विश्व के सबसे बढे गणतंत्र ,,मेरे भारत महान के ,सर्वाधिक सुरक्षित इस
गणतंत्र को ,प्लीज़ लहूलुहान होने से ,प्लीज़ तार तार होने से बचा लो प्लीज़
,बचा लो प्लीज़ ,,कई सालो से इस गणतंत्र की इस देश की जनता ने रक्षा की
,,इसे बचाकर रखा ,लेकिन आखिर इन बीते सालों में क्या हुआ जो ,लोकतंत्र खतरे
में लगता है ,अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता तार तार नज़र आती है ,,राष्ट्रपति
महामहिम विवादों में रहते है ,उत्तराखंड सरकार में आपात काल लगाने को लेकर
,,लोकतंत्र में महामहिम जिन जजों को नियुक्त करते है ,,वही जज ,उत्तराखण्ड
राष्ट्रपति शासन मामले में ,महामहिम का आदेश ग़ैरक़ानूनी क़रार देते है ,,,देश
का सर्वोच्च न्यायालय ,,जहाँ से देश को इंसाफ मिलता है उसके चार वरिष्ठ जज
,,सुप्रीम कोर्ट की केस सुनवाई प्रणाली पर ,,सड़क पर आकर ,,मिडिया और आम
जनता से मदद मांगते है ,,,देश की सर्वोच्च न्यायलय जिस फिल्म पद्मावत को
अभिव्यक्ति की स्वंत्रता के नाम पर प्रदर्शन की अनुमति देती है ,,उस फिल्म
को प्रदर्शन से रोकने की हिंसक कोशिशें होती है ,और देश ,राज्यों के क़ानून
हाथ पर हाथ धरे बैठे रहते है ,,,सड़को पर कथित गौ रक्षा के नाम पर ,,लोगो
की लहूलुहान कर हत्याये की जाती है ,,और बढे निर्वाचित लोग ,,सत्ता में
बैठे लोग ऐसे लोगो को बचाने के लिए तरफदारी करते है ,,देश में लोकतंत्र में
जनता द्वारा रिजेकेटेड लोगो को ,,चोर दरवाज़े से मंत्री बनाकर ,,जनता पर
थोपा जाता है ,गुजरात चुनाव में एक प्रधानमंत्री ,,चुनाव जीतने के लिए ,,पद
की गरिमा तार तार कर ,पूर्व प्रधानमंत्री और सेनाध्यक्ष के खिलाफ दुश्मन
देश पकिस्तान के साथ वार्ता करने का इल्ज़ाम लगाकर ,,जनता को गुमराह कर वोट
मांगते है ,,चुनाव में जुमले फेंके जाते है ,,झूंठ बोला जाता है ,,वोटर्स
को गुमराह किया जाता है ,चुनाव आयोग पर पक्षपात का इलज़ाम लगता है ,,देश के
सभी राज्यों में संसदीय सचिव नियुक्त रहते है ,लेकिन दिल्ली के संसदीय
सचिवों पर गाज गिराई जाती है ,,दिल्ली के लोकपाल की सिफारिशें स्वीकार नहीं
होती ,,दिल्ली जो देश की राजधानी है वहां मुख्यमंत्री तो रहता है ,लेकिन
अफ़सोस एक सिपाही के खिलाफ कार्यवाही का भी उसे हक़ नहीं होता ,,केंद्र सरकार
में लोकपाल क़ानून तो पारित है ,लेकिन लोकपाल नियुक्त नहीं होता ,लोकसभा
में प्रतिपक्ष तो होता है ,लेकिन प्रतिपक्ष का नेता नहीं होता ,,चुनाव आयोग
हर चुनाव में निष्पक्ष चुनाव नहीं कराने को लेकर बदनाम होता है ,,,आज
लोकतंत्र का यह महापर्व ,,गणतंत्र दिवस ,,मनाया तो जा रहा है ,लेकिन तिरंगा
गवाह है कश्मीर के शहीदों की शहादत का ,,वन्देमातरम ,की धुन तलाश रही है
ओरिजनल राष्ट्रभक्तो को ,,जनगणमन अधिनायक जय है ,,दिखावा सा लगता है ,सिर्फ
और सिर्फ दिखावा सा लगता है ,यहां लोगो को रोज़गार नहीं ,गरीबो की सुनवाई
नहीं ,,टी वी खबरों में ,,,गरीबी ,महँगाइ ,,विकास ,,के मुद्दों पर बहस नहीं
,,सिर्फ मुद्दे भटकाने वाले ,,,जुमले ,,खबरें ,,नफरत फैलाने वाले हालात
खबर बनाये जाते है ,,एक जज की फैसले के पहले मोत होती है जो बाद में
संदिग्ध होने की शिकायत होती है ,,मध्य्प्रदेश के डॉक्टरों की भर्ती का
व्यापम घोटाला होता है ,,हर साल मेडिकल ऐंट्रेंस परीक्षा में ,प्रश्नपत्र
लीक होते है ,मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के नाम पर घोटाले होते है ,अदालतों
पर फैसले देने को लेकर उन्ही की अदालत में खुला भ्रष्टाचार रिश्वत लेने के
इलज़ाम लगते है ,,,लोकतंत्र के रक्षक महात्मा गाँधी की हत्या करने वाले की
मूर्ति बनाकर मंदिर बनाया जाता है ,,पार्टी नेताओ के मंदिर जाने को खबर
बनाया जाता है ,,भ्रष्टाचार पर शिकंजा कसने के लिए लोकपाल टांय टांय फिस्स
होता है , इंसान की आज़ादी ,,आधारकार्ड लिंक के नाम पर छीनी जाती है
,,चुनावो में जो कहा जाता है ,पार्टियों द्वारा जीतने के बाद उन्हें जुमला
बता कर भुला दिया जाता है ,,यह लोकतंत्र हमारे संविधान में नहीं लिखा है
,गंगा की तरह पवित्र ,आब ऐ जम जम की तरह पाकसाफ हमारी भावनाये ,,हमारे
वायदे ,हमारा लिखित क़ानून ,,हमारा लिखित संविधान है ,,जान से भी ज़्यादा
प्यारा हमारा तिरंगा ,,हमारा राष्ट्रगान ,,हमारा राष्ट्रगीत है ,,हमारी
सीमाओं की सुरक्षा के लिए हम हमारी जान न्योछावर करने को तैयार रहते है
,,फिर आखिर क्या बदला है कुछ सालो में ,,क्या हुआ है इन कुछ सालों में ,जो
क़ानून की पालना में डबलस्टेंडर्ड चल रहा है ,,महिलाओ को जाती के आधार पर
इन्साफ की बात की जा रही है ,,देश की अस्सी फीसदी आबादी वाली महिलाओ को
छोड़कर मात्र पंद्रह प्रतिशत महिलाओ को टारगेट किया जा रहा है ,,देश में अगर
क़ानून हो ,कोई भी व्यक्ति जिसकी पत्नी जीवित है वही उसका आवेदन की
प्रस्तावक होगी ,,नेता निर्वाचित होकर कहीं भी रहे अगर उसकी पत्नी उसके साथ
नहीं रहती ,उसकी माँ को वोह साथ नहीं रखता ,तो फिर कोई भी पद हो ,,उस पर
ऐसे किसी भी शख्स को नहीं रहने देना चाहिए ,अगर ऐसा हुआ तो सभी धर्म मज़हब
के लोगो में ,महिलाओ के प्रति सम्मान ,एकल महिलाओं के लिए इंसाफ का भाव
होगा और यूँ ही लाखों महिलाये जिन्हे बेवजह छोड़कर ,उपेक्षित कर लोग खुद को
सियासत की पायदान पर छोटे बढे पदों पर रखकर डींगे हांकते है उनकी जगह वही
लोग लोकतंत्र के सर्वे सर्वा होंगे जो महिलाओ के प्रति सम्मान भाव ,,आदर
भाव रखेंगे और महिलाओ की उपेक्षा करने की जगह उन्हें अपने साथ ,,अपने पास
रखेंगे ,,देश में शिक्षा ,चिकित्सा ,,क़ानून व्यवस्था का क्या हाल है ,सभी
देख रहे है ,,एक पार्षद ,,पंच सरपंच जिसके दो बच्चो से ज़्यादा हों ,,कोई
मुक़दमा हो तो निर्वाचन से बाहर और एक सांसद ,,विधायक कितने ही मुक़दमे हो
वोह देश के क़ानून बनाएगा ,,देश के पंच ,,सरपंच ,,पार्षद दसवीं पास हों
,,लेकिन एक सांसद ,,विधायक ,,मंत्री के लिए कोई योग्यता नहीं ,,एक चपरासी
की नियुक्ति के लिए उसकी मार्कशीटों का वेरिफैक्शन ,,चरित्र का वेरिफिकेशन
,,लेकिन एक प्रधानमंत्री ,,राष्ट्रपति ,,मंत्री ,विधायक ,,सांसद के लिए
मार्कशीटों का कोई वेरिफिकेशन नहीं ,चरित्र का कोई वेरिफिकेशन नहीं ,प्लीज़
विश्व के इस सबसे बढे लोकतंत्र को बचा ,लो ,,प्लीज़ इस मेरे भारत महान को
विश्व का सबसे बढ़ा राष्ट्र ,विश्व का सबसे ताक़तवर राष्ट्र ,,विकसित राष्ट्र
,सुरक्षित राष्ट्र बना लो ,प्लीज़ ,इस लोकतंत्र को बचा लो ,,क्योंकि यही
वोह लोकतंत्र है जिसकी वजह से हम ,हमारा देश ज़िंदाबाद है ,इसे ज़िंदाबाद रखो
,,आबाद रखो ,,,जनता का शासन जनता द्वारा जनता के लिए बनाये रखो ,,कलेक्टर
,,एस पी ,,मंत्री ,,प्रधानमंत्री ,,राष्ट्रपति से आम लोगो को जो इन्हे
चुनते है दूर मत रखो ,,इन्हे पर्ची देकर मिलने ,घंटो बिठाने ,,इनकी सुनवाई
किए बगैर इन्हे भगादेने की वर्षो पुरानी अंग्रेजी हुकूमत की बंदिशों को
खत्म कर इस लोकतंत्र को लोकतंत्र बनालो ,प्लीज़ इसे बचा लो ,,अख्तर खान
अकेला कोटा राजस्थान

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