इन अज्ञानी सियासी लोगो ,,बिकाऊ मिडिया से कोई यह पूंछे ,,किसी महिला को
ट्रिपल तलाक़ ,,किसी क़ानून में पहले से ही मान्य नहीं ,,ऐसे व्यक्ति के
खिलाफ 498 ए आई पी सी में मुक़दमा दर्ज होता ,,है ,,तीन साल की सज़ा का
प्रावधान है गैर ज़मानती अपराध है ,ऐसी महिलाओं को 125 सी आर पी सी
,,,घरेलु हिंसा अधिनियम के तहत ,,खुद को उसके नाबालिग बच्चो को गुज़ारा खर्च
दिलवाने का प्रावधान है ,,महर वसूली का ,,पृथक से क़ानून में प्रावधान पहले
से ही है ,,देश की सभी अदालतों में ट्रिपल तलाक़ के बाद भी ,,498 ए आई
पी सी में मुक़दमे दर्ज होकर विचाराधीन है ,,कोटा में हम जिस फरियादी
महिलाओ की तरफ से हम वकील जिनमे थे उसमे ऐसे पतियों को सज़ा भी मिली है
,,,उनकी ज़मानत में दिक़्क़ते भी आयी है ,,,जो क़ानून ,,जो प्रावधान ,,जो
विकल्प पहले से ही देश के प्रचलित क़ानून में है ,,उसे सिर्फ एक डेढ़ पेज का
कथित क़ानून बनाकर ,,देश को कहना के इससे मुस्लिम महिलाओ को इन्साफ मिलेगा
,,,देश की जनता के साथ धोखा नहीं तो और क्या है ,,,जनाब ,,,मिडिया कर्मी जो
बिकाऊ होकर एक तरफा वाणी बोल रहे है ,,सिर्फ दस दी ,,देश की सभी पारिवारिक
न्यायालयों ,,,घरेलू हिंसा सुनवाई मामलो की अदालतों ,,विशेष महिला अदालतों
,,विशेष सेशन महिला अदालतों के बाहर उत्पीड़ित महिलाओ के साक्षात्कार ले ले
,,देश को पता लग जाएगा के परेशानी किन महिलाओं ,,किस समाज से जुडी महिलाओं
में है ,,,,,,,अफ़सोस देश की महिलाओ के साथ ऐसा धोखा ,,क्यों हो रहा है
,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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