केंद्रीय वक़्फ़ क़ानून के विधिक प्रावधान धारा 83 के विधिक प्रावधान में
वक़्फ़ मामलों की सुनवाई के लिए तीन सदस्यों के ट्रिब्यूनल के गठन की
अनिवार्यता होने पर भी राजयसरकारो द्वारा सुप्रीमकोर्ट के आदेश के बाद भी
राजस्थान सहित दूसरे राज्यों में वक़्फ़ ट्रिब्यूनल गठन नहीं करने के मामले
में ,,अवमानना याचिका दायर करने की तैयारियां शुरू हो गयी है ,,एड्वोेकेट
अख्तर खान अकेला ने बताया के ,,,रिपोर्टेबल सिविल अपील संख्या 14565 /2015 ब
उनवान लाल शाह दरगाह बनाम महाराष्ट्र स्टेट मामले में सुनवाई
के बाद सर्वोच्च न्यायालय की डबल बेंच एम वाई इक़बाल एवं सी नागप्पन दो
जजों ने अपने आदेश में तीन सदस्यी ट्रिब्यूनल गठित नहीं करने पर एकल सदस्य
टिब्यूनल के आदेश को गैरक़ानूनी क़रार देते हुए ,,सरकारों को चार माह में तीन
सदस्यी ट्रिब्यूनल गठन के सख्त आदेश दिए थे ,,,उक्त निर्णय के प्रतिलिपि
दिसम्बर 2015 में राजस्थान के मुख्य सचिव सहित भारत के सभी राज्यों के
मुख्यसचिवों को सख्त निर्देशों के साथ प्रतिलिपि भेजी थी ,लेकिन दो वर्ष से
भी अधिक गुज़रने के बाद भी राजस्थान सरकार सहित देश की सरकारे इस मामले में
गंभीर नहीं है ,,हालात यह है के राजस्थान में वक़्फ़ विवादों के निस्तारण का
कोई विधिक धनी ढोरी नहीं है ,,,एडवोकेट अख्तर खान अकेला ने कहा इस मामले
में राजस्थान सरकार को कई बार उक्त सुप्रीमकोर्ट के आदेश की प्रति के साथ
ट्रिब्यूनल गठित करने के लिए पत्र लिखे जा चुके है ,लेकिन अब तक उक्त वक़्फ़
ट्रिब्यूनल गठित नहीं होने से सुप्रीम कोर्ट के उक्त आदेश के तहत सभी एकल
ट्रिब्यूनल आदेश गैर क़ानूनी साबित होंगे ,,इस मामले में अख्तर खान अकेला की
तरफ से शीघ्र ही राजस्थान के मुख्यसचिव सहित सभी राज्यों के खिलाफ अवमानना
कार्यवाही दायर की जायेगी ,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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