कोटा कोचिंग के नाबालिग छात्र ,,दिमागी तनाव में ,,आत्महत्या कर रहे ,,,है
,,एक दिन नहीं ,रोज़ आत्महत्याए हो रही है ,,प्रशासन उपाय की कोशिश में है
,,लेकिन राजस्थान बाल आयोग ,,कोटा में बाल आयोग ,और ज्वेनाइल समितियां इस
मामले में गंभीर नहीं है वोह हॉस्टलों ,,कोचिंगों में जाकर ऐसे बच्चो के
हालात नहीं जान रहे है ,,,वोह तो बस ,,अपना पेट पाल रहे बच्चे ,,,उनके
परिजन ,,उन्हें रोज़गार देने वाले लोग ,,अल्पसंख्यक संस्थाओ में जा रहे है
,,बच्चो ,,नाबालिग बच्चो के साथ अत्याचार मामले में गंभीर कार्यवाही
होना चाहिए ,,बाल कल्याण समिति की कई कार्र्यवाहियाँ ,,,प्रशंसनीय है
,,लेकिन नाबालिग बच्चो की गार्जियन ,बाल कल्याण समिति ,,कोचिंग संस्थाओ
,,हॉस्टलों में शिकंजा कसने में नाकामयाब है ,,बाल आयोग की अध्यक्ष कोटा
बार बार आती तो है ,,लेकिन इस मांमले में उनकी कार्यवाही में भी गम्भीरता
नहीं है ,,,,कोटा इमेनुअल मिशन संस्था के बच्चो को लेकर कार्यवाही हुई ,गलत
हो तो कार्यवाही होना चाहिए ,,लेकिन सभी अनाथालय ,,नाबालिग छात्रावास
,,नाबालिग रिहायशी व्यवस्थाओ पर भी शिकंजा होना चाहिए ,,,अनियमितता पायी
गयी कह भर देने से अनियमितता नहीं हो जाती है ,,अनियमितता थी तो क्या
अनियमितता थी ,यह भी बताना चाहिए ,,किसी भी संस्था को ,,बिना सम्पूर्ण जांच
के यूँ ,हाइलाइट नहीं करना चाहिए ,,संस्था में अपराध है तो फिर मुक़दमा अब
तक क्यों दर्ज नहीं करवाया गया ,,,,और अगर संस्था को बेवजह परेशांन करने
के आरोप लगाए जाते है तो इन शिकायतों की भी जाँच होना चाहिए ,,बाल आयोग
,,बाल कल्याणकारी समितिया अगर अपना प्यार ,,हॉस्टलों में रह रहे नाबालिग
बच्चो ,,कोचिंग में पढ़ रहे नाबालिग बच्चो के तनाव पूर्ण हालात ,,शैक्षणिक
क्र्रूरता के बारे में भी जान ले ,,व्यवसायीकरण के बारे में भी समझ ले ,,जो
नाबालिग बाहर के है ,,उनकी सोसाइटी ,,उनके रहन सहन ,,,उनकी कारगुज़ारियों
के बारे में भी जान ले ,,तो इन्होने अपना फ़र्ज़ बखूबी निभाया है ,,हम मान
लेंगे ,,वरना ,,कोटा की राजकीय यात्राएं ,,बैठके तो खूब होती रही है ,,होती
रहेंगी ,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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