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10 मई 2018

एक हस्ती जिससे कोटा ही नहीं राजस्थान रोशन था

एक हस्ती जिससे कोटा ही नहीं राजस्थान रोशन था ,,,, कोटा में गुमनामी के अँधेरे में होने के बाद आज जयपुर इलाज के दौरान शांत हो गए ,,,पूर्व मंत्री रामकिशन वर्मा पार्कींज़म बिमारी के बाद कोटा निजी चिकित्सालय में भर्ती हुए फिर उन्हें जयपुर ले जाया गया ,,जहाँ उनका निधन हो गया ,,रामकिशन वर्मा का पार्थिव शरीर देर रात उनके पुश्तैनी रामपुरा स्थित मकान पर पहुंचा ,,उनके पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार कल प्रात दस बजे रामपुरा स्थित शमशान घाट पर राजकीय सम्मान ,,कोंग्रेसी परम्परा के सम्मान के साथ होगा ,,,रामकिशन वर्मा के निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि देने प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलेट ,पूर्व मुख्यमंत्री राष्ट्रिय महासचिव अशोक गहलोत सहित कई कांग्रेस ,,भाजपा के नेताओ के आने का कार्यक्रम है ,,एक हस्ती जिससे कोटा ही नहीं राजस्थान रोशन था आज कोटा में गुमनामी के अँधेरे कुछ दिन रहने के बाद आधुनिक कोटा के निर्माण का प्रथम सकारात्मक सपना देखकर उसे पूरा करने की शुरआत करने वाले पूर्व मंत्री रामकिशन वर्मा अपने पीछे लाखों समर्थको को रोता बिलखता छोड़ गए है ,,वैसे तो रामकिशन वर्मा पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से भी वरिष्ठ होने से कमोबेश उनके राजनितिक गुरु थे ,लेकिन कोटा ही नहीं ,,हाड़ोती ही नहीं पुरे राजस्थान में उन्होंने सेकड़ो ऐसे नेताओं को तैयार किया जो आज कांग्रेस के वरिष्ठ पदों पर तैनात है ,, ,,कभी कांग्रेस का स्तम्भ रहे रामकिशन वर्मा जो कभी राजनीति के अखाड़े के सुपरहिट पहलवान थे ,,जिनके कई पट्ठे आज राजनितिक अखाड़ों के सिरमौर है ,,जो अपने दांव पेच और पटेबाज़ी से हर चुनाव जीतकर मुखर होते थे ,,,वही रामकिशन वर्मा आज गुमनामी के अँधेरे में सियासी बेवफाई के चलते हो गए थे ,, ,,,,कोटा जिला कांग्रेस के अध्यक्ष ,,,कोटा राजकीय महाविद्यालय के निर्वाचित छात्र संघ अध्यक्ष ,,राजस्थान सरकार में महत्वपूर्ण पदों पर केबीनेट मंत्री रहे रामकिशन वर्मा को कोटा के विकास ,,कोटा कांग्रेस की मज़बूती के दौर में अगर याद ना किया जाए ,,,,तो यह नाइंसाफी की बात होगी ,,,,,,,,सादगी ,,ईमानदारी ,,यारबाज़ी का प्रतीक रहे रामकिशन वर्मा अशोक गेहलोत ,,भेरो सिंह शेखावत के निजी मित्रों में प्रमुख रहे है ,,,,रामकिशन वर्मा शिवचरण माथुर ,,हरिदेव जोशी ,,अशोक गेहलोत मंत्रिमंडल में ,उप , मंत्री ,,राज्य मंत्री ,केबिनेट मंत्री रहे है ,,राजस्थान आवासन मंडल ,,स्वायत शासन ,,,खाद्य आपूर्ति रसद ,,,,युवा खेल मामलात ,,,,स्टेटिक्स ,,,भाषाई अल्पसंख़्यक वक़्फ़ जैसे ना जाने कितने मंत्रालयों के कामयाब मंत्री रहे रामकिशन वर्मा के कार्यकाल में ही कोटा नगर परिषद नगर निगम बनी ,,,,हाउसिंग बोर्ड की योजनाये शुरू हुई ,,,,नए कोटा के नाम पर कॉलोनियां विकसित हुई ,,पानी की समस्या के लिए बढ़ी पाइप लाइन ,,गंदे पानी की निकासी के लिए सीवरेज लाइन बनी ,,चंबल गार्डन सहित ना जाने कितने खूबसूरत उद्यान बने ,,,सौंदर्यकरण योजनाये लागू हुई ,,,,रामकिशन वर्मा जो सियासत में यारबाज़ की छवि रखते थे ,,उन्होेन अपने कई मित्रों को पहले उंगली पकड़कर चलना सिखाया ,,राजनीति के आला मुक़ाम पर स्थापित किया है ,,,वोह महमाँनवाज़ी में अव्वल कहे जाते थे ,,उनके जयपुर स्थित निवास पर कोटा का जो भी जाता था ,,उसकी समस्या सुनवाई बाद में ,,,पहले उसे खाना खिलाया जाता था ,,,,किसी के काम में ना नुकुर नहीं ,,राजनितिक द्वेषता से किसी का नुकसान नहीं ,,,अधिकारियों पर कोई रॉब नहीं ,,,परिवार का मंत्री पद पर कोई असर कोई सिफारिश नहीं ,,,गाँधीवादी कांग्रेस ,,रामपुरा के सेव ,,,,कचोरी ,,,,,ठहाके ,,इनकी दिनचर्या रही थी ,, ,,,मंत्री बनते ही इनकी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह पत्रकारों को बुलाकर दोस्ताना सुलूक करते और विभाग के बारे में सवाल पूंछने पर मासूमियत से विनम्र होकर हाथ जोड़ते हुए जवाब देते ,,,,आप आओ ,,,,खाओ पियों ,,अपने सभी काम करवाओ ,,लेकिन मुझ से विभाग के बारे में सवाल मत करो ,,यह अधिकारीयों के काम है ,,मुझे पता नहीं कोनसे स्विच से कोनसा पंखा चलता है ,,वोह हँसते कोटा की विकास योजनाये बनाते ,,तलवंडी ,,वक्फनगर ,,,विज्ञाननगर ,,महावीर नगर ,दादाबाड़ी ,,,बसंत विहार ,,केशवपुरा सहित कई ऐसी कॉलोनियां है जो इनके कार्यकाल में शहरीकरण योजना के तहत विकसित हुई है ,,,विकट हालातों में खड़े गणेश जी तक की प्रथम पक्की सड़क उनके कार्यकाल में ही बनाई गयी थी ,राजस्थान में इन्होने खेल प्रतिभाओं को बढ़ावा दिया ,,निर्भीक ,,नीडर ,,बेबाक होकर अपनी बात कहना ,,अपनों के साथ अपनी बात करना ,,,,यारबाज़ी के सिद्धांत के तहत अपने लोगों को पुरस्कृत करना इनका स्वभाव रहा था ,,,,,यह कोटा लाडपुरा ,,रामगंजमंडी से कई बार विधायक रहे है ,,,,,कोटा देहात कांग्रेस के अध्यक्ष रहे है ,,,,,,,,,प्रदेश की कई समितियों में रहे है ,,,,कोटा ईदगाह को इनके कार्यकाल में ही चंबलगार्डन की ज़मीन के बदले प्रतीकात्मक राशि जमाकर भूमि आवंटित की गई थी ,,इनके वक़्फ़ देवस्थान मंत्री कार्यकाल में कई मंदिरों का उद्धार हुआ ,,,तो कई दरगाह ख़ानक़ाह को पर्यटन से जोड़ा गया ,,,यातायात मंत्री के कार्यकाल में कई गाँव बस सेवा से जोड़े गए ,,,शहरी यातायात को सुगम बनाया गया ,,,,,रामकिशन वर्मा कई बार केबिनेट मंत्री रहे महत्वपूर्ण बिभागों में रहे सभी मुख्यमंत्रियों के नज़दीक रहे प्रतीपक्ष में रहने के बाद भी भाजपा के मुख्यमंत्रियों के नज़दीक रहे ,,लेकिन कभी घमंड नहीं ,,कभी विवाद नहीं ,,कभी किसी के वाजिब काम से इंकार नहीं ,,कभी किसी से मुलाक़ात मिलने में नखरेबाजी नहीं ,,,आज भी आप रामपुरा की ऐतिहासिक पीपली के पास अपना सात्विक साधू की तरह राजनितिक जीवन जी रहे थेः ,,, और उदारता विनम्रता से आने वाली सियासी पीढ़ी के लिए एक मिसाल बने थे ,,,ऐसी शख्सियत को अगर सचिन पायलेट जिनके वालिद ,,जिनकी वालदा के रामकिशन वर्मा मुखर साथी रहे है ,,जिसे गोद में खिलाया हो ,,जो कभी गुर्जर समाज के एक छत्र नेता रहे हो तो दिल दुखता है ,,अफ़सोस होता है के ऐसी शख्सियत जिसने राह चलते लोगों को बुलाकर आला मुक़ाम दिया आज वोह खुद गुमनामी के अँधेरे में रहकर अचानक हमारे बीच से हँसते खेलते चले गए ,,,,जिनकी रौशनी से राजस्थान रोशन था आज वोह दिया गुमनामी में टिमटिमाया और पुरे राजस्थान को ,सियासी व्यवस्थाओ को रोशन कर सभी को रोता बिलखता छोड़ बुझ गे ,, ,,मुझे यक़ीन है सियासत में कुछ शख्स विनम्र शख्स ऐसे भी हहि जो इस आलेख को पढ़कर ,,टिमटिमाकर ,इस बुझे हुए चिराग के दिए में ,,इनके सियासी कार्यों ,,विकास कार्यों को उजागर करने के लिए पब्लिसिटी का ,,तेल डालेंगे ,, और फिर इनके अंधकार को दूर कर इनकी शख्सियत लोगो के लिए अनुकरणीय बने ऐसी कोई व्यवस्था करेंगे ,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान,,

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