यह क़र्ज़ माफ़ी का गंदा और नंगा खेल क्यों ,,,जब क़र्ज़ लिया जाता है ,,तो
चुकाने की शर्त होती है ,,सुविधाएं प्राप्त कर रोज़गार ,,औद्योगिक विकास और
फसल के उत्पादन की खुली छूट होती है ,,लेकिन फिर उद्योपतियों के अरबो खरबो
रूपये के क़र्ज़ माफ़ क्यों ,,किसानो के क़र्ज़ माफ़ क्यों ,,,हमारे टेक्स के
,,,खरे पसीने की कमाई को सरकार चाहे वोह हमारी रही हो या फिर अभी वर्तमान
हमारे मुखालिफ सरकार हो ,,,यह क़र्ज़ माफी की निति देश को ,,महमूद ग़ज़नवी को
लूटने के समान ही में कहता ,,हूँ ,,,कोई परेशानी में है ,,उसे मुआवज़ा दो
,,फसल बिगड़ गई ,,मुआवज़ा दो ,,उद्योग किसी वजह से नष्ट हो गए मुआवज़ा दो
लेकिन यह क़र्ज़ माफ़ी ,,देश के एक बढे तबके ,,एक बढे वर्ग को चोर ,,महाचोर
,,भ्रष्ट ,,और भिखारी बनकर देश को दीमक की तरह से चाट रहा है ,,अख्तर खान
अकेला कोटा राजस्थान

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