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10 मार्च 2018

दोस्तो बुज़ुर्गो ,,बार कौंसिल के प्रत्याक्षी ,,वोटर साथियों

दोस्तो बुज़ुर्गो ,,बार कौंसिल के प्रत्याक्षी ,,वोटर साथियों ,,,,प्रत्याक्षियों द्वारा पिछले दिनों ,बार कौंसिल और मद्रास हायकोर्ट के निर्वाचन अनुशासन नियमो के खिलाफ ,,पार्टियों का इंतिज़ाम कर वकीलों को प्रभावित करने ,उन्हे रोटी साठे वोट देने वाला साबित कर अपमानित करने का प्रयास किया ,,कोटा ,सीकर ,चित्तोड़ ,बूंदी ,,भीलवाड़ा ,सहित कई ज़िलों में होटलो में यह पार्टियां आयोजित हुई ,,आयोजन के नाम पर खुद के लिए क़सीदे पढवाये ,गए लेकिन एक प्रत्याक्षी तो ,,खुद ने वकीलों के हक़ संघर्ष के लिए ,,समाज के हक़ संघर्ष के लिए ढेला भर भी काम क्या हो ,,वोह बता पाने में नाकामयाब रहे ,,परिवार के बुज़ुर्ग क्या ,थे वोह अलग बात है ,,लोग राजा ,महाराजा ,,नवाबों ,जागीरदारों के लड़के भी चुनाव मैदान में है ,,लेकिन उनके नाम पर नहीं ,,आपके ,हमारे काम पर वोट मिलेंगे ,,हमारे व्यवहार पर ,हमने वकीलों के हक़ संघर्ष के लिए क्या कुछ किया ,,आगे क्या हम हमारा युअर ऑनर ,,छोड़कर वकीलों के हक़ संघर्ष में शामिल हो सकते ,है क्या हमारे समाज के हक़ संघर्ष में कभी हम शामिल हुए ,क्या भविष्य में हम समाज के संघर्ष में उन्हें इन्साफ दिलाने के लिए शामिल हो सकते है ,यह सब टिप्स है ,जो वोटर देखता है ,लेकिन वकीलों को गुमराह करने ,नए लड़को को पार्टियों के नाम पर इकठ्ठा कर ढींगे मार कर कोई चुनाव जीत भी गया ,तो पांच साल तक ,साथियों को फिर रोना ही होगा ,,खेर मद्रास हाईकोर्ट और बार कौंसिल ट्रिब्यूनल के दिशा निर्देशों ,,में प्रलोभन ,,पार्टियां देकर ,,वोट प्रभावित करने के नियम बिंदु संख्या पांच के उलंग्घन मामले में ,,कुछः लोग जो ऐसी पार्टियां देने वाले प्रत्यक्षियो ,,के खिलाफ ,, पार्टियों के फोटोग्राफ ,,पार्टियों के प्रबंधन को लेकर बातचीत के ऑडियो ,,पार्टियों के विडिओ सहित शिकायत करने वाले मान गए है ,अब फ़िलहाल उन्होंने ट्रिब्यूनल में शिकायत नहीं करने का फैसला किया है ,लेकिन दोस्तों ,प्रत्याक्षियों ,वोटरों को भी इस मामले में सोचना है ,,अपने काम के नाम पर वोट मांगिये ,प्रलोभन ,खाने पीने के नाम पर वकील साथियों का अपमान ,बर्दाश्त नहीं होना चाहिए ,हम वकीलों के आत्मस्वाभिमान के संघर्ष के लिए चुनाव मैदान में है ,कोई रुतबा हांसिल करने ,,कोई ऐश ओ आराम हांसिल करने के लिए चुनाव नहीं लड़ रहे है ,हमारे बाप दादा क्या थे ,इससे किसी को कोई मतलब नहीं ,,सिर्फ आप क्या हो ,आपने अब तक अपना काम छोड़कर वकीलों के हक़ संघर्ष में क्या कुछ क्या किया ,,भविष्य में क्या आप वकीलों के हक़ संघर्ष में शामिल रह सकोगे ,या फिर जैसे माई लार्ड ,,युअर ऑनर के नाम पर ,वकीलों की हड़तालों को बिना किसी नतीजे के ,,पदाधिकारी रहते हुए ,हड़ताल तोड़कर वकीलों के संघर्ष में पीठ में खंजर भोंकते रहे है ,,करने वालो के साथ रहेंगे ,,अभी बार कौंसिल का नेतृत्व ,किस तरह के मोड़ पर है ,क्या कुछ हुआ ,,हम वकील ,,सनद वाले वकील से समयावधि वाले ,,लाइसेंसी वकील बना दिए गए , हमारे बार कोनसीलर्स ने क्या कुछ किया है सारा कच्चा चिटठा आपके सामने ,है ,इसलिए बेहतर तरीके से चुनाव लड़ो ,,एक सिद्धांत ,एक व्यवस्था के मिजाज़ ,कुछ कर गुज़रने की क्षमता के साथ चुनाव मैदान में डटो ,,,वकील साथियों को चाय पानी का प्रलोभन देकर ,आधा दर्जन वकील ,,कार ड्राइवर को काला कोट पहना कर अपने साथ ,रखकर प्रचार सामग्री मत बटवाओ ,,मुट्ठीभर गलतियों से पुरे वकील समुदाय को बदनाम मत कीजिये प्लीज़ ,,गलत तरीके से जो चुनाव लड़ते है ,प्रलोभन देकर ,जो चुनाव मैदान में आते है ,उनका मिजाज़ वकीलों के हक़ में हो ही नहीं सकता ,यह हर वकील साथी जानता है ,इसलिए प्लीज़ अब ऐसी गलतियां न करे ,,वरना ट्रिब्यूनल में सुबूतों के साथ अगर शिकायत हुई ,,तो बिना चुनाव लड़े ही मेरे प्रत्याक्षी भाई मुसीबत में फंस जाएंगे ,,सभी भाइयों से गुज़ारिश है ,,प्लीज़ ,,एक बेहतर ,बार कौंसिल ,,,के गठन के लिए ,बिना पक्षःपात के प्रत्याक्षी चुनिए ,, प्रत्याक्षी का कच्चा चिटठा जानिए ,,उसके हक़ संघर्ष की कहानी ,प्रत्याक्षी के क्षेत्र के लोगो से जानिए ,,गूगल से जानिए ,,फिर बेहतर बार कौंसिल का गठन कीजिये कहीं ऐसा न हो ,चाय ,पार्टियों ,,गिफ्टों के नाम पर ,,कुछ लोग फिर से अगर चुन कर आ गए तो नो साल का दुःख जो वकीलों ने सहा है वोह इस बार फिर सहने के लिए तैयार होना होगा ,,हड़तालों को बेवजह तुड़वाने वाले गद्दार ,,वकीलों के खिलाफ क़ानून बनाने वाले मठाधीश अगर आये ,तो फिर हमे ,,पांच साल ,,नो साल ,,न जाने कितने साल ,अपनी गलतियों के लिए प्रताड़ित होना होगा ,इसलिए चुनिए उसे ,जो वकीलों के हक़ संघर्ष में शामिल रहा हो ,पाकदामन निष्पक्ष ,, माई लार्ड ,,युअर ऑनर संस्कृति से दूर रहा हो ,,किसी जज का रिश्तेदार न हो ,,भविष्य में हायकोर्ट जज बनने ,महाधिवक्ता बनने का सपना देखने वाला प्रत्याक्षी न हो ,,,,,मुझे पता है ,मेरे कड़वे बोल कुछ लोगो की नाराज़गी की वजह हो सकते है ,,इसीलिए मुझे माफ़ करे ,,,,,गलती हो तो मेरा विरोध करे ,अगर में सच हूँ तो प्लीज़ मेरी मदद करे ,,एडवोकेट अख्तर खान अकेला ,बैलेट नंबर 54 प्रत्याक्षी बार कौंसिल राजस्थान ,

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