राजस्थान वक्फबोर्ड में राज्यसभा सदस्य के रिक्त पद पर छह माह में चुनाव
करवाने के राजस्थान हाईकोर्ट के कठोर आदेश के बाद ,,राजस्थान वक़्फ़ बोर्ड
में अनियमितता के खिलाफ एक जंग टोंक के समाज सेवी सय्यद नज़ीर हसन ने जीत ली
है ,,,वक़्फ़ बोर्ड राजस्थान में पिछले कई दिनों से अनियमित कार्यवाहियों से
राजस्थान सरकार सहित राजस्थान का हर मुस्लिम समाज का व्यक्ति नाराज़ है
,,खुद भाजपा के अध्यक्ष अशोक परनामी ने पिछले दिनों अनियमित कार्यवाही में
हस्तक्षेप कर ,,वक़्फ़ बोर्ड चेयरमेन की अध्यक्षता में लिए गयी फैसलों को
,,मुख्यमंत्री कार्यालय के माध्यम से हेल्ड अप करवा दिए थे ,,जो आज तक बहाल
नहीं हुए है ,,चेयरमेन को भी मुख्यमंत्री कार्यालयः और भाजपा कार्यालय में
तलब कर कढ़ी फटकार लगाई गई थी ,,,वक़्फ़ बोर्ड ने पिछले दिनों राज्यसभा अश्क
अली टाक का कार्यकाल समाप्त होने पर भी इस कोटे के सदस्य का पद भरने के लिए
,चुनाव नहीं करवाए ,,ऐसे में अनियमित बोर्ड की सभी कार्यवाहियां निरस्त
करने ,,,दोषी लोगो के खिलाफ कार्यवाही करने और ,,राज्यसभा कोटे का रिक्त पद
शीघ्र ही ,,विधिवत चुनाव करवाकर टोंक के समाज सेवक सय्यद नज़ीर हसन ने
राजस्थान हाईकोर्ट के समक्ष एक जनहित याचिका दायर की थी ,,जिसमे सुनवाई के
बाद जस्टिस आलोक शर्मा ने मुख्य सचिव से जवाब तलब कर विस्तृत शपथ पत्र देने
को कहा , मुख्य सचिव इस मामले में गोलमोल शपथ पत्र देते रहे ,,हाईकोर्ट
जज आलोक शर्मा ने कढ़ा रुख अपनाते हुए ,,,मुख्यः सचिव को व्यक्तिगत उपस्थित
रहने के निर्र्देशो के साथ स्थिति स्पष्ट करने को कहा ,,,मुख्य सचिव खुद
हाईकोर्ट के समक्ष उपस्थित हुए और उन्होंने ,,राज्य सभा के रिक्त पद को
भरने के लिए विधिवत अधिसूचना जारी करने और शीघ्र ही इस पद पर चुनाव करवाकर
नए सदस्य के निर्वाचन का आश्वासन दिया ,,तब हाईकोर्ट ने वक़्फ़ अधिनियम की
धारा 14 के विधिक प्रावधान के तहत छह माह में चुनाव की मुख्य सचिव की
अंडरटेकिंग के बाद उक्त निर्देशों की पालना के आदेश के साथ जनहित याचिका का
निस्तारण किया ,,,राजस्थान वक़्फ़ बोर्ड के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है
,,जो राजस्थान वक़्फ़ बोर्ड और उनके अधिकारीयों की लापरवाही की वजह से
,,मुख्य सचिव को खुद हाईकोर्ट के समक्ष पेशी पर उपस्थित होकर सफाई देना पढ़ी
हो ,,,और उनकी खिंचाई हुई हो ,,इस कारण लगता है के अब ,,वक़्फ़ बोर्ड के
अधिकारियो में से किसी ज़िम्मेदार अधिकारी पर भी गाज गिरेगी ,,नए राज्य सभा
कोटे के सदस्य चुनाव में ,,अश्क अली टाक या फिर नवाब दुर्रू मिया दो में से
एक का निर्वाचन तय है क्योंकि उक्त सदस्य पूर्व सदस्य है और वर्तमान सदस्य
नहीं होने से इन्ही दो पूर्व सदस्यों में से निर्वाचन होना है ,,,,वक़्फ़
बोर्ड की भयंकर अनियमितताओं की वजह से राजस्थान का मुस्लिम दुखी है ,,सरकार
भी ऐसी अनियमितताओं को लेकर काफी बदनाम हुई है ,खुद भाजपा संगठन बदनाम हुआ
है इसीलिए तो वक़्फ़ बोर्ड सीधे महारानी वसुंधरा सिंधिया और भाजपा प्रदेश
अध्यक्ष अशोक परनामी के निशाने पर है ,,,वक़्फ़ बोर्ड चेयरमेन की इससे बढ़ी
नाकामी क्या होगी के कोटा की वक़्फ़ सम्पति क़ब्रिस्तान को तोड़ने की धमकी
उन्ही की पार्टी के विधायक खुलेआम देकर गए हो और वक़्फ़ बोर्ड चेयरमन दब्बू
बनकर बैठ गए हो ,,वोह बचाव में मुखर होकर नहीं आये ,,उनकी नाकामयाबी इससे
भी साबित है के सरकार का कार्यकाल खत्म होने आया ,,लेकिन वोह राजस्थान की
जिला वक़्फ़ कमेटियों का पुनर्गठन कर अपनी विचारधारा के लोगो को कार्यभार
नहीं दिलवा सके है ,,उलटे उन्होंने अबू ,,जयपुर ,,टोंक सहित वक़्क़
सम्पत्तियों को नुकसान पहुंचाने की कार्यवाही कर ,,किरायेदारी में
विधिविरुद्ध किरायेदारी कर वक़्फ़ को भविष्य के लिए करोडो रूपये का नुकसान
पहुँचाया है ,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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