एक रुंधे हुए गले से
रोते हुए दिल की
आवाज़ है यह ,,,,
ज़रा तुम भी सुन लो,,
में शर्मिंदा हूँ
मेरा प्यार ,
मेरा भाईचारा खो गया ,,
में क्या करूँ
में भी सियासी हो गया ,,अख्तर
रोते हुए दिल की
आवाज़ है यह ,,,,
ज़रा तुम भी सुन लो,,
में शर्मिंदा हूँ
मेरा प्यार ,
मेरा भाईचारा खो गया ,,
में क्या करूँ
में भी सियासी हो गया ,,अख्तर
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