कोटा के वरिष्ठ वकील महेश गुप्ता ने बार कौंसिल वोटो की गिनती में आज 200
से भी अधिक वोट लेकर संभावित विजय होने वाले प्रत्याक्षियों में अपना स्थान
सुरक्षित कर लिया ,,,उन्हें बधाई
मुबारकबाद ,,महेश गुप्ता दो बार ,,निर्वाचित होकर बार कौंसिलर रहे है जबकि
वोह बार कौंसिल ऑफ़ राजस्थान के अध्यक्ष भी रह चुके है ,, कोटा सहित आसपास
के संभागीय ज़िलों में प्रत्याक्षियों के टकराव और बाहरी उम्मीदवारों के
ठेकेदारों द्वारा अधिकतम वोट बाहरी उम्मीदवारों को दिए जाने से कोटा संभाग
के उम्मीदवार की जीत पर प्रश्न चिन्ह लगा था ,कुछ लोग इस मामले में खुद को
कामयाब होता देख जश्न मनाने के मूड में भी , ,,लेकिन इंसान सोच सकता है
,होता वही है जो मंज़ूर ऐ खुदा होता ,है ,,चुनाव प्रचार से लेकर वोटो की
गिनती के बाद कम वोट मिलने पर भी महेश गुप्ता सहज सरल स्वभाव से अपनी हार
को ,,हराने वाले मित्रो की कोशिशों के बावजूद भी बिना किसी प्रतिकार के
अंगीकार किये हुए थे ,बस खुदा ने उनकी सुनी ,खासकर रघु गौतम खुद मेने और
दूसरे साथियों ने भी उनके निर्वाचित होने के लिए वोटो की संख्या बढ़ाने को
लेकर ,दुआएं भी की थीं ,,आज वोटो की गिनती के समय कोटा के नरेश शर्मा के
एक्सक्ल्युज़िव किये जाने के बाद उनके वोटो में चाहे बाहरी उम्मीदवारों के
भी थोक में वोट निकले हो ,लेकिन बाहरी उम्मीदवारों के ठेकेदार अचंभित हो गए
जब महेश गुप्ता को नरेश शर्मा के वरीयता क्रम के 191 वोट मिले ,इन वोटो की
गिनती से महेश गुप्ता ने 786 वोट प्राप्त कर बढ़ी छलांग लगाई और वोह
पच्चीस जीतने वाले उम्मीदवारों में 19 वे नंबर पर आ गए जो आरोही क्रम
मतगणना में ऊपर से 159 उम्मीदवारों में से 140 नंबर पर पर यानी पच्चीस में
से 19 नबंर पर है तीन प्रत्याक्षी जीतने के बाद अभी उनका क्रम 16 वां है ,,
खुदा का शुक्र है महेश गुप्ता की जीत की उम्मीद से कोटा के बाहरी
उम्मीदवारों के ठेकेदारों के आलावा बाक़ी साथियों में ख़ुशी की लहर दोढ़ गयी
है ,वैसे अभी वोटो की गिनती लगातार चल रही है ,अभी 14 उम्मीदवारों की
गिनती और होना है जो काफी उतार चढाव का कारण बनेगे ,,,इसके बाद तीसरे चरण
की वोटों की गिनती में क्या प्रक्रिया होगी विधि अनुसार तय की जा सकेगी
,लेकिन खुदा से यही दुआ है के एडवोकेट महेश गुप्ता की यह बढ़त उनकी
सम्मानजनक जीत घोषित होने तक बनी रहे वैसे कोटा और संभाग के ज़िलों के थोक
वोटो से जयपुर और बाहर के उम्मीदवारों के जीतने वालों की गिनती आधार दर्जन
से भी अधिक है ,लेकिन वोह बाहरी लोग वोट तो ले लेते है कोटा के हक़ मामले
में कभी अपनी जुबांन नहीं खोलते ,वोह बात अलग है के उन्हें जिताने में कोटा
से ठेकेदारी करने वाले कुछ ज़िम्मेदारों को वोह किसी कमेटी में ज़रूर
नियुक्त कर ,अघोषित बार कौंसिलर का मज़ा दे देते है ,,,,वोटों की गिनती अभी
एक हफ्ते तक और चलने की संभावना है वैसे वर्तमान चुनाव में धांधली
अनियमितता को लेकर ,चुनाव ट्रिब्यूनल के समक्ष दो दर्जन के लगभग याचिकाएं
दायर की गयी है जिन पर सुनवाई के बाद चुनाव नतीजों की अधिसूचना निकालने पर 7
जुलाई तक रोक लगा रखी है ,ट्रिब्यूनल का सुनवाई के बाद क्या फैसला आएगा यह
तो वक़त है बतायेगा लेकिन कोटा बार कौंसिल सदस्य विहीन होने से लगभग बच गया
है ,,यह काफी साथियों के लिए ख़ुशी तो कुछ के लिए गम की बात भी हो सकती है
,एडवोकेट नरेंद्र नारायण शर्मा ने तो कोटा के भितरघातियों की गतिविधियों से
दुखी होकर घोषणा तक कर दी थी के अगर कोटा से कोई भी प्रत्याक्षी जीत कर
नहीं आया तो वोह अपने साथियों में स्थानीय लोगो में से ही चयन निर्वाचन का
जज़्बा पैदा करने के लिए अपनी मूंछे मुंडवा कर ,साथियो को भाईचारा ,मोहब्बत
एक दूसरे की मदद का संदेश देंगे ,लेकिन अल्लाह का शुक्र है ,हाड़ोती की आन
बान शान ,,मूंछ को कटने से ,झुकने से खुदा ने बचा लिया ,, अख्तर खान अकेला
कोटा राजस्थान
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