सरकार क्या सही में भर्ती करना चाहती है या दिखावा ? शांति धारीवाल
कान्स्टेबल भर्ती परीक्षा 2018
कुल पद 7000, कुल परीक्षार्थी 16 लाख
1. इतनी बड़ी आॅनलाईन परीक्षा का आयोजन पुलिस विभाग द्वारा किया गया जिसमें 16 लाख परीक्षार्थियों को 40 दिन तक आॅनलाईन परीक्षा का हिस्सा बनना था। ऐसी आॅनलाईन परीक्षा का देषभर में कही आयोजन नहीं होता है जिसमें इतने सारे परीक्षार्थियों को षामिल किया जा सके।
2. उक्त परीक्षा का आॅनलाईन संचालन एक प्राइवेट कम्पनी एपटेक को दिया गया। परीक्षा हेतु गठित बोर्ड के सारे अधिकारी पूर्व में सी.बी.आई. जैसी षीर्श संस्था में भी कार्य कर चुके है। जिनमें पूर्व प्रमुख श्री ओ.पी. मलहोत्रा, डाॅ. भूपेन्द्र सिंह यादव, राजीव षर्मा तथा एन.पी.के. रेड्डी थे।
3. ये सी.बी.आई जैसी संस्था में कार्य करने के बाद भी परीक्षा में राज्यभर के 35 केन्द्रों को नियंत्रित नहीं कर पाए।
4. केचिंग इन्स्टीट्यूट और उनके संचालकों एवं नकल कराने वाले गिरोह ने 5 से 10 लाख रूप्ये परीक्षार्थियों से लिये थे। ऐपटेक के अधिकारी व कर्मचारी को षामिल कर बड़े पैमाने पर नकल कराई। परीक्षा का प्रथम चरण पूरा होने पर द्वितीय चरण वाली परीक्षा में ज्यादा हल्ला मचने पर परीक्षा स्थगित कर दी गई। जिससे बेरोजगारों का भविश्य अधर-झूल में हो गया।
कान्स्टेबल भर्ती परीक्षा 2018
कुल पद 7000, कुल परीक्षार्थी 16 लाख
1. इतनी बड़ी आॅनलाईन परीक्षा का आयोजन पुलिस विभाग द्वारा किया गया जिसमें 16 लाख परीक्षार्थियों को 40 दिन तक आॅनलाईन परीक्षा का हिस्सा बनना था। ऐसी आॅनलाईन परीक्षा का देषभर में कही आयोजन नहीं होता है जिसमें इतने सारे परीक्षार्थियों को षामिल किया जा सके।
2. उक्त परीक्षा का आॅनलाईन संचालन एक प्राइवेट कम्पनी एपटेक को दिया गया। परीक्षा हेतु गठित बोर्ड के सारे अधिकारी पूर्व में सी.बी.आई. जैसी षीर्श संस्था में भी कार्य कर चुके है। जिनमें पूर्व प्रमुख श्री ओ.पी. मलहोत्रा, डाॅ. भूपेन्द्र सिंह यादव, राजीव षर्मा तथा एन.पी.के. रेड्डी थे।
3. ये सी.बी.आई जैसी संस्था में कार्य करने के बाद भी परीक्षा में राज्यभर के 35 केन्द्रों को नियंत्रित नहीं कर पाए।
4. केचिंग इन्स्टीट्यूट और उनके संचालकों एवं नकल कराने वाले गिरोह ने 5 से 10 लाख रूप्ये परीक्षार्थियों से लिये थे। ऐपटेक के अधिकारी व कर्मचारी को षामिल कर बड़े पैमाने पर नकल कराई। परीक्षा का प्रथम चरण पूरा होने पर द्वितीय चरण वाली परीक्षा में ज्यादा हल्ला मचने पर परीक्षा स्थगित कर दी गई। जिससे बेरोजगारों का भविश्य अधर-झूल में हो गया।
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