प्रसंज्ञान के बाद आयोग ने
झालाववाड़ पुलिस अधीक्षक से जवाब तलब किया ,स्पष्टीकरण में पुलिस अधीक्षक
झालावाड़ ने गोलमोल जवाब देकर पुलिस को निर्दोष बताया ,उक्त पुलिस रिपोर्ट
आयोग ने अख्तर खान अकेला शिकायत करता को भेजकर प्रतिउत्तर टिप्प्पणी चाही
,जिसपर अख्तर खान अकेला प्रतिउत्तर टिप्पणी में झालावाड़ पुलिस के जवाब को
हास्यास्पद बताते हुए ,रमेश कुशवाह एडवोकेट की निर्दोषिता होने पर भी उनकी
नाजायज़ विधि विरुद्ध गिरफ्तारी के मामले में आयोग की टीम से जांच करवाकर
,रमेश कुशवाह को प्रताड़ित कर उनका मान मर्दन ,,अपमान करते हुए उन्हें
नाजायज़ रूप से गिरफ्तार करने वाले पुलिस अधिकारियो ,तात्कालिक सारोला
थानाधिकारी के खिलाफ कठोर कार्यवाही करने और रमेश कुशवाह को इस प्रताड़ना
मामले में उन्हें इन्साफ दिलवाने की मांग ह्यूमन रिलीफ सोसायटी के अख्तर
खान अकेला ने की है ,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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