हमारे देश में चार साल पहले ,,अराजकता और सरकारी हठधर्मिता का ,,जो माहौल
था ,,आज वही हाल बदली हुई सरकार के शासन में भी है ,,वही हठधर्मिता ,,,वही
मौनानुकूलता ,,वही ख़ामोशी ,,वही बदले की भावना के हमले ,,वही झूंठ ,,वही
फरेब ,,वही शासन तंत्र ,,,आम लोगो के खिलाफ वही रवय्या ,,बस फ़र्क़ इतना है
,,उद्योपतियों से यारी है ,,मीडिया से सेटिंग है ,,,,,ब्लाइंड फैथफुलियों
की ,,सोशल मीडिया पर ,,वेतनभोगी टीम है ,,,दुश्मन देश पाक्सितान के
प्रधानमंत्री से जाकर मिलना फिर दुबारा इंकार करके मिलना ,,नई बात है ,,अब
चुनाव में नतीजे क्या आएंगे ,,प्री पोल तो हो गया भाई ,,,ई वी एक करिश्मा
भी अब शायद मदद न कर सके ,,अख्तर
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