उधर के लोगों में एक पीढ़ी बोल नहीं सकती। अटल बिहारी वाजपेयी, जसवंत सिंह,
जार्ज फर्नांडिस। काश! वो बोल सकते। एक और पीढ़ी है जो बोलती नहीं है।
अन्ना हज़ारे ,,लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी। बिल्कुल चुप हो गई है।
एक पीढ़ी है जो बोलने की कोशिश कर रही है मगर कोई गंभीरता से सुनने को तैयार नहीं है। इस पीढ़ी की मुखर आवाज़ यशवंत सिन्हा,,क्षत्रुधन सिन्हा ,,प्रवीण तोगड़िया ,,सुब्रमण्यम स्वामी,, हैं।
अगली-पिछली पीढ़ी में कुछ किरदार डर के साए में नज़र आते हैं।
कौन डरा रहा है?
क्यों डरा रहा है?
इस डर के आगे क्या है??
जीत....???Anoop Aakash Verma ,, की वाल से ,,
एक पीढ़ी है जो बोलने की कोशिश कर रही है मगर कोई गंभीरता से सुनने को तैयार नहीं है। इस पीढ़ी की मुखर आवाज़ यशवंत सिन्हा,,क्षत्रुधन सिन्हा ,,प्रवीण तोगड़िया ,,सुब्रमण्यम स्वामी,, हैं।
अगली-पिछली पीढ़ी में कुछ किरदार डर के साए में नज़र आते हैं।
कौन डरा रहा है?
क्यों डरा रहा है?
इस डर के आगे क्या है??
जीत....???Anoop Aakash Verma ,, की वाल से ,,
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