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08 दिसंबर 2017

राजस्थान पुलिस के सिरमौर बने ,,ओमप्रकाश गहलोत्रा ,,के लिए राजस्थान के बिगड़े हालत चुनौती बनकर सामने है

राजस्थान पुलिस में अपने दम ख़म ,,क़ाबलियत के आधार पर ,,आउट ऑफ़ टर्न ,,राजस्थान पुलिस के सिरमौर बने ,,ओमप्रकाश गहलोत्रा ,,के लिए राजस्थान के बिगड़े हालत चुनौती बनकर सामने है ,,अगर वोह सरकार और सरकार में बैठे लोगो के इंस्ट्रूमेंट बनकर काम करेंगे तो शायद वोह इस व्यवस्था को सँभालपाने में नाकामयाब होंगे ,,उन्हें सियासी महरबानियो को भुलाकर ,,राजस्थान के हर ज़िले ,हर पुलिस बीट का कच्चा चिटठा पहले तो सिफारिशों ,,और महरबानियो के दम पर लगे अधिकारियो से मंगवाना होगा ,,फिर उस बीट ,,थानाक्षेत्र ,सर्किल ,,ज़िले की सभी अपराध और अपराध नियंत्रण सहित ,,हस्तक्षेप करने वालो की सूचि का क्रॉस चेक ,,अपनी निजी टीम से करवाने के बाद कार्यवाही की कमर कसना होगी ,,वरना उनके पुलिस महानिदेशक बनते ही ,एक एनकाउंटर ,,एक नौसिखिये द्वारा धर्मान्धता भड़काने की साज़िश के साथ निहत्थे की कायराना हत्या ,,,बूंदी अदालत परिसर में पेशी पर आये अपराधी पर पुलिस की उपस्थिति में जानलेवा हमला ,,और कोटा अदालत परिसर से पक्षकार के अपहरण सहित कई घटनाये उनके लिए चुनौती बनकर सामने है ,,,ओ पी गहलोत्रा की निष्पक्ष ,,चुस्त दुरुस्त ,निर्भीक पुलिसिंग का कोटा गवाह ,है ,,कोटा के फसादात के दौरान ,अपनी जान की परवाह किये बगैर इन्होने दंगाइयों से मोर्चा लिया ,दंगाइयों पर इन्होने गोलियां बरसा कर उन्हें धराशाही किया और कोटा के दंगाई माहौल को इन्होने काबू में करने में कामयाबी हांसिल की ,,,,इनके खिलाफ भार्गव जांच आयोग में निहत्थों पर गोलियां चलाकर उन्हें मारने के आरोप भी लगे ,,लेकिन यह सुर्खुरू हुए और आज जब यह देश की पुलिस के सिरमौर इनकी अतिरिक्त क़ाबलियत की वजह से आऊट ऑफ़ टर्न बनाये गए है ,तो यह नहीं समझना चाहिए के यह किसी की महरबानी से हुआ है ,,यह इनकी क़ाबलियत है ,,लेकिन अब ,,राजस्थान में नफरत के मानसिक दबाव के इस माहौल में इन्हे तात्कालिक बूंदी पुलिस अधीक्षक पंकज चौधरी का रोल अदा करना होगा ,,सिर्फ एक नज़र ,एक क़ानून ,,अपराधी कौन है ,,अपराध कौन भड़का रहा है ,,,उसके खिलाफ क्या सख्त कार्यवाही करना है ,फिर वोह किसी पार्टी ,,का सांसद हो ,विधायक हो ,कार्यकर्ता हो ,,यह सब दबाव उन्हें नज़र अंदाज़ करना होगा ,,उनके कोटा प्रशिक्षु कार्यकाल की ,चुनौतीपूर्ण पुलिसिंग को उन्हें पुरे राजस्थान में सख्ती से लागू करना होगी ,तब कहीं राजस्थान में आम जन में पुलिस का विश्वास ,और बदमाशों में पुलिस का डर वाली कहावत चरितार्थ हो सकेगी ,,वरना जयपुर में बैठकर वी आई पी लोगो के कल्चर में ,,अपना कार्यकाल पूरा करने वाले पुलिस अधिकारियो की तो एक बढ़ी फहरिस्त ,,पुलिस महानिदेशक के दफ्तर में बोर्ड पर लिखी है ,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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