वकील साथियों ,,अज़ीज़ दोस्तों ,बहनो ,,भाइयों ,,बार कौंसिल ऑफ़ राजस्थान के
अलोकतांत्रिक प्रशासकीय प्रबंधन से आज़ादी के दिन नज़दीक आ रहे है ,,आगामी 28
मार्च को होने वाले चुनाव में आप 57 हज़ार साथी अधिवक्तागण ,एक नई बार
कौंसिल ,,आज़ाद बार कौंसिल का गठन करने के लिए वोट डालेंगे ,,एक इल्तिजा
,,एक प्रार्थना है ,आप ,प्लीज़ वोट डालने के लिए ज़रूर आये ,,वैसे तो हमारे
पुराने करता धर्ता निर्वाचित लोगो ने ,,हमारे वोटो से निर्वाचित होकर
,,,हमारी सनद के क़ानून को ग़ैरक़ानूनी कर हमे निश्चित समयावधि वाला
,,लाइसेंसी वकील बना दिया ,,क़ानून में लिख दिया जिसका लाइसेंस रिनिवल नहीं
,वोह वकील नहीं ,,अजीब तमाशा है ,,हमारे मुहाफिजों के हाथ में ,हमारी
हिफाज़त थी ,इन्होने ही हमारी पीठ पर खंजर घोंप कर हमे वकील से ,,एक स्कूटर
,,मोटरसाइकल के लाइसेंसी की तरह समयावधि वाला लाइसेंसी बना दिया ,,हमारी
डिग्रियां ,,हमारी मार्कशीटें ,जो पहले से ही इनकी फाइलों में लगी है
,,उन्हें दुबारा रिनिवल के नाम पर तलब किया जा रहा है ,,हालात यह है के
हमारी डिग्रियों की जांच के नाम पर हमे अपमानित किया जा रहा है ,हमारे
बच्चो के सामने पुराने दस्तावेज ढूंढते वक़्त ,,हमारा मखौल बन रहा है ,,अजीब
मुहाफ़िज़ रहे हमारे ,आज अफ़सोस के साथ लिखना पढ़ रहा है ,हज़ारो हज़ार हमारे
वकील साथी ,,सिर्फ और सिर्फ रिनिवल नहीं होने से ,,वकील नहीं होने ,,बार
कौंसिल की सूचि से नाम काट दिए जाने का दर्द भुगत रहे है ,,ज़रा सोचों
जिनका रिनिवल नहीं हुआ ,,,जो वकील साथी ,रेगुलर वकील होने के बावजूद भी
,,बार कौंसिल के रजिस्टर में वकील नहीं रहे है ,उनकी वकालत पर ,,उनके
खिलाफ पक्षकार ,,उनका खुद का पक्षकार प्रश्न चिन्ह खड़ा कर सकता है ,यह नौबत
,सिर्फ इसलिए आयी ,क्योंकि हमने हमारे वेलफेयर के लिए जिन्हे चुना
,उन्होंने हमारे वेलफेयर के लिए सोचा ही नहीं ,सिर्फ कमाई बढ़ाओ ,बैठकों में
रूपये उढाओ। .आमद खर्च का हिसाब ,,एक एक खर्च का हिसाब वेबसाइट पर मत डालो
,आमदनी ,,खर्च का हिसाब प्रत्येक सदस्य को बताने का कर्तव्य है जो मत बताओ
,,बार कौंसिल के चुनाव पांच साला होने के बावजूद भी ,यहां पांच साल निकलने
पर प्रशासक बिठाओ ,,खुद फिर बन जाओ और पांच साल की जगह पुरे नो साल बाद
चुनाव करवाओ ,,फिर इस चुनाव में अपने कुछ साथियों के साथ चुनाव में आ जाओ
,,,बार एसोसिएशन के लिए तो दो साल बाद चुनाव नहीं लड़ने का क़ानून बनाओ ,और
खुद बार बार चुनाव के मैदान में आ जाओ ,,आखिर ऐसा क्या मीठा है ,जो कुछ
वेलफेयर करो भी नहीं और बार चुनाव में आ जाओ ,,हम कहे के बार कौंसिलर
हायकोर्ट जज ,,सरकारी अधिवक्ता ,महाधिवक्ता की दौड़ में शामिल नहीं होगा ऐसा
क़ानून बनाओ ,तो क़ानून भी नहीं बनाये ,,और कोई सरकारी वकील ,कोई कमेटियों
के सदस्य बन जाए ,,वकीलों के साथ कम जजों के साथ इनकी बैठके अधिक हो ,तो
जनाब सोचना आपको है ,फिर चुनाव है ,यह निज़ाम ,,यह सिस्टम ,जिसे प्रभावित
करने के लिए बार कौंसिल ऑफ़ इण्डिया से चुनाव के वक़्त ,,चुनाव प्रभावित करने
के लिए प्रत्याक्षी द्वारा ,,बार कौंसिल से छोटी बार को ,एक एक लाख रूपये
का चेक देकर भेजा गया है ,,क्या यह इन्साफ है ,क्या यह निष्पक्ष चुनाव ,है
,,,क्या यह मर्यादाओं का उलंग्घन नहीं है ,दोस्तों ,,अब हमे निज़ाम बदलना
होगा ,जो ऐसा सब कुछ करे ,जो ऐसा सब कुछ देखकर भी ऐसे अमर्यादित आचरण के
समर्थक हो ,या फिर मूकदर्शक बनकर उनका समर्थन करे ,ऐसे लोगो से बचना होगा
,,ऐसे लोग जो इस सिस्टम से लड़ रहे है ,जो इस सिस्टम के खिलाफ बोल रहे है
,,जो इस सिस्टम के खिलाफ लगातार लिख रहे है ,,जो इस सिस्टम के खिलाफ लड़ने
के लिए अपना सब कुछ दांव पर लगाकर आपके हको के संघर्ष के लिए खड़े हो गए है
ऐसे लोगो को चुनिए ,,ऐसे लोगो के पक्ष में वोट कीजिये ,,कहीं ऐसा न हो जो
दर्द पहले भुगता है ,,,जो मार्कशीटों की जांच का अपमान पहले सहा है ,वैसा
ही ,उससे भी कहीं ज़्यादा फिर हमे सहना पढ़े ,सब कुछ पारदर्शी हो ,सालाना आमद
खर्च का हिसाब एक एक पाई की आमद खर्च ,वेबसाइट पर हो ,प्रत्येक सदस्य को
हिसाब देखने का हक़ हो ,सवाल उठाने का हक़ हो ,हर साल एक साधारण सभा हो
,जिसमे सभी राजस्थान के वकील साथी मौजूद हो ,क्षेत्रीय स्तर पर बार
कौंसिल की बैठके हो ,सदस्यों की संख्या पच्चीस की जगह कम से कम छत्तीस हो
,,बार कौंसिल में महिलाओ का आरक्षण हो ,साथ ही क्षेत्रीय संभाग स्तर पर
निर्वाचन की संख्या भी फिक्स हो ,, नियमों में बदलाव हो ,,कल्याणकारी
योजनाओ में वकीलों को अधिकतम लाभ मिले ,,अगर यह सब करना है तो प्लीज़ पुराना
निज़ाम बदलना है ,,एडवोकेट अख्तर अली खान अकेला ,, न्यायालय परिसर कोटा
,,बैलेट नंबर 54 प्रत्याक्षी बार कौंसिल
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