फेसबुक या सोशल मिडिया पर,, अगर ,,कांग्रेस विचारधारा के कट्टर कोंग्रेसी
लोग होते ना ,,तो सच ,,ब्लाइंड फेथफुलियर्स ,,की हर झूंठ हर बकवास का जवाब
एक जुट होकर देते ,,लेकिन यहां शायद कोंग्रेसी नहीं सिर्फ और सिर्फ
व्यक्तियों के भक्तजन है ,,,,वरना ऐसी टिप्पणियों पर वोह भी ब्लाइंड
फेथफुलियर्स शालीन भाषा में जवाब देने के लिए मैदान में उतरे होते ,लेकिन
ऐसे लोगो ने शायद उनके साथ जाने का ऑप्शन खुला रखा है ,,इसलिए खुलकर
,,बोलकर ,,लिखकर विरोध करना नहीं चाहते ,,,एक कड़वा सच यह भी है ,,वरना
हज़ारो ,हज़ार कोंग्रेसियों के बीच ,,कांग्रेस और उनके नेताओ के लिए बकवास
हो ,,झूंठ हो चंद मुट्ठीभर लोग आकर करते है और ऐसे कथित कोंग्रेसी जो
पदाधिकारी भी बने बैठे है देखते है ,,पढ़ते है खामोश हो जाते ,है ,,शायद यह
अभी इसलिए सीधे मुक़ाबला कर ,,सीधे कमेंट कर बुरा नहीं बनना चाहते जब वोह
लवली सिंह ,,रीता बहुगुणा जैसे लोगो की तरह मौक़ा मिलते ही उनके साथ जाकर
उनमे शामिल होकर बैठे तो उन्हें मंत्री वगेरा जैसे लाभकारी पद मिल जाए
,,,कांग्रेस की सोशल मीडिया सेल में भी ऐसे ही खामोश रहने वाले घुसपैठिये
लगते है जो ,,,, राहुल गांधी ,,,जो सोनिया गाँधी जैसे नेताओ ,,स्वर्गीय
नेहरू ,,स्वर्गीय राजीव गाँधी ,,स्वर्गीय इंद्रा गाँधी के खिलाफ बेहूदा
भाषाओ का न तो जवाब देते है न ही मुक़दमा दर्ज कराते ,है ,,, अख्तर
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