साहिब किसान समाजकंटक ही सही ,,साहिब ,,किसान जीन्स पहनने वाले ही सही
,,साहिब किसान कोंग्रेसी या दूसरी किसी पार्टी के ही सही ,,,लेकिन उनकी मोत
तो हुई है ,,आपके मुताबिक़ ,,पुलिस की गोलियों से नहीं ,,,लेकिन जब आप
ब्रिटेन और दूसरे देशो में एक दो लोगो की मोत पर ,,लिखकर ,,बोलकर ,,बयान
देकर अफ़सोस जताते रहे है ,तो मध्य्प्रदेश ,,मंदसौर तो हमारे भारत में ही
है ,मरने वाले भारतीय ही ,,है और सरकार भारतीय पार्टी की ही है ,,दो शब्द
,,नैतिकता के नाम पर अफ़सोस के रूप में तो जता देते ,,यह तो पता है ,,के आप
जब बोलोगे तो सबकी बोलती बंद कर दोगे ,,लेकिन किसान पुत्र बनकर ही सही
,,किसान बनकर ही सही ,,अन्नदाताओं के लिए ही सही ,,लच्छेदार भाषणों में ही
सही ,,जुमलों में ही सही ज़रा रस्मन इन मौतों पर ,,अफ़सोस तो जता दीजिये
साहिब ,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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