आपका-अख्तर खान

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06 नवंबर 2017

कोटा में ,,,जहां कोचिंग हब है ,जहां सभी सहूलियतें ,,हर तरह का शैक्षणिक माहौल है ,वहां डॉक्टर ,,इंजीनियर और दूसरी शिक्षा के लिए,,, कोचिंग ,,,,परवाज़ क्यों नहीं कर सकते ,

शाहीन की ,,बुलंद परवाज़ ,,कोचिंग छात्र छात्राओं के लिए ,,,दूरदराज़ इलाक़े दक्षिणी भारत के ,,कर्नाटक बिदर में ,,अपनी बुलंदियां छू सकती है ,,तो  कोटा में ,,,जहां कोचिंग हब है ,जहां सभी सहूलियतें ,,हर तरह का शैक्षणिक माहौल है ,वहां डॉक्टर ,,इंजीनियर और दूसरी शिक्षा के लिए,,, कोचिंग ,,,,परवाज़ क्यों नहीं कर सकते ,,,कर्नाटक के बिदर क्षेत्र से ,,,शुरू हुए शाहीन कोचिंग इंस्टीटियूट आज बुलंदी पर है ,,,वहां से,,, हर साल चार सो बच्चे बच्चियां ,,,सरकारी मेडिकल कॉलेजों में ,,,सेलेक्ट होकर,, डॉक्टर बनने जाने लगे है ,,,,शाहीन ग्रुप ऑफ़ इंस्टीटियूट के सचिव ,,डॉक्टर अब्दुल क़ादिर ने ,,,,कोटा सर्वोदय पैरामाउंट स्कूल में ,,,पिछले दिनों,, तालीमी कारवां ,,मोटिवेशन कार्यक्रम में ,,,कोटा के शिक्षा विदो ,,समाजसेवकों ,,मुस्लिम कल्याण की बात करने वाले ,,,सभी लोगो के ज़मीर को ललकारते हुए कहा ,,,जब कोटा में ,,,दूसरे इंस्टीटिटयूट ,,,,,अपने बच्चो को सहूलियतें देकर,,,, डॉक्टर ,इंजीनियर बना रहे है ,,,तो ऐसे में ,,हम,,, जब हमारे पास भवन है ,,साधन है ,,हौसला है ,,,एक से एक ,,,आला दर्जे के फेकेल्टी इंचार्ज है ,,क़ाबिल बच्चे है ,,कोटा का शैक्षणिक वातावरण है ,,तो हम कोटा में क्यों अब तक ,,,गरीब ,,ज़रूरत मंद प्रतिभावान बच्चो को उनके मक़सद में कामयब करने के लिए कोचिंग सुविधा नहीं दे पा रहे है ,,इस तरफ ,,,अगर हमने,,, पहल की तो तालीमी कारवां का कोटा पहुंचकर तब्लीग करना सार्थक हो जाएगा ,,,डॉक्टर अब्दुल क़दीर ने शाहीन कोचिंग ,,के विकास की गाथा बयान करते हुए कहा ,,में एक इंजीनियर था ,,लेकिन मुझे इंजिनयरिंग छोड़ कर,, बच्चो को पढाकर कुछ कामयाब बनाने की धुन सवार हुई ,,एक छोटा सा कमरा ,,कुछ बच्चियां कुछ बच्चे जो सिर्फ सत्राह की तादाद में थे ,,बढ़ी मुश्किलों में उनकी कोचिंग कर उन्हें शैक्षणिक माहौल दे पाए ,,,हाथ तंग ,,ससुराल वाले नाराज़ ,,कहते ,,,हमने तो इंजीनियर को बेटी दी है ,,यह मास्टर कैसे बन गए ,,सभी का विरोध झेलने के बाद भी ,,पहला बेच पढ़ाया ,,,अल्लाह का शुक्र हुआ ,,,,सत्राह में से चार बच्चे ,,,सरकारी मेडिकल कॉलेज में चयनित हुए ,,एक मेडिकल कॉलेज,,,, जो निर्माणाधीन था ,,,जब उनके स्टूडेंट को दिखाने ले गए ,,तो मेडिकल कॉलेज प्रबंधको ने मज़ाक़ उढाने के अंदाज़ में कहा ,,एक छोटे से स्कूल ,,छोटे से कोचिंग के बच्चो को आप ,,,यहां लाकर क्या साबित करना चाहते है ,,डॉक्टर अब्दुल क़ादिर के पास जवाब नहीं था ,,,खेर कोचिंग आये ,,बच्चो में फीस की परवाह किये बगैर पढ़ाई का जज़्बा पैदा किया ,, ,,मेडिकल कॉलेज को भी मान्यता मिली ,,जो स्टूडेंट मेडिकल कॉलेज को देखने गए थे ,,शाहीन कोचिंग के वोह छात्र,,, उसी मेडिकल कॉलेज में एम बी बी एस में प्रवेशित हुए ,,,मेडिकल कॉलेज प्रशासन दंग था ,,इतनी जल्दी कोई कोचिंग ,,बिना सुविधाओं ,के चलते कम फीस में गरीब छात्र छात्राओं को कैसे कामयाब बना सकता है ,,लेकिन अल्लाह को कामयाब करना था ,,महनत की लगन थी ,,अल्लाह ने असबाब पैदा किये ,,आज माशाअल्लाह शाहीन ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूट के दो से चार सो बच्चे मेडिकल परीक्षा की मेरिट में आते है सरकारी मेडिकल कॉलेज में प्रवेशित होते है ,,डॉक्टर अब्दुल क़दीर ने कोटा के शैक्षणिक माहौल में मुस्लिम छात्र छात्राओं के पिछड़ेपन को दूर करने के लिए कोटा के शिक्षाविदों ,,समाजसेवकों ,,भामाशाहो को एक जुट होकर एक कोचिंग ऐसा खोलना चाहिए जहां के अधिकतम छात्र छात्राये डॉक्टर ,,इंजीनियर के लिए सेलेक्ट हो वोह भी सरकारी कॉलेजों के लिए ,,,,उनका यह चेलेंज ,,उनकी यह ललकार सभी को अचानक असहज कर देने वाला था ,,सभी को ललकारने वाला था ,,आंतरिक आंकलन करवाने वाला था ,,सोचने पर मजबूर करने वाला था ,,आखिर कोटा में शैक्षणिक माहौल होने के बाद भी ,,हमारे गरीब छात्र छात्राओं के उचित मार्गदर्शन ,,कोचिंग शिक्षण के लिए न्यूनतम फीस पर ,,यह शैक्षणिक सुविधाएं हम क्यों नहीं दे पाए ,,लेकिन शिक्षाविद सर्वोदय पैरामाउंट के निदेशक हाजी गफ्फार मिर्ज़ा ने इस चेलेंज को स्वीकार किया ,,उन्होंने शाहीन इंस्टीट्यूट के डॉक्टर अब्दुल क़दीर से आह्वान किया ,,आप हमे मार्दर्शन दे ,,हम आपको भवन ,सुविधाएं देंगे ,,,हम छात्र छात्राओं का चयन करेंगे ,,,फीस और दूसरे खर्चो की भी व्यवस्था करेंगे ,,लेकिन हमारे कोटा के छात्राओं के शैक्षणिक मोटिवेशन के लिए शाहीन की परवाज़ की तरह एक शैक्षणिक मददगर मार्गदर्शक इदारा चाहिए ,,हाजी गफ्फार मिर्ज़ा के कोचिंग के प्रति इस उत्साह को अल्लाह कामयाब कर एक बेहतरीन कोचिंग सुविधा निशुल्क या कम शुल्क वाला कोटा के छात्र छात्राओं के लिए बने ऐसी सभी की दुआए है ,,,,तालीमी कारवाँ में राशिद अगवान ,,सत्तार भाटी ,,नईम फलाही ,,अब्दुल रशीद अंसारी ,,शफी अनवरी डॉक्टर मुज़फ्फर हुसैन ,,,इलियास मोहम्मद ,,रियाजुद्दीन ,,क़य्यूम अंसारी ,,सहित कई लोग शामिल थे ,,जो देश भर में घूम कर शिक्षा की अलख जगा रहे है ,,,कार्यक्रम का सफल संचालन भाई रफ़ीक बेलहिंम ने किया ,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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