दोस्तों इंसानियत की एक अजब दास्ताँ सुनिए ,,कोटा के समाजसेवी ,,पूर्व
सरपंच ,कॉमरेड अहमद अली ,रात्रि उनके विज्ञाननगर स्थित निवास के पास ,,एक
गार्डन में ,..इबादत ऐ खुदा ,तरावीह के बाद चहल क़दमी करने जाते है
,,,उन्हें गार्डन में एक डेढ़ साल का , बच्चा रोता हुआ दिखता है ,,अकेले
बच्चे को देखकर वोह इधर उधर नज़रे घुमाते है ,वोह आसपास वालों से बच्चे के
बारे में पूंछते है , गार्डन में उपस्थित लोग भी उस बच्चे के बारे में
अनजान ,,,इंसानियत के पुजारी अहमद खान साहब उस मासूम बच्चे को उठाते
,है अहमद अली इस मामले में आसपास के लोगो से कहते है ,,मस्जिद में ऐलान
करवाते है,थाने में सुचना देते है ,थाने वाले असमंजस में ,बच्चे का क्या
करे ,खेर थानाधिकारी ,अहमद खान खान साहिब से इस बच्चे को उनके घर पर
,परिवार के साथ रखने की प्रार्थना कर सुबह इसका निस्तारण का सुझाव देते है
,मौखिक रिपोर्ट होती है ,अहमद खान मासूम बच्चे को सीने से लगाकर अपने घर
लाते है ,बच्चे को अपनी पुत्र वधु से कहकर दूध वगेरा पिलाते है ,बच्चे को
उसकी सहूलियतों ,गरमी में उसे ठंडक मिले उसका पूरा ध्यान रखकर ,उसे सुकून
से लोरी गाकर सुनाते है ,,बच्चा मदमस्त ,,होकर सुकून से सो जाता है ,सुबह
फिर थाने में घंटी बजाते है ,,पता चलता है ,नज़दीक ही निवासित एक परिवार
,,जहाँ सास ,ससुर ,बेटा ,बहु ,साथ साथ थे ,,बच्चे को गार्डन साथ ले गए थे
,आते वक़्त सभी मुगालते में थे ,सोचते थे ,बच्चा सास ससुर के पास है ,सास
ससुर सोचते बच्चा माँ बाप के पास है ,लेकिन जब बच्चे की तलाश हुई ,तो पता
चला बच्चा तो गार्डन में ही छूट गया ,,बस फिर क्या था इंसानियत के इस
पुजारी अहमद खान साहब ने ,सुकून से सो रहे इस मासूम को गोद में उठाकर
पुलिस थाने में सुचना देकर ,,माता पिता की सुपुर्दगी में इस हिदायत के साथ
दिया ,प्लीज़ भविष्य में अपने बच्चो का ध्यान रखना ,,अख्तर खान अकेला कोटा
राजस्थान
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